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Rewari News: ‘निहाल’ की उपस्थिति ने दर्शकों को किया निहाल
संवाद न्यूज एजेंसी, रेवाड़ी
Updated Wed, 17 Dec 2025 12:05 AM IST
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कार्यक्रम में एक मंच पर आए अतिथिगण साथ में पूर्व सैनिक व बच्चे। स्रोत : प्रवक्ता
- फोटो : स्रोत: पुलिस
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रेवाड़ी। रेजांगला के अमर शहीदों की स्मृति में विजय दिवस और शहीद सम्मान समारोह का आयोजन रेजांगला पार्क में किया गया। उपस्थित अतिथियों, शहीद परिवारों और नागरिकों ने शहीदों को नमन किया। कार्यक्रम में शहीद परिवारों, वीरांगनाओं, वरिष्ठ नागरिकों, विद्यार्थियों, समाजसेवियों और सैन्य समुदाय के अलावा उत्कृष्ट कार्य करने वालों को सम्मानित किया गया।
समारोह में मुख्य अतिथि हरियाणा सरकार के पूर्व मंत्री कैप्टन अजय सिंह यादव रहे। अध्यक्षता सेवानिवृत्त आईजी सीआरपीएफ आरके यादव ने की जबकि आईटीबीपी के कमांडेंट अशोक कुमार विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। कार्यक्रम को विशेष गौरव उस समय प्राप्त हुआ जब रेजांगला युद्ध के 120 वीर जवानों में से एक निहाल सिंह की ऐतिहासिक उपस्थिति रही। उनके सम्मान में पूरा पंडाल तालियों से गूंज उठा।
मुख्य अतिथि कैप्टन अजय सिंह यादव ने कहा कि 16 दिसंबर 1971 भारत के शौर्य और निर्णायक नेतृत्व का प्रतीक है। इंदिरा गांधी के नेतृत्व में भारत ने पाकिस्तान को पराजित कर यह साबित किया कि भारत केवल शांति का पक्षधर नहीं बल्कि जरूरत पड़ने पर निर्णायक शक्ति भी है। उन्होंने कहा कि रेजांगला में 1962 में 120 भारतीय जवानों द्वारा हजारों चीनी सैनिकों का सामना करना इतिहास की सबसे महान बलिदान गाथाओं में से एक है।
कैप्टन यादव ने कहा कि देश ने उरी हमला देखा, देश ने पुलवामा देखा और आज पहलगाम, कुपवाड़ा जैसे इलाकों में फिर से आतंकी घटनाएं सामने आ रही हैं। कैप्टन ने कहा कि आज आतंकवाद केवल भारत की समस्या नहीं रहा। आज वही आतंकवाद ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों और पश्चिमी दुनिया तक पहुंच चुका है।
विशिष्ट अतिथि आईजी अशोक कुमार यादव ने कहा कि रेजांगला के शहीद भारतीय सेना और अर्धसैनिक बलों के लिए आज भी प्रेरणा स्रोत हैं। आज का जवान कठिन से कठिन परिस्थितियों में भी देश की रक्षा के लिए तत्पर है। ऐसे समारोह सेना और समाज के बीच भावनात्मक सेतु का कार्य करते हैं। उन्होंने शहीद परिवारों और वीरांगनाओं को नमन करते हुए कहा कि उनका त्याग राष्ट्र के लिए अमूल्य है।
कार्यक्रम में समिति के अध्यक्ष कमांडेंट आर के यादव, समिति के महासचिव डॉक्टर रामफल यादव, कमांडेंट रामपाल यादव, राम अवतार यादव, कुलदीप यादव, सुजान प्रधान, हरीश सैनी, नरेश शर्मा, देवकीनंदन, सरोज भारद्वाज, रेखा दहिया सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहे। रेजांगला केवल एक युद्ध नहीं: आरके यादव ने कहा कि रेजांगला केवल एक युद्ध नहीं बल्कि अद्वितीय साहस, अनुशासन और बलिदान की मिसाल है। जिन जवानों ने बर्फीली चोटियों पर अंतिम सांस तक देश की रक्षा की, उनका ऋण देश कभी नहीं चुका सकता। ऐसे आयोजन नई पीढ़ी को यह याद दिलाते हैं कि आजादी और सुरक्षा हमें विरासत में नहीं, बलिदान से मिली है। उन्होंने कहा कि शहीदों की स्मृति को जीवित रखना समाज और प्रशासन दोनों की सामूहिक जिम्मेदारी है।
