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Rohtak News: बारिश थमने के बाद घटने लग सब्जियों के दाम
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35 सब्जियां।
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सांपला। बारिश से राहत मिलने के साथ ही रसोई का बिगड़ा बजट भी धीरे-धीरे दायरे में आने लगा है। आढ़तियों के मुताबिक दूसरे राज्यों से सब्जियों की सप्लाई शुरू हो गई है। अब धीरे-धीरे सब्जियों की कीमतों में कमी आएगी।
देश-प्रदेश में बारिश से खेतों में पानी भरने से फसलें बर्बाद हो गई हैं। आने-जाने के रास्ते भी प्रवाहित हो गए थे। अधिक बारिश से स्थानीय सब्जियों की फसलें खराब हो गई हैं। इसकी वजह से बाजार में आपूर्ति कम हो गई थी।
सब्जियों की कमी की वजह से दाम आसमान छूने लगे थे। टमाटर घीया, तोरई, भिंडी, करेला, हरी मिर्च के अलावा सभी सब्जियां 80 से 100 रुपये प्रति किलो में बिक रही थीं। आढ़तियों का कहना है कि अगर आगे मौसम साफ रहा और आवागमन में कोई नई बाधा नहीं आई तो सब्जियां और सस्ती हो सकती हैं।
सब्जी मंडी यूनियन के प्रधान संदीप मक्कड़ ने बताया कि हाल में टमाटर 30 रुपये, घीया-तोरी, पेठा, बैंगन, आलू, भिंडी सहित कई सब्जियों के रेट घट कर 30 से 40 रुपये प्रति किलो हो गए हैं। अधिक बारिश होने की वजह से पंजाब में हिमाचल के रास्ते बंद हो गए थे जिसकी वजह से फल-सब्जियां रास्ते में रुक गई थीं।
सरोज देवी, सुमन, मनीषा, कमलेश देवी का कहना है कि आम आदमी के लिए जरूरी खाद्य सामग्री के दाम पर सरकार का कोई नियंत्रण नहीं है। सब मनमर्जी के रेट चल रहे हैं। टमाटर 70 रुपये, हरी सब्जी घीया, तोरई, भिंडी, करेला बैंगन आदि के दाम बहुत अधिक बढ़ गए थे। इससे आम आदमी की रसोई का बजट बिगड़ गया था। सरकार को सब्जियों और फलों के दामों पर नियंत्रण रखना चाहिए।

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सब्जियों की कमी की वजह से दाम आसमान छूने लगे थे। टमाटर घीया, तोरई, भिंडी, करेला, हरी मिर्च के अलावा सभी सब्जियां 80 से 100 रुपये प्रति किलो में बिक रही थीं। आढ़तियों का कहना है कि अगर आगे मौसम साफ रहा और आवागमन में कोई नई बाधा नहीं आई तो सब्जियां और सस्ती हो सकती हैं।
सब्जी मंडी यूनियन के प्रधान संदीप मक्कड़ ने बताया कि हाल में टमाटर 30 रुपये, घीया-तोरी, पेठा, बैंगन, आलू, भिंडी सहित कई सब्जियों के रेट घट कर 30 से 40 रुपये प्रति किलो हो गए हैं। अधिक बारिश होने की वजह से पंजाब में हिमाचल के रास्ते बंद हो गए थे जिसकी वजह से फल-सब्जियां रास्ते में रुक गई थीं।
सरोज देवी, सुमन, मनीषा, कमलेश देवी का कहना है कि आम आदमी के लिए जरूरी खाद्य सामग्री के दाम पर सरकार का कोई नियंत्रण नहीं है। सब मनमर्जी के रेट चल रहे हैं। टमाटर 70 रुपये, हरी सब्जी घीया, तोरई, भिंडी, करेला बैंगन आदि के दाम बहुत अधिक बढ़ गए थे। इससे आम आदमी की रसोई का बजट बिगड़ गया था। सरकार को सब्जियों और फलों के दामों पर नियंत्रण रखना चाहिए।