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सेब के उचित दाम न मिलने पर तेज करेंगे आंदोलन : महेंद्र राणा
संवाद न्यूज एजेंसी, मंडी
Updated Sat, 20 Dec 2025 11:25 PM IST
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बालीचौकी (मंडी)। सेब के उचित दाम न मिलने और लगातार बढ़ती लागत से परेशान सेब उत्पादक अब आंदोलन तेज करने की तैयारी में हैं। सेब उत्पादक संघ लोकल कमेटी बालीचौकी ने स्पष्ट किया है कि यदि सरकार ने उनकी मांगों पर गंभीरता नहीं दिखाई तो आने वाले दिनों में संघर्ष को और व्यापक किया जाएगा।
सेब उत्पादक संघ की बैठक थाची में ओमचंद की अध्यक्षता में आयोजित हुई, जिसमें सेब उत्पादन और जमीन से जुड़े मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की गई। किसान नेता महेंद्र राणा ने कहा कि खाद और दवाइयों की कीमतों में लगातार हो रही बढ़ोतरी से उत्पादन लागत काफी बढ़ गई है। मंडियों में सेब के दाम लगातार गिर रहे हैं। इससे सेब का उत्पादन करना अब घाटे का सौदा बन रहा है।
बैठक में कहा गया कि सरकार की नीतियां किसान विरोधी हैं और प्राकृतिक आपदाएं भी सेब उत्पादकों की मुश्किलें बढ़ा रही हैं। कभी कम तो कभी अधिक बारिश के कारण इस वर्ष भी क्षेत्र के अधिकांश सेब बगीचों में ही सड़ गए। क्षेत्र में एक भी सेब एकत्रीकरण केंद्र न होने से किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ा।
महेंद्र राणा ने बताया कि संघ ने आंदोलन तेज करने का निर्णय लिया है। इसके तहत एक जनवरी से गांव-गांव बैठकें कर संगठन का विस्तार किया जाएगा। आठ जनवरी को नायब तहसीलदार थाची के माध्यम से प्रदेश सरकार को मांग पत्र सौंपा जाएगा, जबकि 19 जनवरी को बालीचौकी में रैली आयोजित की जाएगी।
संघ की प्रमुख मांगों में सोमगाड़, थाची, पंजाईं, थाटा और गड़ागुसैन में पांच सेब एकत्रीकरण केंद्र खोलना, सेब के किराए को कानून के तहत तय करना और बाहर से आने वाले सेब पर शत-प्रतिशत आयात शुल्क लगाना शामिल है। बैठक में ओमचंद, यदुनंदन राय, प्रकाश चंद, लाल चंद, देवेंद्र कुमार, वेदराम, पंकज कुमार सहित अन्य मौजूद रहे।
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सेब उत्पादक संघ की बैठक थाची में ओमचंद की अध्यक्षता में आयोजित हुई, जिसमें सेब उत्पादन और जमीन से जुड़े मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की गई। किसान नेता महेंद्र राणा ने कहा कि खाद और दवाइयों की कीमतों में लगातार हो रही बढ़ोतरी से उत्पादन लागत काफी बढ़ गई है। मंडियों में सेब के दाम लगातार गिर रहे हैं। इससे सेब का उत्पादन करना अब घाटे का सौदा बन रहा है।
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बैठक में कहा गया कि सरकार की नीतियां किसान विरोधी हैं और प्राकृतिक आपदाएं भी सेब उत्पादकों की मुश्किलें बढ़ा रही हैं। कभी कम तो कभी अधिक बारिश के कारण इस वर्ष भी क्षेत्र के अधिकांश सेब बगीचों में ही सड़ गए। क्षेत्र में एक भी सेब एकत्रीकरण केंद्र न होने से किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ा।
महेंद्र राणा ने बताया कि संघ ने आंदोलन तेज करने का निर्णय लिया है। इसके तहत एक जनवरी से गांव-गांव बैठकें कर संगठन का विस्तार किया जाएगा। आठ जनवरी को नायब तहसीलदार थाची के माध्यम से प्रदेश सरकार को मांग पत्र सौंपा जाएगा, जबकि 19 जनवरी को बालीचौकी में रैली आयोजित की जाएगी।
संघ की प्रमुख मांगों में सोमगाड़, थाची, पंजाईं, थाटा और गड़ागुसैन में पांच सेब एकत्रीकरण केंद्र खोलना, सेब के किराए को कानून के तहत तय करना और बाहर से आने वाले सेब पर शत-प्रतिशत आयात शुल्क लगाना शामिल है। बैठक में ओमचंद, यदुनंदन राय, प्रकाश चंद, लाल चंद, देवेंद्र कुमार, वेदराम, पंकज कुमार सहित अन्य मौजूद रहे।