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Himachal : दुर्गम क्षेत्रों में खाली पद भरने को बनेगा कठिन क्षेत्र उप कैडर, कार्मिक विभाग ने जारी किए निर्देश

अमर उजाला ब्यूरो, शिमला। Published by: अंकेश डोगरा Updated Fri, 19 Sep 2025 04:00 AM IST
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सार

दुर्गम क्षेत्रों में खाली पद भरने के लिए हिमाचल प्रदेश सरकार ने कठिन क्षेत्र उप कैडर बनाने का फैसला लिया है। विभाग ने स्पष्ट किया कि कठिन क्षेत्र उप कैडर से संबंधित जारी आदेशों की अनदेखी अब बर्दाश्त नहीं की जाएगी। पढ़ें पूरी खबर...

Himachal Difficult Area Sub-Cadre to be formed to fill vacant posts in remote areas
हिमाचल प्रदेश सरकार। - फोटो : अमर उजाला नेटवर्क
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विस्तार
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हिमाचल प्रदेश के दुर्गम क्षेत्रों में खाली पद भरने के लिए राज्य सरकार ने कठिन क्षेत्र उप कैडर बनाने का फैसला लिया है। वीरवार को इस संदर्भ में कार्मिक विभाग ने सभी प्रशासनिक सचिवों, विभागाध्यक्षों को कर्मचारियों के खाली चल रहे पद भरने के संबंध में निर्देश जारी किए हैं। साल 1999 की अधिसूचना का हवाला देकर कठिन क्षेत्र उप कैडर की सीधी भर्ती और पदोन्नति करने को कहा गया है। विभाग ने स्पष्ट किया कि कठिन क्षेत्र उप कैडर से संबंधित जारी आदेशों की अनदेखी अब बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

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कार्मिक विभाग के अवर सचिव की ओर से जारी पत्र में बताया कि वर्ष 1999 में जनजातीय एवं दुर्गम इलाकों में विकास असमानता को दूर करने के उद्देश्य से कठिन क्षेत्र उप कैडर का गठन किया गया था। इस व्यवस्था के तहत विभिन्न विभागों के सभी पदों/सेवाओं में एक उप कैडर बनाया गया, ताकि इन क्षेत्रों में शिक्षा, स्वास्थ्य, बुनियादी ढांचा और सामाजिक सेवाओं के क्षेत्र में विशेष प्राथमिकता दी जा सके। साल 2013 और 2016 में भी राज्य सरकार ने उप कैडर को और स्पष्ट एवं पुनर्गठित किया था। विभाग ने अब पाया कि संबंधित विभाग इन निर्देशों का सही ढंग से पालन नहीं कर रहे हैं, जिसके कारण बड़ी संख्या में पद आज भी खाली पड़े हैं। इससे इन क्षेत्रों में सरकार की कई योजनाओं और कार्यक्रमों का क्रियान्वयन प्रभावित हुआ है।

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लाहौल-स्पीति, पांगी और किन्नौर में है कर्मचारियों की कमी
राज्य सरकार ने सभी प्रशासनिक सचिवों, संभागीय आयुक्तों, विभागाध्यक्षों और उपायुक्तों को तुरंत प्रभाव से आदेशों का सख्ती से पालन सुनिश्चित करने को कहा है। लाहौल-स्पीति, पांगी, भरमौर, किन्नौर सहित कई ऐसे क्षेत्र हैं, जिन्हें कठिन भौगोलिक परिस्थितियों और अविकसित स्थिति के चलते कठिन क्षेत्र घोषित किया गया है। यहां कर्मचारियों की कमी लंबे समय से बनी हुई है। यहां कठिन क्षेत्र उप कैडर व्यवस्था को सही तरीके से लागू करने पर न केवल प्रशासनिक सेवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित होगी, बल्कि इन क्षेत्रों में शिक्षा, स्वास्थ्य और आधारभूत ढांचे का संतुलित विकास भी संभव हो सकेगा।
 

वित्त विभाग तय करेगा जॉब ट्रेनी का वेतन, केस टू केस होगा फैसला
हिमाचल प्रदेश सरकार ने विभिन्न विभागों और उनके अधीनस्थ संस्थानों में जॉब ट्रेनी नियुक्त करने संबंधी नई योजना को अमलीजामा पहनाने की प्रक्रिया तेज कर दी है। कार्मिक विभाग की ओर से 19 जुलाई को जारी अधिसूचना के अनुसार ग्रुप-ए, बी और सी वर्गों में जॉब ट्रेनी नियुक्त किए जाएंगे। वीरवार को विभाग की ओर से इन्हें दिए जाने वाले मासिक निश्चित मानदेय (फिक्स अमाउंट) को लेकर सरकार ने दिशा-निर्देश जारी किए हैं। नए आदेशों के मुताबिक जॉब ट्रेनी के मानदेय का निर्धारण अब वित्त विभाग करेगा। यह निर्णय केस-टू-केस आधार पर लिया जाएगा। यानी प्रत्येक विभाग की ओर से भेजे प्रस्ताव के आधार पर वित्त विभाग अलग-अलग पदों के लिए मानदेय तय करेगा।

कार्मिक विभाग ने स्पष्ट किया है कि किसी भी विभाग को बिना उचित प्राधिकरण / वित्त विभाग की पूर्व अनुमति के जॉब ट्रेनी नियुक्त करने की प्रक्रिया शुरू करने की अनुमति नहीं होगी। कार्मिक विभाग के अधिकारियों ने बताया कि जॉब ट्रेनी को नियमित सरकारी कर्मचारियों जैसी सुविधाएं नहीं मिलेंगी, बल्कि उन्हें केवल तयशुदा मासिक मानदेय ही दिया जाएगा। सरकार ने सभी विभागाध्यक्षों, संस्थानों और निकायों को निर्देश दिए हैं कि इन नए प्रावधानों की जानकारी संबंधित अधिकारियों और कर्मचारियों तक पहुंचाना सुनिश्चित करें, ताकि भविष्य में जॉब ट्रेनी नियुक्ति से संबंधित कोई भ्रम न रहे।
 
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