{"_id":"686bc961b3b95ae8490532b9","slug":"himachal-cu-will-now-fill-phd-seats-twice-a-year-candidates-will-not-have-to-wait-long-2025-07-07","type":"story","status":"publish","title_hn":"Himachal Pradesh : साल में अब दो बार पीएचडी की सीटें भरेगा सीयू, अभ्यर्थियों को नहीं करना पड़ेगा लंबा इंतजार","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
Himachal Pradesh : साल में अब दो बार पीएचडी की सीटें भरेगा सीयू, अभ्यर्थियों को नहीं करना पड़ेगा लंबा इंतजार
विपिन चौधरी, संवाद न्यूज एजेंसी, धर्मशाला
Published by: अंकेश डोगरा
Updated Tue, 08 Jul 2025 05:00 AM IST
विज्ञापन
सार
उन अभ्यर्थियों के लिए खुशखबरी है जो पीएचडी में प्रवेश लेना चाहते हैं। बता दें कि अब हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय वर्ष में दो बार पीएचडी की सीटें भरेगा। पढ़ें पूरी खबर...

हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय।
- फोटो : संवाद न्यूज एंजेसी
विस्तार
हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय अब वर्ष में दो बार पीएचडी की सीटें भरेगा। इसके लिए जनवरी और जुलाई में प्रवेश परीक्षा होगी। यह व्यवस्था उन विद्यार्थियों के लिए विशेष रूप से फायदेमंद होगी, जो एक बार प्रवेश परीक्षा में सफल नहीं हो पाते। वर्ष में दो बार मौके मिलने के कारण पात्र अभ्यर्थियों को सीट हासिल करने के लिए लंबा इंतजार नहीं करना पड़ेगा।
विज्ञापन

Trending Videos
हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय शोध के क्षेत्र में विशेष कार्य कर रहा है। इसके लिए जहां कई अन्य राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय के साथ एमओयू साइन किए गए हैं, वहीं शोधार्थियों को भी शोध के लिए कई अवसर मुहैया करवाए जा रहे हैं। इसी कड़ी में सीयू प्रबंधन अब वर्ष में दो बार पीएचडी प्रवेश परीक्षा करवाने की योजना तैयार कर रही है।
विज्ञापन
विज्ञापन
अभी पीएचडी में प्रवेश के लिए आमतौर पर वर्ष में एक ही बार प्रवेश परीक्षा होती है। इससे कई छात्र पीएचडी करने से चूक जाते हैं, लेकिन अब इसे साल में दो बार करवाया जाएगा। इसका उद्देश्य शिक्षा प्रणाली में सुधार करना और विद्यार्थियों के लिए अधिक अवसर पैदा करना है। साल में दो बार प्रवेश परीक्षा से विद्यार्थियों को पीएचडी में प्रवेश पाने के अधिक अवसर मिलेंगे।
केंद्रीय विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक डॉ. जितेंद्र गर्ग ने बताया कि वर्ष में दो बार पीएचडी प्रवेश परीक्षाएं करवाने पर विचार किया जा रहा है। वर्ष में दो बार परीक्षाएं होने से अभ्यर्थियों को लाभ मिलेगा और उनके शोध करने के अवसर भी बढ़ेंगे।