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Rewari News: ठंड बढ़ने से रबी की फसलों को होगा फायदा, रोग भी नहीं लगेगा
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रेवाड़ी में दिल्ली रोड पर छाया कोहरा।
- फोटो : Rewari
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रेवाड़ी। एक पखवाड़ा से लगातार बढ़ रही सर्दी भले ही जिलावासियों को ठिठुरने पर मजबूर कर रही हो, लेकिन किसानों के लिए बेहद शुभ संकेत है। जितनी ठंड बढ़ती जाएगी, उतना ही रबी की फसलों को भी फायदा पहुंचेगा। वैसे तो सभी तरह की फसलों के लिए वर्तमान मौसम बेहतर साबित होगा, लेकिन सर्वाधिक लाभ गेहूं की फसल हो मिलेगा। मौसम इसी तरह सर्द बना रहा तो न तो सिंचाई की कोई दिक्क्त आएगी, वहीं फसल में रोग लगने का भी खतरा कम होगा।
दिसंबर के महीने में सर्दी बढ़ना शुरू हो गई है। सुबह और शाम में ओस भी गिर रही है। रात के तापमान में गिरावट होने लगी है। बुधवार को भी अधिकतम तापमान 26 डिग्री और न्यूनतम तापमान 7.2 डिग्री दर्ज किया गया। इस तरह से मौसम रबी की फसलों के लिए फायदेमंद है। ऐसे ही मौसम ठंडा होता चला गया तो आगे भी किसानों की मेहनत रंग लाएगी। फसलों को मौसम की वजह से कोई नुकसान नहीं होगा। दो साल पहले दिसंबर में भी गर्मी का अहसास था। इस वजह से उस वक्त गेहूं की फसल में सर्वाधिक नुकसान हुआ था। कई तरह के रोग भी फसलों में लग गए थे। मगर इस बार सही समय पर सर्दी आ गई है और लगातार बढ़ भी रही है। इससे किसानों की दिक्कतें कम हो रही हैं और किसानों की फसल को लाभ मिलता दिखाई दे रहा है।
वर्तमान में मौसम रबी की फसलों के लिए बेहद लाभकारी है। सरसों व गेहूं सहित अन्य सब्जी की फसलें इस मौसम में अच्छी होंगी।
सर्दी के लिहाज से दिसंबर की शुरूआत फीकी
सर्दी के लिहाज से दिसंबर की शुरुआत फीकी रही। फसलों पर विपरीत असर पड़ने की आशंका ने किसानों की चिंता बढ़ा दी थी। फसलों की बेहतरी के लिए वातावरण अनुकूल होना जरूरी था। वहीं अधिक तापमान के कारण फसलों में कीट प्रकोप और बीमारियों का खतरा रहता है। पौधों का उठाव अच्छा नहीं होगा तो फसल उत्पादन पर विपरीत असर होता है, लेकिन दिसंबर के अंत में ठंड बढ़ने से किसानों के चेहरे एक बार फिर से खिल गए हैं। अब जो ठंड की स्थिति बनी है, उससे रबी फसलों को लाभ होगा।
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मौसम का सर्वाधिक फायदा गेहूं की फसल को होगा। जितनी ठंड बढ़े उतना ही किसान के लिए अच्छा रहेगा। सब्जियों को भी कोई नुकसान नहीं है। इतना जरूर है कि अगर अधिक पाला पड़ा तो टमाटर, बैंगन, भिंडी, गोभी, मूली आदि कुछ सब्जियों पर असर पड़ सकता। अब तक यहां एक बार भी पाला नहीं पड़ा है। मौसम पहले ही इसका अहसास करा देता है। इसलिए किसान को जब ऐसा महसूस हो तो वह खेत की सिंचाई कर दें।
-डॉ जोगेंद्र यादव, सेवानिवृत्त कृषि वैज्ञानिक

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दिसंबर के महीने में सर्दी बढ़ना शुरू हो गई है। सुबह और शाम में ओस भी गिर रही है। रात के तापमान में गिरावट होने लगी है। बुधवार को भी अधिकतम तापमान 26 डिग्री और न्यूनतम तापमान 7.2 डिग्री दर्ज किया गया। इस तरह से मौसम रबी की फसलों के लिए फायदेमंद है। ऐसे ही मौसम ठंडा होता चला गया तो आगे भी किसानों की मेहनत रंग लाएगी। फसलों को मौसम की वजह से कोई नुकसान नहीं होगा। दो साल पहले दिसंबर में भी गर्मी का अहसास था। इस वजह से उस वक्त गेहूं की फसल में सर्वाधिक नुकसान हुआ था। कई तरह के रोग भी फसलों में लग गए थे। मगर इस बार सही समय पर सर्दी आ गई है और लगातार बढ़ भी रही है। इससे किसानों की दिक्कतें कम हो रही हैं और किसानों की फसल को लाभ मिलता दिखाई दे रहा है।
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वर्तमान में मौसम रबी की फसलों के लिए बेहद लाभकारी है। सरसों व गेहूं सहित अन्य सब्जी की फसलें इस मौसम में अच्छी होंगी।
सर्दी के लिहाज से दिसंबर की शुरूआत फीकी
सर्दी के लिहाज से दिसंबर की शुरुआत फीकी रही। फसलों पर विपरीत असर पड़ने की आशंका ने किसानों की चिंता बढ़ा दी थी। फसलों की बेहतरी के लिए वातावरण अनुकूल होना जरूरी था। वहीं अधिक तापमान के कारण फसलों में कीट प्रकोप और बीमारियों का खतरा रहता है। पौधों का उठाव अच्छा नहीं होगा तो फसल उत्पादन पर विपरीत असर होता है, लेकिन दिसंबर के अंत में ठंड बढ़ने से किसानों के चेहरे एक बार फिर से खिल गए हैं। अब जो ठंड की स्थिति बनी है, उससे रबी फसलों को लाभ होगा।
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मौसम का सर्वाधिक फायदा गेहूं की फसल को होगा। जितनी ठंड बढ़े उतना ही किसान के लिए अच्छा रहेगा। सब्जियों को भी कोई नुकसान नहीं है। इतना जरूर है कि अगर अधिक पाला पड़ा तो टमाटर, बैंगन, भिंडी, गोभी, मूली आदि कुछ सब्जियों पर असर पड़ सकता। अब तक यहां एक बार भी पाला नहीं पड़ा है। मौसम पहले ही इसका अहसास करा देता है। इसलिए किसान को जब ऐसा महसूस हो तो वह खेत की सिंचाई कर दें।
-डॉ जोगेंद्र यादव, सेवानिवृत्त कृषि वैज्ञानिक