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Haryana: यमुनानगर में सरस्वती शुगर मिल में गन्ने की पेराई शुरू, किसान कुल उत्पादन का 85 प्रतिशत करेंगे सप्लाई

संवाद न्यूज एजेंसी, यमुनानगर (हरियाणा) Updated Wed, 19 Nov 2025 10:12 AM IST
सार

वाइस प्रेसिडेंट (केन) ललित कुमार ने बताया कि किसानों की सुविधा के लिए मिल क्षेत्र में 45 गन्ना कय केंद्र बनाए गए हैं। किसानों की सुविधा को देखते हुए प्रत्येक क्रय केंद्र पर शुगर मिल के सीनियर अधिकारियों के टेलीफोन नंबर लिखे गए हैं।

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Sugarcane crushing begins at Saraswati Sugar Mill, target set at 125 lakh quintals
सरस्वती शुगर मिल में पेराई सत्र का शुभारंभ करते मिल के पदाधिकारी व किसान। संवाद
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सरस्वती शुगर मिल लिमिटेड में मंगलवार को गन्ना पेराई शुरू हो गई। इसका उद्घाटन शुगर मिल के चीफ एग्जीक्यूटिव एसके सचदेवा, मिल के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट (प्रशासन) डीपी सिंह, सीनियर वाइस प्रेसिडेंट (टेक्निकल) सत्यवीर सिंह, वाइस प्रेसिडेंट (केन) ललित कुमार ने मशीनरी में गन्ना डाल कर किया। इस अवसर पर गन्ना सप्लाई करने वाले प्रथम किसान दौलतपुर गांव निवासी मुस्तफा, रायपुर के गफूर, महलांवाली के गुरमेज सिंह, गन्ना क्रय केंद्र पाबनी व कूलपुर से गाड़ी में गन्ना लेकर आए चालक नायब सिंह को हार पहना कर और उपहार देकर सम्मानित किया गया।

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इस मौके पर चीफ एग्जीक्यूटिव एसके सचदेवा ने बताया कि मिल को सुचारू रूप से चलाने के लिए विशेष तैयारी की गई हैं ताकि प्रतिदिन क्षमतानुसार गन्ने की अधिक से अधिक पेराई की जा सके। इस वर्ष मिल द्वारा गन्ना पेराई का लक्ष्य 125 लाख क्विंटल रखा गया है। गत सीजन में 140 लाख क्विंटल गन्ना पेराई किया गया था। उन्होंने बताया कि इस वर्ष भी सरस्वती गन्ना किसान पंजीकरण योजना का लाभ उन किसानों को दिया जाएगा जो अपने कुल गन्ना उत्पादन का 85 प्रतिशत या अधिक मिल में सप्लाई करेंगें। जिन किसानों ने इस बार गन्ने की बिजाई चार से पांच फीट की दूरी पर की हुई है उनके गन्ने की कटाई केन हार्वेस्टर से करवाई जाएगी।
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वाइस प्रेसिडेंट (केन) ललित कुमार ने बताया कि किसानों की सुविधा के लिए मिल क्षेत्र में 45 गन्ना कय केंद्र बनाए गए हैं। किसानों की सुविधा को देखते हुए प्रत्येक क्रय केंद्र पर शुगर मिल के सीनियर अधिकारियों के टेलीफोन नंबर लिखे गए हैं। किसान अपना गन्ना निर्धारित हाड़ा व पर्ची पर अंकित तारीख के अनुसार ही मिल में लेकर आएं। मिल गेट पर इस बार भी एडवांस टोकन प्रणाली लागू की गई है जिससे किसान घर बैठे अपनी ट्राली के लिए टोकन नंबर व लाइन का चुनाव कर सकते हैं ताकि किसानों को गन्ना आपूर्ति करने में कम से कम समय लगे।

उन्होंने बताया कि किसान अपनी ट्राली पर मिल द्वारा जारी किया गया नंबर अवश्य लिखवा लें ताकि मिल में गन्ना तुलवाने में कोई परेशानी न हो। सीजन के लिए पर्ची वितरण कार्य को पूर्णतः पारदर्शी तरीके से तैयार करके एडवांस कैलेंडरिंग कर दी गई है। मिल से गन्ने की पर्ची जारी होते ही पर्ची का नंबर व गन्ना किस्म की सूचना तुरंत किसानों को भेजने के लिए एसएमएस सेवा पिछले वर्ष की भांति उपलब्ध रहेगी।

एडवांस कैलेंडरिंग में फेल हुई पर्ची के बदले दूसरा इंडेंट जारी करने का प्रावधान नहीं रखा गया है। सीनियर वाइस प्रेसिडेंट (प्रशासन) एवं कंपनी प्रवक्ता डीपी सिंह ने बताया कि अत्यधिक बारिश व ओलावृष्टि के प्रभावों से अन्य फसलों जैसे कि गेहूं व धान के मुकाबले गन्ने की फसल पर प्राकृतिक आपदाओं का अधिक प्रभाव नहीं पड़ता। इसलिए अधिक से अधिक रकबे में गन्ना बिजाई करके किसान लाभ उठायें। इस मौके पर एसबीआई दिल्ली के महाप्रबंधक रणवीर सिंह, उप महाप्रबंधक जयंत गडकरी, नवीन प्रजापत, मुख्य प्रबंधक भी उपस्थित रहे। 

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