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Kullu News: विधायक सुरेंद्र शौरी ने मातला और जीवा गांव में सुना लोगों का दुखड़ा
संवाद न्यूज एजेंसी, कुल्लू
Updated Sun, 14 Sep 2025 11:10 PM IST
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विधायक सुरेंद्र शौरी सैंज घाटी के प्रभावितों का दर्द सुनते हुए। -जागरूक पाठक।
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प्रदेश सरकार पर क्षेत्र और ग्रामीणों की अनदेखी करने का लगाया आरोप
प्रभावितों की मदद करने के साथ समस्याओं का स्थायी समाधान करने की मांग
संवाद न्यूज एजेंसी
सैंज (कुल्लू)। बंजार के विधायक सुरेंद्र शौरी ने रविवार को सैंज घाटी में आपदा प्रभावित मातला और जीवा गांवों का दौरा किया। उन्होंने प्रभावितों की समस्याएं भी सुनीं।
उन्होंने सरकार पर क्षेत्र और ग्रामीणों की अनदेखी करने का आरोप लगाया। सरकार से मांग की कि प्रभावितों की मदद की जाए। इनकी समस्याओं का स्थायी समाधान किया जाए।
गौर रहे कि सुचैहण पंचायत के मातला गांव में भूमि धंसने से 31 परिवार प्रभावित हुए हैं। लगभग 31 मकान जमींदोज हो चुके हैं। प्रभावितों ने मांग की है कि उन्हें मातला गांव के साथ एनएचपीसी की भूमि पर अस्थायी रूप से बसाया जाए। पंचायत रैला के जीवा गांव में 12 मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं। शौरी ने कहा कि ग्रामीणों के पास रहने के लिए छत नहीं है। सरकार और प्रशासन उन्हें पानी और अन्य राहत सामग्री तक उपलब्ध नहीं करवा रहे हैं।
-- टीम सहभागिता ने जाना प्रभावितों का हाल
सैंज घाटी के मातला गांव में प्रभावितों से मिलने और उनकी समस्याओं को कम करने का प्रयास करने के लिए टीम सहभागिता के सदस्य भी पहुंचे। सहभागिता अध्यक्ष बीजू हिमदल ने कहा कि टीम के सदस्यों से प्रभावित परिवारों की सूची तैयार की है। सूची के अनुसार प्रभावितों को राहत सामग्री जल्द वितरित की जाएगी। बागन गांव में भी प्रभावितों को राशन किट मुहैया करवाई गई है।

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प्रभावितों की मदद करने के साथ समस्याओं का स्थायी समाधान करने की मांग
संवाद न्यूज एजेंसी
सैंज (कुल्लू)। बंजार के विधायक सुरेंद्र शौरी ने रविवार को सैंज घाटी में आपदा प्रभावित मातला और जीवा गांवों का दौरा किया। उन्होंने प्रभावितों की समस्याएं भी सुनीं।
उन्होंने सरकार पर क्षेत्र और ग्रामीणों की अनदेखी करने का आरोप लगाया। सरकार से मांग की कि प्रभावितों की मदद की जाए। इनकी समस्याओं का स्थायी समाधान किया जाए।
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गौर रहे कि सुचैहण पंचायत के मातला गांव में भूमि धंसने से 31 परिवार प्रभावित हुए हैं। लगभग 31 मकान जमींदोज हो चुके हैं। प्रभावितों ने मांग की है कि उन्हें मातला गांव के साथ एनएचपीसी की भूमि पर अस्थायी रूप से बसाया जाए। पंचायत रैला के जीवा गांव में 12 मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं। शौरी ने कहा कि ग्रामीणों के पास रहने के लिए छत नहीं है। सरकार और प्रशासन उन्हें पानी और अन्य राहत सामग्री तक उपलब्ध नहीं करवा रहे हैं।
सैंज घाटी के मातला गांव में प्रभावितों से मिलने और उनकी समस्याओं को कम करने का प्रयास करने के लिए टीम सहभागिता के सदस्य भी पहुंचे। सहभागिता अध्यक्ष बीजू हिमदल ने कहा कि टीम के सदस्यों से प्रभावित परिवारों की सूची तैयार की है। सूची के अनुसार प्रभावितों को राहत सामग्री जल्द वितरित की जाएगी। बागन गांव में भी प्रभावितों को राशन किट मुहैया करवाई गई है।