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फर्जी फर्मों के मामलों की सुनवाई पर लगी रोक: सिरसा में आरोपियों पर दर्ज थी 30 प्राथमिकी, FIR रद्द करने की मांग

हितेश चतुर्वेदी, सिरसा Published by: नवीन दलाल Updated Sun, 21 Dec 2025 08:54 AM IST
सार

विकास निवासी छत्रिया ने पुलिस में दर्ज करवाई अपनी शिकायत में बताया था कि महेश बंसल, रमेश कुमार, प्रमोद बंसल, सुनील कुमार व रविंद्र बंसल ने उसके नाम से डिंग रोड पर विकास कॉटन मिल बनाई। जबकि वह नौकरी करता है।

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Hearing on cases involving fake firms stayed 30 FIRs were registered against the accused in Sirsa
सांकेतिक - फोटो : एजेंसी
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विस्तार
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फर्जी फर्मों के मामलों में आरोपियों के खिलाफ ट्रायल कोर्ट में सुनवाई पर रोक लग गई है। पुलिस ने फर्जी फर्मों के संबंध में 2015 से लेकर 2020 तक 30 एफआईआर दर्ज की थी। पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने 14 दिसंबर को ट्रायल को निर्देश दिया है कि वह मामलों को हाईकोर्ट के समक्ष निर्धारित तिथि से आगे स्थगित कर दे। इस मामले की अगली सुनवाई 29 जनवरी 2026 को होगी।

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फर्जी फर्मों के मामले में कारोबारी महेश बंसल, पदम बंसल, अमित बंसल, गोपीचंद चौधरी, अशोक सुखिजा, आशु गुप्ता, पवन कुमार, प्रमोद बंसल, रविंद्र कुमार व रमेश कुमार सहित अन्य लोग आरोपी हैं। वहीं, वारंट जारी होने के बाद हाईकोर्ट में पेश हुए जांच अधिकारी सब इंस्पेक्टर राजबीर ने न्यायाधीश विनोद एस भारद्वाज को बताया कि वह सेवानिवृत हो चुका है।
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इसलिए अधिकारियों की केस में जवाब दाखिल करने में मदद नहीं कर सका। यह काम उन लोगों को करना था जो उसके बाद जांच में शामिल हुए थे। दरअसल, सभी आरोपियों ने हाईकोर्ट में एफआईआर रद्द करने की मांग के लिए याचिका दायर की हुई है। याचिका में मांग की है कि पुलिस की ओर से दर्ज की गई सभी एफआईआर को रद्द किया जाए। क्योंकि कथित अपराध हरियाणा वैट अधिनियम 2005 के प्रावधानों के तहत आता है।

उक्त अधिनियम एक विशेष अधिनियम होने के कारण आईपीसी के सामान्य प्रावधानों पर प्रबल है। इस संदर्भ में याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला दिया है। इसके बाद हाईकोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा है कि पहली नजर में ऐसा लगता है कि वैल्यू एडेड टैक्स एक्ट, 2005 के तहत कथित गलत इनपुट क्रेडिट बेनिफिट के कारण एफआईआर दर्ज नहीं की जा सकती। इसलिए हाईकोर्ट ने आगामी आदेश तक केसों की सुनवाई पर रोक लगा दी है। संवाद

कराधान विभाग के अधिकारियों पर है आरोप
फर्जी फर्मों के मामले में आबकारी एवं कराधान विभाग सिरसा के तत्कालीन डीईटीसी गोपीचंद चौधरी व ईटीओ अशोक सुखीजा भी आरोपी है। आरोपी कारोबारी महेश बंसल पर 21 एफआईआर दर्ज हैं।

आरोपी महेश की कार में मिले थे एक करोड़ 10 लाख रुपये
आईजी स्पेशल स्टाफ ने अप्रैल 2018 को भावदीन टोल नाका के पास एक कार से एक करोड़ 10 लाख रुपये की नकदी बरामद की थी। कार में कथित कॉटन कारोबारी महेश बंसल सवार था। महेश बंसल की ओर से बरामद नकदी को अपनी फर्मों की दर्शाया गया, लेकिन तत्कालीन आईजी हिसार संजय सिंह ने पूरे मामले की जांच के निर्देश दिए। आईजी स्पेशल स्टाफ ने जब मामले की परतें उधेड़नी शुरू की तो महेश बंसल के काले साम्राज्य की पोल खुलकर सामने आ गई।

आईजी ने किया था ये खुलासा
आईजी हिसार संजय सिंह ने पत्रकारवार्ता कर बताया था कि एक करोड़ से अधिक की नकदी बरामद के बाद मामले की सच्चाई जानने की कोशिश की गई। इस दौरान पुलिस ने अपने स्तर पर तथ्य जुटाए, जिसमें यह बात सामने आई कि महेश बंसल ने अनेक फर्जी फर्में बनाई हुई है और इन फर्मों के माध्यम से वह टैक्स चोरी का धंधा करता है। उसके द्वारा सरकार को भी करोड़ों रुपये टैक्स की चपत लगाई गई है।

ये हैं फर्जी फर्मों से जुड़े कुछ केस

  • नौकर की आईडी पर बनाई फर्जी फर्म

विकास निवासी छत्रिया ने पुलिस में दर्ज करवाई अपनी शिकायत में बताया था कि महेश बंसल, रमेश कुमार, प्रमोद बंसल, सुनील कुमार व रविंद्र बंसल ने उसके नाम से डिंग रोड पर विकास कॉटन मिल बनाई। जबकि वह नौकरी करता है। आरोपियों ने उसकी आईडी के आधार पर फर्म बनाकर टैक्स चोरी का कारोबार किया। शिकायत के आधार पर पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ धारा 420, 467, 468, 471, 120बी के तहत मामला दर्ज किया।

  • दूसरों के नाम से करोड़ों का धंधा किया

गुसाईयाना निवासी गुलशन कुमार ने अपनी शिकायत में बताया था कि महेश बंसल ने उसके नाम पर भगवती ट्रेडर्स के नाम से फर्म बनाकर धोखाधड़ी की है। उसके नाम से बैंक में खाता खोला गया, जिसका संचालन महेश बंसल की ओर से ही किया गया। उसके नाम से बना फर्म से करोड़ों का धंधा किया गया, जबकि वह नौकरीपेशा है। इस शिकायत के आधार पर पुलिस ने महेश बंसल, रविंद्र कुमार व रमेश कुमार के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई।

  • आईजी स्टाफ ने भी दर्ज करवाई थी एफआईआर

आईजी स्टाफ की तरफ से अपने स्तर पर भी एफआईआर दर्ज करवाई गई थी। पुलिस पड़ताल में जो तथ्य सामने आए, उसके अनुसार गणेश ट्रेडर्स के नाम से फर्जी फर्म बनाकर करोड़ों का फर्जी लेनदेन आरोपी महेश बंसल, पवन कुमार व प्रमोद बंसल ने किया है। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ 420, 467, 468, 471, 120बी के तहत केस दर्ज किया।

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