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Una News: गरीबों के जले आशियाने, स्वां नदी के किनारे ठिठुरी जिंदगी
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रात को चीख पुकार में मजदूर बचाते रहे अपनी जमा पूंजी
जलकर राख हुई दर्जनों झुग्गियां
विवेक शर्मा
गगरेट (ऊना)। सोमभद्रा नदी के किनारे बने आशियानों में लगी आग ने न केवल झुग्गियों को राख किया, बल्कि मजदूरों के सपनों को भी भस्म कर दिया। ठिठुरती 25 दिसंबर की रात मजदूर परिवारों पर ऐसा कहर बनकर टूटी कि सिर के ऊपर से छत भी चली गई। नदी के किनारे मजदूर ठिठुरने को मजबूर हो गए। जानकारी के अनुसार बिहार और उत्तर प्रदेश से रोजी-रोटी के लिए आए प्रवासी मजदूर दिन भर की मेहनत के बाद अपने आशियाने में सो रहे थे। तभी आग की लपटों ने उनके सपनों और मेहनत की कमाई को लील लिया। मजदूर परिवारों ने अपना सामान बचाने का प्रयास किया, लेकिन प्रचंड आग के सामने वे असहाय थे।
हालांकि, प्रशासन भी समय पर हरकत में आया। एसडीएम सोमिल गौतम मौके पर पहुंचे और प्रशासन की तरफ से हर संभव सहायता का आश्वासन दिया। स्थानीय लोगों ने भी रात्रि में ही राहत कार्य शुरू कर दिया। महिलाएं और बच्चे अपने जलते हुए आशियानों को बस नम आंखों से देख रहे थे। मेहनत की कमाई और जमा पूंजी इस आग में पूरी तरह नष्ट हो गई। सौभाग्य से इस आग में किसी भी प्रकार का जानी नुकसान नहीं हुआ। वहीं, क्षेत्र के लोगों का कहना है कि प्रशासन को इस तरह बनी झुग्गियों के लिए ठोस नीति बनानी चाहिए, ताकि भविष्य में इस तरह की आपदाओं को कम किया जा सके।
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विवेक शर्मा
गगरेट (ऊना)। सोमभद्रा नदी के किनारे बने आशियानों में लगी आग ने न केवल झुग्गियों को राख किया, बल्कि मजदूरों के सपनों को भी भस्म कर दिया। ठिठुरती 25 दिसंबर की रात मजदूर परिवारों पर ऐसा कहर बनकर टूटी कि सिर के ऊपर से छत भी चली गई। नदी के किनारे मजदूर ठिठुरने को मजबूर हो गए। जानकारी के अनुसार बिहार और उत्तर प्रदेश से रोजी-रोटी के लिए आए प्रवासी मजदूर दिन भर की मेहनत के बाद अपने आशियाने में सो रहे थे। तभी आग की लपटों ने उनके सपनों और मेहनत की कमाई को लील लिया। मजदूर परिवारों ने अपना सामान बचाने का प्रयास किया, लेकिन प्रचंड आग के सामने वे असहाय थे।
हालांकि, प्रशासन भी समय पर हरकत में आया। एसडीएम सोमिल गौतम मौके पर पहुंचे और प्रशासन की तरफ से हर संभव सहायता का आश्वासन दिया। स्थानीय लोगों ने भी रात्रि में ही राहत कार्य शुरू कर दिया। महिलाएं और बच्चे अपने जलते हुए आशियानों को बस नम आंखों से देख रहे थे। मेहनत की कमाई और जमा पूंजी इस आग में पूरी तरह नष्ट हो गई। सौभाग्य से इस आग में किसी भी प्रकार का जानी नुकसान नहीं हुआ। वहीं, क्षेत्र के लोगों का कहना है कि प्रशासन को इस तरह बनी झुग्गियों के लिए ठोस नीति बनानी चाहिए, ताकि भविष्य में इस तरह की आपदाओं को कम किया जा सके।
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