सब्सक्राइब करें
Hindi News ›   Himachal Pradesh ›   Himachal Rules to be tightened for power projects on Beas River environmental and social impacts to be studied

हिमाचल : ब्यास नदी पर बिजली प्रोजेक्टों के लिए सख्त होंगे नियम, पर्यावरणीय और सामाजिक प्रभावों का होगा अध्ययन

अमर उजाला ब्यूरो, शिमला। Published by: अंकेश डोगरा Updated Fri, 19 Sep 2025 05:00 AM IST
विज्ञापन
सार

अमर उजाला की ओर से कराहते पहाड़ अभियान के तहत जल विद्युत प्रोजेक्टों के बढ़ रही प्राकृतिक आपदाओं को प्रमुखता से उठाने के बाद ऊर्जा निदेशालय ने ब्यास बेसिन पर परियोजनाएं स्थापित करने के लिए बड़ा बदलाव करने की कवायद शुरू की है। पढ़ें पूरी खबर...

Himachal Rules to be tightened for power projects on Beas River environmental and social impacts to be studied
सांकेतिक तस्वीर। - फोटो : अमर उजाला नेटवर्क
विज्ञापन

विस्तार
Follow Us

हिमाचल प्रदेश में ब्यास नदी पर प्रस्तावित और चल रहीं जल विद्युत परियोजनाओं को लेकर राज्य सरकार ने नई व्यवस्था लागू करने का निर्णय लिया है। प्रदेश में पिछले कुछ वर्षों में आईं प्राकृतिक आपदाओं, भूस्खलन और बाढ़ जैसी घटनाओं को ध्यान में रखते हुए अब इन परियोजनाओं के नियमों को और सख्त किया जाएगा। अमर उजाला की ओर से कराहते पहाड़ अभियान के तहत जल विद्युत प्रोजेक्टों के बढ़ रही प्राकृतिक आपदाओं को प्रमुखता से उठाने के बाद ऊर्जा निदेशालय ने ब्यास बेसिन पर परियोजनाएं स्थापित करने के लिए बड़ा बदलाव करने की कवायद शुरू की है।

loader


ऊर्जा निदेशालय नई व्यवस्था के तहत ब्यास नदी और उसकी सहायक नदियो पर बनने वाली हर नई परियोजना से पहले पर्यावरणीय और सामाजिक प्रभाव का विस्तृत अध्ययन करेगा। अध्ययन में नदी के प्रवाह, आसपास की वनस्पति, जल-जीवों, स्थानीय आबादी के जीवनयापन और पर्यटन पर पड़ने वाले प्रभावों की गहराई से जांच की जाएगी। अब तक परियोजनाओं को मुख्य रूप से उत्पादन क्षमता और तकनीकी पहलुओं के आधार पर मंजूरी दी जाती थी, लेकिन अब आपदा प्रबंधन और पर्यावरणीय संतुलन को प्राथमिकता दी जाएगी। विशेषज्ञों की एक टीम ऊर्जा निदेशालय के माध्यम से प्रत्येक प्रस्तावित परियोजना पर वैज्ञानिक और सामाजिक रिपोर्ट तैयार करेगी। ऊना निदेशालय की ओर से करवाए गए अध्ययन के अनुसार ब्यास नदी पर अधिक परियोजनाओं से नदी के पारिस्थितिकी तंत्र पर दबाव बढ़ रहा है। 2022 से 2024 के बीच किए गए सर्वेक्षण में यह पाया गया कि जहां ज्यादा परियोजनाएं हैं, वहां मछलियों की प्रजातियों में 28 फीसदी तक कमी आई है। मानसून के दौरान अनियंत्रित पानी छोड़ने की प्रक्रिया ने निचले इलाकों में बाढ़ के खतरे को भी बढ़ा दिया है।

विज्ञापन
विज्ञापन

सरकार के निर्देश, एक नदी एक नीति के तहत ही बनेंगी परियोजनाएं
राज्य सरकार का कहना है कि ऊर्जा उत्पादन जरूरी है, लेकिन यह पर्यावरण और स्थानीय समाज के लिए नुकसानदेह न हो। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया है कि अब एक नदी, एक नीति के तहत ही परियोजनाएं बनाई जाएंगी। यानी किसी भी नदी पर निर्धारित सीमा से अधिक परियोजनाओं की अनुमति नहीं दी जाएगी। नए नियमों में यह भी प्रावधान होगा कि प्रोजेक्टों से प्रभावित लोगों को उचित मुआवजा मिले और उनके पुनर्वास के लिए ठोस कदम उठाए जाएं। ग्रामीणों की राय लिए बिना प्रोजेक्टों को मंजूरी नहीं दी जाएगी। नई व्यवस्था से हिमाचल प्रदेश में विकास और पर्यावरण के बीच संतुलन बनाए रखने की दिशा में एक अहम कदम उठाया जाएगा। ऊर्जा निदेशक राकेश प्रजापति के अनुसार, यह नीति प्रदेश के सतत विकास और आपदाओं से बचाव में सहायक साबित होगी।

विज्ञापन
विज्ञापन

रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे|
Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

विज्ञापन
विज्ञापन

एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें

Next Article

एप में पढ़ें

Followed