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समारोह में मुख्य अतिथि हरियाणा सरकार के पूर्व मंत्री कैप्टन अजय सिंह यादव रहे। अध्यक्षता सेवानिवृत्त आईजी सीआरपीएफ आरके यादव ने की जबकि आईटीबीपी के कमांडेंट अशोक कुमार विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। कार्यक्रम को विशेष गौरव उस समय प्राप्त हुआ जब रेजांगला युद्ध के 120 वीर जवानों में से एक निहाल सिंह की ऐतिहासिक उपस्थिति रही। उनके सम्मान में पूरा पंडाल तालियों से गूंज उठा।
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मुख्य अतिथि कैप्टन अजय सिंह यादव ने कहा कि 16 दिसंबर 1971 भारत के शौर्य और निर्णायक नेतृत्व का प्रतीक है। इंदिरा गांधी के नेतृत्व में भारत ने पाकिस्तान को पराजित कर यह साबित किया कि भारत केवल शांति का पक्षधर नहीं बल्कि जरूरत पड़ने पर निर्णायक शक्ति भी है। उन्होंने कहा कि रेजांगला में 1962 में 120 भारतीय जवानों द्वारा हजारों चीनी सैनिकों का सामना करना इतिहास की सबसे महान बलिदान गाथाओं में से एक है।
कैप्टन यादव ने कहा कि देश ने उरी हमला देखा, देश ने पुलवामा देखा और आज पहलगाम, कुपवाड़ा जैसे इलाकों में फिर से आतंकी घटनाएं सामने आ रही हैं। कैप्टन ने कहा कि आज आतंकवाद केवल भारत की समस्या नहीं रहा। आज वही आतंकवाद ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों और पश्चिमी दुनिया तक पहुंच चुका है।
विशिष्ट अतिथि आईजी अशोक कुमार यादव ने कहा कि रेजांगला के शहीद भारतीय सेना और अर्धसैनिक बलों के लिए आज भी प्रेरणा स्रोत हैं। आज का जवान कठिन से कठिन परिस्थितियों में भी देश की रक्षा के लिए तत्पर है। ऐसे समारोह सेना और समाज के बीच भावनात्मक सेतु का कार्य करते हैं। उन्होंने शहीद परिवारों और वीरांगनाओं को नमन करते हुए कहा कि उनका त्याग राष्ट्र के लिए अमूल्य है।
कार्यक्रम में समिति के अध्यक्ष कमांडेंट आर के यादव, समिति के महासचिव डॉक्टर रामफल यादव, कमांडेंट रामपाल यादव, राम अवतार यादव, कुलदीप यादव, सुजान प्रधान, हरीश सैनी, नरेश शर्मा, देवकीनंदन, सरोज भारद्वाज, रेखा दहिया सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहे। रेजांगला केवल एक युद्ध नहीं: आरके यादव ने कहा कि रेजांगला केवल एक युद्ध नहीं बल्कि अद्वितीय साहस, अनुशासन और बलिदान की मिसाल है। जिन जवानों ने बर्फीली चोटियों पर अंतिम सांस तक देश की रक्षा की, उनका ऋण देश कभी नहीं चुका सकता। ऐसे आयोजन नई पीढ़ी को यह याद दिलाते हैं कि आजादी और सुरक्षा हमें विरासत में नहीं, बलिदान से मिली है। उन्होंने कहा कि शहीदों की स्मृति को जीवित रखना समाज और प्रशासन दोनों की सामूहिक जिम्मेदारी है।