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Una News: आलू का बीज 100 रुपये प्रति क्विंटल तक हुआ महंगा
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पंडोगा में आलू के बीज से लदी हुई ट्राली। संवाद
- फोटो : credit
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पहले 1400 से तो अब 1500 रुपये प्रति क्विंटल हुई बीज की कीमत
किसानों को खेतों तक बीज पहुंचाने में भी करना पड़ रहा अतिरिक्त खर्च
मौसम साफ होने के बाद बीज की मांग बढ़ी, बिजाई ने पकड़ी रफ्तार
संवाद न्यूज एजेंसी
पंडोगा (ऊना)। जिले में मौसम साफ होने के बाद आलू की बिजाई ने रफ्तार पकड़ ली है। जिन किसानों ने इस बार आलू की बिजाई न करने का मन बनाया था, उनमें से भी कई अब इसकी ओर रुख कर रहे हैं। इससे पंजाब से खरीदे जाने वाले बीज की मांग बढ़ गई है। नतीजतन बीज के दाम 100 रुपये प्रति क्विंटल तक बढ़ गए हैं। पहले आलू का बीज 1400 रुपये प्रति क्विंटल बिक रहा था, अब यह 1500 रुपये तक पहुंच गया है। बीज खरीदने के साथ किसानों को खेतों तक पहुंचाने के लिए अतिरिक्त खर्च भी करना पड़ रहा है।
जानकारी के अनुसार ऊना में इस बार भारी बरसात के कारण आलू की बिजाई करीब 10 दिन देरी से शुरू हुई है। किसानों का लक्ष्य है कि 20 सितंबर तक बिजाई का काम पूरा कर लिया जाए। पहले जहां आलू की खेती 1000 हेक्टेयर तक सीमित रहने का अनुमान था, अब यह बढ़कर 1500 हेक्टेयर तक पहुंचने की संभावना है। बिजाई से पहले किसान खेतों में मुर्गी खाद और 12-32-16 उर्वरक का छिड़काव भी कर रहे हैं। उर्वरक खरीदने के लिए इफको गोदामों पर किसानों की भीड़ देखी जा रही है।किसान रविंद्र कुमार, विनोद कुमार, प्रेम चंद, तरसेम लाल, अभिषेक कुमार और राजेश कुमार ने बताया कि शुरू में उन्होंने आलू की बिजाई न करने का फैसला किया था, लेकिन अब परिस्थितियां अनुकूल हो चुकी हैं। कई खेत ऐसे स्थानों पर हैं, जहां तक पहुंचने के लिए रास्ते नहीं हैं। ऐसे में अगर आलू की बिजाई नहीं होगी तो गेहूं की बुवाई भी देरी से होगी। इसलिए मजबूरी में सही, लेकिन आलू की बिजाई करना ही बेहतर है। किसानों ने कहा कि बीज की कीमत अचानक बढ़ गई है। यदि पहले खरीद लेते तो खर्च कम आता। उपनिदेशक जिला कृषि विभाग डॉ. कुलभूषण धीमान ने बताया कि रेतीली जमीन और जहां जलभराव नहीं हुआ, वहां फिलहाल आलू की बिजाई के लिए उपयुक्त समय है। कई किसान पहले ही बिजाई कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि आलू बीज की कीमत तय नहीं रहती, यह मांग और आपूर्ति के हिसाब से बढ़ती-घटती रहती है। अधिकतर किसान बीज पंजाब के जालंधर से खरीदते हैं।

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किसानों को खेतों तक बीज पहुंचाने में भी करना पड़ रहा अतिरिक्त खर्च
मौसम साफ होने के बाद बीज की मांग बढ़ी, बिजाई ने पकड़ी रफ्तार
संवाद न्यूज एजेंसी
पंडोगा (ऊना)। जिले में मौसम साफ होने के बाद आलू की बिजाई ने रफ्तार पकड़ ली है। जिन किसानों ने इस बार आलू की बिजाई न करने का मन बनाया था, उनमें से भी कई अब इसकी ओर रुख कर रहे हैं। इससे पंजाब से खरीदे जाने वाले बीज की मांग बढ़ गई है। नतीजतन बीज के दाम 100 रुपये प्रति क्विंटल तक बढ़ गए हैं। पहले आलू का बीज 1400 रुपये प्रति क्विंटल बिक रहा था, अब यह 1500 रुपये तक पहुंच गया है। बीज खरीदने के साथ किसानों को खेतों तक पहुंचाने के लिए अतिरिक्त खर्च भी करना पड़ रहा है।
जानकारी के अनुसार ऊना में इस बार भारी बरसात के कारण आलू की बिजाई करीब 10 दिन देरी से शुरू हुई है। किसानों का लक्ष्य है कि 20 सितंबर तक बिजाई का काम पूरा कर लिया जाए। पहले जहां आलू की खेती 1000 हेक्टेयर तक सीमित रहने का अनुमान था, अब यह बढ़कर 1500 हेक्टेयर तक पहुंचने की संभावना है। बिजाई से पहले किसान खेतों में मुर्गी खाद और 12-32-16 उर्वरक का छिड़काव भी कर रहे हैं। उर्वरक खरीदने के लिए इफको गोदामों पर किसानों की भीड़ देखी जा रही है।किसान रविंद्र कुमार, विनोद कुमार, प्रेम चंद, तरसेम लाल, अभिषेक कुमार और राजेश कुमार ने बताया कि शुरू में उन्होंने आलू की बिजाई न करने का फैसला किया था, लेकिन अब परिस्थितियां अनुकूल हो चुकी हैं। कई खेत ऐसे स्थानों पर हैं, जहां तक पहुंचने के लिए रास्ते नहीं हैं। ऐसे में अगर आलू की बिजाई नहीं होगी तो गेहूं की बुवाई भी देरी से होगी। इसलिए मजबूरी में सही, लेकिन आलू की बिजाई करना ही बेहतर है। किसानों ने कहा कि बीज की कीमत अचानक बढ़ गई है। यदि पहले खरीद लेते तो खर्च कम आता। उपनिदेशक जिला कृषि विभाग डॉ. कुलभूषण धीमान ने बताया कि रेतीली जमीन और जहां जलभराव नहीं हुआ, वहां फिलहाल आलू की बिजाई के लिए उपयुक्त समय है। कई किसान पहले ही बिजाई कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि आलू बीज की कीमत तय नहीं रहती, यह मांग और आपूर्ति के हिसाब से बढ़ती-घटती रहती है। अधिकतर किसान बीज पंजाब के जालंधर से खरीदते हैं।
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