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Himachal Winter Session: आपदा, सड़कों और पेयजल के मुद्दों से तपेगा तपोवन, अब तक मिले 300 से अधिक सवाल

अमर उजाला ब्यूरो, शिमला। Published by: अंकेश डोगरा Updated Thu, 13 Nov 2025 05:00 AM IST
सार

Himachal Assembly Winter Session 2025: 26 नवंबर से शुरू होने जा रहे विधानसभा शीत सत्र के लिए बुधवार तक राज्य विधानसभा सचिवालय को 300 से अधिक सवाल मिल गए हैं। शीत सत्र का समापन पांच दिसंबर को होगा। पढ़ें पूरी खबर...

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HP Winter Session Tapovan will be hit by disaster roads and drinking water issues more than 300 question
Himachal Assembly Winter Session 2025 - फोटो : अमर उजाला नेटवर्क
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विस्तार
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धर्मशाला के तपोवन में 26 नवंबर से शुरू होने जा रहा विधानसभा का शीत सत्र इस बार प्राकृतिक आपदा, सड़कों और पेयजल के सवालों से खूब तपेगा। सत्र के लिए बुधवार तक राज्य विधानसभा सचिवालय को 300 से अधिक सवाल मिल गए हैं। इसके बाद ये प्रश्न सरकारी विभागों को उत्तर देने के लिए भेजा जाएंगे। शीत सत्र का समापन पांच दिसंबर को होगा। इस बार भी विपक्षी भाजपा जहां आक्रामक रुख में होगी, वहीं सत्ता पक्ष भी हमलावर रहेगा।

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सत्र के लिए राज्य विधानसभा सचिवालय ने तैयारियां तेज कर दी हैं। आने वाले दिनों में सवालों की संख्या और बढ़ने की संभावना है। यह प्रश्न विधानसभा सचिवालय को विधायक 19 दिसंबर तक भेजे पाएंगे। राज्य विधानसभा सचिवालय ने विभिन्न विभागों को स्पष्ट किया है कि सवालों के जवाब समय पर तैयार करें, जिससे सत्र के दौरान मंत्री सटीक और पूर्ण जानकारी सदन के पटल पर रख सकें। विधायकों की ओर से भेजे गए सवालों में प्राकृतिक आपदा, सड़कों की मरम्मत, पेयजल आपूर्ति, स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति और कर्मचारियों की मांगों से जुड़े विषय प्रमुख हैं।

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इस बार का सत्र प्रदेश की राजनीतिक और प्रशासनिक दृष्टि से खास रहेगा। यह आठ बैठकों वाला अब तक का सबसे लंबा शीत सत्र है। सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों ही आक्रामक रुख में रहेंगे। कांग्रेस सरकार जहां अपने तीन वर्षों के कार्यकाल की उपलब्धियों को सामने रखने की तैयारी में है, वहीं भाजपा सरकार को हर मोर्चे पर घेरने का प्रयास करेगी। बरसात में हुई भारी तबाही, राहत राशि के वितरण, सड़कों की मरम्मत और पेयजल योजनाओं की धीमी गति जैसे मुद्दों पर विपक्ष हमलावर रहेगा।

मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू सत्र के दौरान आपदा राहत कार्यों पर भी सदन में वक्तव्य देंगे। इस वर्ष बरसात के दौरान राज्य के कई जिलों में प्राकृतिक आपदा आई, जिससे सैकड़ों सड़कें और पुल क्षतिग्रस्त हुए। जलापूर्ति योजनाएं ठप हो गईं और हजारों लोग विस्थापित हुए। सत्र में इन मुद्दों पर व्यापक चर्चा होने की संभावना है। विधायकों की ओर से प्रभावित क्षेत्रों के पुनर्निर्माण और राहत पैकेज के वितरण में पारदर्शिता को लेकर भी प्रश्न उठाए जाएंगे। यह सत्र इसलिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि कांग्रेस सरकार 11 दिसंबर को अपने तीन वर्ष पूरे करने जा रही है। तपोवन स्थित विधानसभा परिसर में सुरक्षा और अन्य व्यवस्थाओं को लेकर भी प्रशासन ने तैयारियां तेज कर दी हैं।

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