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Kullu News: कुल्लू अस्पताल की मेस से लिए परांठे में निकले शीशे के टुकड़े
संवाद न्यूज एजेंसी, कुल्लू
Updated Sun, 28 Dec 2025 11:07 PM IST
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कुल्लू अस्पताल में परांठे में निकले शीशे के कण। जागरूक पाठक
- फोटो : टूंडला कोतवाली पर एसडीएम अंकित वर्मा को ज्ञापन देते धर्म रक्षा संघर्ष समिति के पदाधिकारी संवाद
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अस्पताल में भर्ती एक साल के बच्चे को खिलाने के लिए लिया था कैंटीन से परांठा
आधा परांठा खिलाने के बाद दिखे टुकड़े, 25 दिसंबर की बताई जा रही यह घटना
आरोप- कैंटीन में मेस कर्मचारियों को दिए टुकड़े तो नहीं मिला संतोषजनक जवाब
पहले खाने में कॉकरोच मिलने से भी सुर्खियों में रह चुकी है अस्पताल की कैंटीन
संवाद न्यूज एजेंसी
कुल्लू। इलाज की उम्मीद लेकर अस्पताल पहुंचे परिजन को अंदेशा भी नहीं था कि कैंटीन से लिया गया परांठा उनके मासूम बच्चे के लिए खतरा बन जाएगा।
क्षेत्रीय अस्पताल कुल्लू की कैंटीन में तैयार भोजन में शीशे के टुकड़े मिलना न सिर्फ एक गंभीर लापरवाही है, बल्कि यह स्वास्थ्य संस्थानों में खाद्य सुरक्षा और प्रशासनिक निगरानी पर गहरी चोट करता है।
क्षेत्रीय अस्पताल कुल्लू की कैंटीन एक बार फिर चर्चा में आ गई है। मरीजों के खाने में कॉकरोच मिलने के मामले में अस्पताल की मेस पहले भी खूब चर्चा में रही लेकिन इस बार अस्पताल की कैंटीन से लिए परांठे में शीशे के टुकड़े मिले हैं। यह घटना 25 दिसंबर को सुबह की बताई जा रही है। बंजार क्षेत्र के दुर्गम सजवाड़ गांव के गुमत राम क्षेत्रीय अस्पताल में दाखिल अपने बच्चे के लिए कैंटीन से परांठा लेकर आए थे।
बीमार एक साल के बच्चे को जब आधे के करीब परांठा खिला दिया तो परांठे में शीशे के टुकड़े दिखाई दिए। उन्होंने बच्चे को परांठा खिलाना तुरंत बंद कर दिया। गुमत राम ने कहा कि हालांकि उन्हें नहीं पता था कि इसकी शिकायत किससे की जानी चाहिए और वह उन शीशे के टुकड़ों को लेकर कैंटीन में जा पहुंचे और उन्हें शीशे के टुकड़े दिखाए। शीशे के ये टुकड़े वहां मौजूद कर्मचारियों को थमा दिए। उनका कहना है कि संचालकों की तरफ से कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला तो वह वहां से चले गए।
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... डर है टुकड़े कहीं बच्चे के पेट में न चले गए हों
गुमत राम ने बताया कि एक साल के बीमार बच्चे को आधा परांठा खिला दिया है। उन्हें डर है कि कहीं शीशे के टुकड़े उसके पेट में न चले गए हों। उन्होंने प्रशासन से भी मांग की है कि कैंटीन संचालकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए ताकि आने वाले समय में इस तरह की घटना किसी मरीज के साथ न हो।
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एक ही मालिक चला रहा है कैंटीन और मेस
इससे पहले अस्पताल की मेस मरीज के खाने में कॉकरोच मिलने से चर्चा में रही थी। उस दौरान भी विभाग की ओर से मेस संचालक के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई थी। अब अस्पताल की कैंटीन में बने परांठे में शीशे के टुकड़े बरामद होने से ऐसा लग रहा है कि कैंटीन और मेस संचालक मरीजों और लोगों की जान के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। बता दें कि अस्पताल की कैंटीन और मेस एक ही ठेकेदार चला रहा है।
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हमारे ध्यान में अभी तक ऐसा कोई मामला नहीं आया है। यदि इस तरह की घटना हुई है तो ठेकेदार को बुलाकर इस मामले को लेकर पूछताछ की जाएगी। - डाॅ. तारा चंद, चिकित्सा अधीक्षक, क्षेत्रीय अस्पताल कुल्लू
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मेस और कैंटीन के सामने कचरे के ढेर
अस्पताल में आने वाले मरीजों और तीमारदारों को परोसे जाने वाले खाने को लेकर कैंटीन-मेस संचालक कितने गंभीर हैं और प्रबंधन भी कितना सजग है, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि कैंटीन और मेस के ठीक सामने बायो बेस्ड कचरे के ढेर लगे हैं। इसको लेकर भी पहले से मेस और कैंटीन चर्चा में रहे हैं। मरीज भी कई बार मेस और कैंटीन के खाने को लेकर शिकायतें करते रहे हैं।
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आग की घटना भी चर्चा में
