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Rewari News: खाद न मिलने से फसलों सिंचाई नहीं कर पा रहे किसान, उत्पादन प्रभावित होने का सताने लगा डर

Rohtak Bureau रोहतक ब्यूरो
Updated Thu, 24 Nov 2022 11:42 PM IST
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Farmers are unable to irrigate crops due to non-availability of fertilizers, fear of affecting production
नई अनाज मंडी में खाद के लिए कतार में खड़े किसान। संवाद - फोटो : Rewari
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रेवाड़ी। जिले में डीएपी के बाद अब यूरिया खाद की किल्लत की वजह से सैकड़ों किसानों को लंबी लाइनों में लगने के बाद शाम को मायूश होकर घर लौटना पड़ रहा है। शहर की नई अनाज मंडी में खाद की 3 सरकारी दुकानें हैं, जिनमें किसी भी दुकान पर खाद नहीं मिल रहा। जिसके कारण किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
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जिला में खाद के अभाव में फसलें प्रभावित हो रही है। बुधवार को खाद के बैग आए थे, लेकिन किसानों की अधिक भीड़ होने के कारण हाथोंहाथ खत्म हो गए थे। जिला में अभी तक डीएपी के दो लाख व यूरिया के करीब तीन लाख बैग किसानों को दिए जा चुके हैं। जिले में लगभग 32 हजार हेक्टेयर में गेहूं व करीब 60 हजार हेक्टेयर में सरसों की बिजाई हुई है। समय पर खाद नहीं मिलने से फसलों की समय पर सिंचाई नहीं हो पा रही है। किसानों ने बताया कि सिंचाई से पहले खेतों में खाद का छिड़काव किया जाता है।
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रबि फसल गेहूं व सरसों की सिंचाई का समय आ चुका है और खाद न मिलने की वजह से सिंचाई प्रभावित हो रही है। खाद न मिलने की वजह से ज्यादातर किसानों ने अभी सिंचाई रोक रखी है, लेकिन कुछ किसान ऐसे भी हैं जिन्होंने लंबे इंतजार के बाद फसल में पानी दे दिया है। हालांकि कुछ किसानों ने बताया कि उनके खेत में चिकनी मिट्टी है, जिसकी वजह से बिना खाद पानी फसल को उपजाऊ बनाने में विफल साबित होता है।
दुकानों पर एक तरफ खाद लेने वाले किसानों की लंबी कतार है तो वहीं दूसरी तरफ उनके पास पर्याप्त मात्रा में खाद नहीं आ रहा, जिसकी वजह से भारी मात्रा में किल्लत देखने को मिलती है। किसानों ने बताया कि वो पिछले 5-6 दिन से सरकारी दुकानों के चक्कर काट रहे हैं लेकिन अभी तक खाद नहीं मिली है। जिसकी वजह से उन्हें वापिस मायूस होकर घर लौटना पड़ रहा है।
उन्होंने बताया कि पहले डीएपी खाद की किल्लत थी और अब यूरिया की कमी के चलते भारी परेशानी झेलनी पड़ रही है। सिंचाई से पहले खाद दी जाती है ताकि फसल अधिक उपज दे, लेकिन खाद की किल्लत की वजह से फसल का भी नुकसान हो रहा है। इस बीच कुछ किसान मजबूर होकर खाद से पहले ही फसल की सिंचाई कर रहे हैं। हालांकि खेत में चिकनी मिट्टी की वजह से कुछ किसान सिंचाई नहीं कर पाए, उन्हें खाद देने के बाद ही खेत की सिंचाई करनी पड़ेगी। इस वजह से उनकी फसल भी सूखती जा रही है।
मैं रोज सर्दी में अपने गांव से बाइक से खाद की लाइन में लगने आता हूं। बिना खाद लिए शाम को मायूश होकर यहां से वापस अपने गांव जाता हूं, लेकिन अब क्या करें, जिस दिन किस्मत में होगा उसी दिन मिल जाएगा। मजबूर होकर मैंने खेतों में पानी भी दे दिया है, अब उसके बाद खाद दूंगा।
- धर्मू, भिवाड़ी
5 दिन से सरकारी दुकानों के चक्कर काट रहा हूं लेकिन अभी तक खाद नहीं मिली। मैंने रेवाड़ी के अलावा कई अन्य जगह भी प्रयास किया है। अभी खाद हर जगह खत्म है और शायद 10-15 दिन तक आयेगी भी नहीं। प्रशासन को किसानों की समस्या समझनी चाहिए।
अशोक कुमार, माजरा गुरुदास
मैं पहली बार आया हूं, लेकिन खाद नहीं मिल रही। को-आपरेटिव सोसाइटी के चक्कर काट रहा हूं लेकिन अभी तक तो खाद मिली नहीं है। किसान हैं अब क्या कर सकते हैं, सरकार हमारी सो रही है। ये लोग यहां खाद की गा ड़ियों को गायब कर रहे हैं, लेकिन क्या करें।
-राजकुमार, चांदावास
मैं अब लाइन में लगते-लगते परेशान हो चुका हूं लेकिन खाद नहीं मिल रहा। हमारे घर भी तो काम धंधा है, उसे छोड़कर यहां सुबह आकर लाइन में लग जाते हैं, लेकिन अब क्या करें मजबूरी है। समस्या तो बहुत हैं लेकिन अब सुनने वाला कौन है।
-कृष्ण कुमार, देवलावास
हम अपनी तरफ से पूरी कोशिश कर रहे हैं, लेकिन खाद की बहुत ज्यादा किल्लत है। उच्च अधिकारियों को अवगत कराया दिया है। जल्द ही खाद आने की संभावना है।
-अनिल कुमार, खाद विक्रेता, को-ऑपरेटिव सोसाइटी।
हमारे यहां इस महीने आने की कोई संभावना नहीं है। दिसंबर में खाद आने की संभावना है। लेकिन हम अपनी तरफ से पूरी कोशिशि कर रहे हैं, जल्द गाड़ी मंगाकर लोगों को खाद दी जाएंगी।
-रामफल, खाद विक्रेता, हरियाणा भूमि सुधार केंद्र।
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