{"_id":"68c57fc13af92487f30b5064","slug":"six-months-of-hard-work-of-farmers-was-wasted-due-to-cloudburst-in-gutrahan-bilaspur-news-c-92-1-bls1002-144280-2025-09-13","type":"story","status":"publish","title_hn":"Bilaspur News: गुतराहण में बादल फटने से किसानों की छह माह की मेहनत पर फिरा पानी","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
Bilaspur News: गुतराहण में बादल फटने से किसानों की छह माह की मेहनत पर फिरा पानी
संवाद न्यूज एजेंसी, बिलासपुर
Updated Sat, 13 Sep 2025 11:56 PM IST
विज्ञापन

विज्ञापन
खेतों में काटने को तैयार मक्की और अदरक की फसल हुई तबाह
प्रभावित किसानों को फसलों के नुकसान का मिलेगा मुआवजा
अभी भी 17 सड़क बंद, थापना-तलाई सड़क पर फिर हुआ भूस्खलन
संवाद न्यूज एजेंसी
बिलासपुर। उप तहसील नम्होल के गुतराहण में बादल फटने से किसानों की छह माह की मेहनत पर पानी फिर गया। इस क्षेत्र में किसान अदरक और मक्की की पैदावार करते हैं। मक्की फसल काटने के लिए तैयार हो चुकी थी। किसान बारिश का दौर खत्म होने के बाद उसे काटने वाले थे, लेकिन शनिवार तड़के आए सैलाब में सब बर्बाद हो गया।
गुतराहण के अलावा साथ लगते घवाली और पौणी गांव में भी फसलों को काफी नुकसान पहुंचा है। इन गांव के किसानों का कहना कि उनकी 70 प्रतिशत फसल खत्म हो चुकी है। वहीं, बादल फटने का सबसे अधिक नुकसान गुतराहण में हुआ है। वहां किसान कश्मीर सिंह, रतीराम, रतन लाल, बालक राम, संतोष, जीतराम, जगदीश सहित करीब दो दर्जन ग्रामीणों की फसलें तबाह हो गई। बादल फटने के बाद स्थानीय लोगों ने खुद हिम्मत दिखाई। उन्होंने पानी बहाव को खेतों से सड़क की ओर मोड़ा। हालांकि, तब तक काफी फसलें तबाह चुकी थीं। घटना की जानकारी मिलते ही प्रशासन भी हरकत में आया। तहसीलदार नम्होल, नायब तहसीलदार और स्थानीय पटवारी मौके पर पहुंचे और हालात का जायजा लिया। मलबा आने से बंद हुए डाबर-नम्होल सड़क को लोक निर्माण विभाग ने जेसीबी मशीनें लगाकर शाम तक बहाल कर दिया।
उधर, उपायुक्त राहुल कुमार ने कहा कि प्रभावित किसानों की फसल क्षति का आकलन किया जा रहा है और रिपोर्ट मिलने के बाद नियमों के अनुसार राहत एवं सहायता प्रदान की जाएगी। उधर, जिले में शुक्रवार रात को हुई बारिश ने दुश्वारियां बढ़ा दी हैं। भूस्खलन से 17 सड़कें बंद हैं। एक दिन पहले खुली थापना-तलाई सड़क शनिवार को भूस्खलन से फिर से बंद हो गई। इसके अलावा ग्वालथाई-श्री नयनादेवी जी सड़क, श्री नयनादेवी जी एग्जिट मार्ग, कैंचीमोड़-श्री नयनादेवी, स्वारघाट-बिलासपुर मार्ग अभी भी बंद है। बारिश से बीती रात एक पक्का मकान गिर गया और पांच गोशालाएं भी क्षतिग्रस्त हो गईं। मलबे में दबने से एक बकरी की मौत हुई है।

Trending Videos
प्रभावित किसानों को फसलों के नुकसान का मिलेगा मुआवजा
अभी भी 17 सड़क बंद, थापना-तलाई सड़क पर फिर हुआ भूस्खलन
संवाद न्यूज एजेंसी
बिलासपुर। उप तहसील नम्होल के गुतराहण में बादल फटने से किसानों की छह माह की मेहनत पर पानी फिर गया। इस क्षेत्र में किसान अदरक और मक्की की पैदावार करते हैं। मक्की फसल काटने के लिए तैयार हो चुकी थी। किसान बारिश का दौर खत्म होने के बाद उसे काटने वाले थे, लेकिन शनिवार तड़के आए सैलाब में सब बर्बाद हो गया।
गुतराहण के अलावा साथ लगते घवाली और पौणी गांव में भी फसलों को काफी नुकसान पहुंचा है। इन गांव के किसानों का कहना कि उनकी 70 प्रतिशत फसल खत्म हो चुकी है। वहीं, बादल फटने का सबसे अधिक नुकसान गुतराहण में हुआ है। वहां किसान कश्मीर सिंह, रतीराम, रतन लाल, बालक राम, संतोष, जीतराम, जगदीश सहित करीब दो दर्जन ग्रामीणों की फसलें तबाह हो गई। बादल फटने के बाद स्थानीय लोगों ने खुद हिम्मत दिखाई। उन्होंने पानी बहाव को खेतों से सड़क की ओर मोड़ा। हालांकि, तब तक काफी फसलें तबाह चुकी थीं। घटना की जानकारी मिलते ही प्रशासन भी हरकत में आया। तहसीलदार नम्होल, नायब तहसीलदार और स्थानीय पटवारी मौके पर पहुंचे और हालात का जायजा लिया। मलबा आने से बंद हुए डाबर-नम्होल सड़क को लोक निर्माण विभाग ने जेसीबी मशीनें लगाकर शाम तक बहाल कर दिया।
विज्ञापन
विज्ञापन
उधर, उपायुक्त राहुल कुमार ने कहा कि प्रभावित किसानों की फसल क्षति का आकलन किया जा रहा है और रिपोर्ट मिलने के बाद नियमों के अनुसार राहत एवं सहायता प्रदान की जाएगी। उधर, जिले में शुक्रवार रात को हुई बारिश ने दुश्वारियां बढ़ा दी हैं। भूस्खलन से 17 सड़कें बंद हैं। एक दिन पहले खुली थापना-तलाई सड़क शनिवार को भूस्खलन से फिर से बंद हो गई। इसके अलावा ग्वालथाई-श्री नयनादेवी जी सड़क, श्री नयनादेवी जी एग्जिट मार्ग, कैंचीमोड़-श्री नयनादेवी, स्वारघाट-बिलासपुर मार्ग अभी भी बंद है। बारिश से बीती रात एक पक्का मकान गिर गया और पांच गोशालाएं भी क्षतिग्रस्त हो गईं। मलबे में दबने से एक बकरी की मौत हुई है।