हाल ही में 23 दिसंबर को अस्पताल की कैंटीन में आग की घटना भी पेश आई थी। इसका कारण लापरवाही से गैस लीकेज होना बताया गया है। हालांकि अस्पताल के सुरक्षा गार्डों की मुस्तैदी और दमकल विभाग के समय पर पहुंचने से आग पर काबू पाया गया लेकिन यह लापरवाही अस्पतालों के मरीजों पर भारी पड़ सकती थी। इस घटना के कारण भी अस्पताल कैंटीन चर्चाओं में रही है।
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आधा परांठा खिलाने के बाद दिखे टुकड़े, 25 दिसंबर की बताई जा रही यह घटना
आरोप- कैंटीन में मेस कर्मचारियों को दिए टुकड़े तो नहीं मिला संतोषजनक जवाब
पहले खाने में कॉकरोच मिलने से भी सुर्खियों में रह चुकी है अस्पताल की कैंटीन
संवाद न्यूज एजेंसी
कुल्लू। इलाज की उम्मीद लेकर अस्पताल पहुंचे परिजन को अंदेशा भी नहीं था कि कैंटीन से लिया गया परांठा उनके मासूम बच्चे के लिए खतरा बन जाएगा।
क्षेत्रीय अस्पताल कुल्लू की कैंटीन में तैयार भोजन में शीशे के टुकड़े मिलना न सिर्फ एक गंभीर लापरवाही है, बल्कि यह स्वास्थ्य संस्थानों में खाद्य सुरक्षा और प्रशासनिक निगरानी पर गहरी चोट करता है।
क्षेत्रीय अस्पताल कुल्लू की कैंटीन एक बार फिर चर्चा में आ गई है। मरीजों के खाने में कॉकरोच मिलने के मामले में अस्पताल की मेस पहले भी खूब चर्चा में रही लेकिन इस बार अस्पताल की कैंटीन से लिए परांठे में शीशे के टुकड़े मिले हैं। यह घटना 25 दिसंबर को सुबह की बताई जा रही है। बंजार क्षेत्र के दुर्गम सजवाड़ गांव के गुमत राम क्षेत्रीय अस्पताल में दाखिल अपने बच्चे के लिए कैंटीन से परांठा लेकर आए थे।
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बीमार एक साल के बच्चे को जब आधे के करीब परांठा खिला दिया तो परांठे में शीशे के टुकड़े दिखाई दिए। उन्होंने बच्चे को परांठा खिलाना तुरंत बंद कर दिया। गुमत राम ने कहा कि हालांकि उन्हें नहीं पता था कि इसकी शिकायत किससे की जानी चाहिए और वह उन शीशे के टुकड़ों को लेकर कैंटीन में जा पहुंचे और उन्हें शीशे के टुकड़े दिखाए। शीशे के ये टुकड़े वहां मौजूद कर्मचारियों को थमा दिए। उनका कहना है कि संचालकों की तरफ से कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला तो वह वहां से चले गए।
... डर है टुकड़े कहीं बच्चे के पेट में न चले गए हों
गुमत राम ने बताया कि एक साल के बीमार बच्चे को आधा परांठा खिला दिया है। उन्हें डर है कि कहीं शीशे के टुकड़े उसके पेट में न चले गए हों। उन्होंने प्रशासन से भी मांग की है कि कैंटीन संचालकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए ताकि आने वाले समय में इस तरह की घटना किसी मरीज के साथ न हो।
एक ही मालिक चला रहा है कैंटीन और मेस
इससे पहले अस्पताल की मेस मरीज के खाने में कॉकरोच मिलने से चर्चा में रही थी। उस दौरान भी विभाग की ओर से मेस संचालक के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई थी। अब अस्पताल की कैंटीन में बने परांठे में शीशे के टुकड़े बरामद होने से ऐसा लग रहा है कि कैंटीन और मेस संचालक मरीजों और लोगों की जान के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। बता दें कि अस्पताल की कैंटीन और मेस एक ही ठेकेदार चला रहा है।
हमारे ध्यान में अभी तक ऐसा कोई मामला नहीं आया है। यदि इस तरह की घटना हुई है तो ठेकेदार को बुलाकर इस मामले को लेकर पूछताछ की जाएगी। - डाॅ. तारा चंद, चिकित्सा अधीक्षक, क्षेत्रीय अस्पताल कुल्लू
मेस और कैंटीन के सामने कचरे के ढेर
अस्पताल में आने वाले मरीजों और तीमारदारों को परोसे जाने वाले खाने को लेकर कैंटीन-मेस संचालक कितने गंभीर हैं और प्रबंधन भी कितना सजग है, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि कैंटीन और मेस के ठीक सामने बायो बेस्ड कचरे के ढेर लगे हैं। इसको लेकर भी पहले से मेस और कैंटीन चर्चा में रहे हैं। मरीज भी कई बार मेस और कैंटीन के खाने को लेकर शिकायतें करते रहे हैं।
आग की घटना भी चर्चा में
हाल ही में 23 दिसंबर को अस्पताल की कैंटीन में आग की घटना भी पेश आई थी। इसका कारण लापरवाही से गैस लीकेज होना बताया गया है। हालांकि अस्पताल के सुरक्षा गार्डों की मुस्तैदी और दमकल विभाग के समय पर पहुंचने से आग पर काबू पाया गया लेकिन यह लापरवाही अस्पतालों के मरीजों पर भारी पड़ सकती थी। इस घटना के कारण भी अस्पताल कैंटीन चर्चाओं में रही है।