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8th CPC: टैंक और गोला बारूद तैयार करने वाले हाथों को क्यों उतरना पड़ा सड़कों पर, वेतन आयोग व ओपीएस है मांग

डिजिटल ब्यूरो, अमर उजाला Published by: कीर्तिवर्धन मिश्र Updated Tue, 14 Oct 2025 12:56 PM IST
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सार

अखिल भारतीय रक्षा कर्मचारी महासंघ (एआईडीईएफ) के महासचिव और स्टाफ साइड की जेसीएम के वरिष्ठ सदस्य सी. श्रीकुमार ने बताया कि कर्मचारी, अखिल भारतीय विरोध दिवस मनाने पर मजबूर हैं। केंद्र सरकार, कर्मियों की बात नहीं सुन रही। 

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8वां वेतन आयोग - फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
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केंद्र सरकार के कर्मचारी संगठनों में 8वें वेतन आयोग के गठन और पुरानी पेंशन बहाली, यह मांग जोर पकड़ रही है। सरकार ने कहा था कि आठवें वेतन आयोग की सिफारिशें पहली जनवरी 2026 से लागू कर दी जाएंगी, लेकिन अभी तक आयोग के अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति भी नहीं हो सकी है। ऐसे में कर्मचारी संगठनों को यह चिंता सता रही है कि अब महज सत्तर दिन बचे हैं, इतने कम समय में किस तरह से आठवें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू होंगी। रक्षा असैन्य कर्मचारियों का प्रतिनिधित्व करने वाले सबसे बड़े ट्रेड यूनियनों में से एक, अखिल भारतीय रक्षा कर्मचारी महासंघ (एआईडीईएफ) ने 8वें केंद्रीय वेतन आयोग (सीपीसी) की अधिसूचना में देरी के खिलाफ मंगलवार को अखिल भारतीय 'विरोध दिवस' आयोजित किया। देश भर की रक्षा इकाइयों में आठवें वेतन आयोग का गठन, पुरानी पेंशन' बहाली और रक्षा प्रतिष्ठानों में अनुकंपा नियुक्तियों से प्रतिबंध हटाना, इन मांगों को लेकर कर्मचारी, सड़कों पर उतरे। 

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अखिल भारतीय रक्षा कर्मचारी महासंघ (एआईडीईएफ) के महासचिव और स्टाफ साइड की जेसीएम के वरिष्ठ सदस्य सी. श्रीकुमार ने बताया कि कर्मचारी, अखिल भारतीय विरोध दिवस मनाने पर मजबूर हैं। केंद्र सरकार, कर्मियों की बात नहीं सुन रही। केंद्र सरकार के कर्मचारी, पेंशनभोगी और राज्य सरकार के कर्मचारी, 8वें वेतन आयोग के गठन का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं, लेकिन भारत सरकार चुप है। इससे सरकारी कर्मियों में व्यापक असंतोष फैल रहा है। कर्मचारियों का तर्क है कि जहां सांसदों और विधायकों को समय-समय पर वेतन संशोधन मिलता है, वहीं सरकारी कर्मचारी और पेंशनभोगी, बढ़ती मुद्रास्फीति और स्वास्थ्य सेवा एवं शिक्षा की बढ़ती लागत के बावजूद, एक दशक से भी अधिक समय से उचित संशोधन के बिना संघर्ष कर रहे हैं।

ये हैं एआईडीईएफ की तीन प्रमुख मांगें
आठवें वेतन आयोग की अधिसूचना का तत्काल प्रकाशन किया जाए। सरकार ने 16 जनवरी, 2025 को आठवें वेतन आयोग के गठन के अपने निर्णय की घोषणा की और राष्ट्रीय परिषद (जेसीएम) के कर्मचारी पक्ष से संदर्भ की शर्तों (टीओआर) का मसौदा मांगा था। कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) के साथ चर्चा के बावजूद, आठ महीने बाद भी कोई वेतन आयोग को लेकर अधिसूचना जारी नहीं की गई है। बतौर श्रीकुमार, चूंकि सीपीसी की सिफारिशें 1 जनवरी, 2026 से लागू होनी हैं, इसलिए एआईडीईएफ केंद्र सरकार के कर्मचारियों, रक्षा कर्मचारियों, रेलवे, सशस्त्र बलों और अर्धसैनिक कर्मियों के वेतन संशोधन में देरी से बचने के लिए तत्काल कार्रवाई की मांग करता है।

पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) की बहाली 
एआईडीईएफ, 2004 में शुरू की गई राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) और अप्रैल 2025 में शुरू की गई नई एकीकृत पेंशन योजना (यूपीएस) का कड़ा विरोध करता है। ये दोनों ही अंशदायी और बाजार-आधारित पेंशन योजना हैं। कर्मचारी, सीसीएस पेंशन नियम 1972 (अब 2021) के तहत परिभाषित, गैर-अंशदायी पेंशन योजना को बहाल करने की मांग कर रहे हैं, क्योंकि सरकारी कर्मचारियों पर काम का बोझ बहुत ज्यादा है। वे शासन को सुचारू रूप से चलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। एआईडीईएफ ने रक्षा प्रतिष्ठानों में अनुकंपा नियुक्तियों पर प्रतिबंध हटाने की मांग की है। 

अन्य मंत्रालयों में अनुकंपा नियुक्तियां जारी
केंद्र के अन्य मंत्रालयों में अनुकंपा नियुक्तियां जारी हैं, जबकि रक्षा मंत्रालय ने निगमीकरण और जनशक्ति युक्तिकरण का हवाला देते हुए पिछले चार वर्षों से इस योजना पर रोक लगा रखी है। मृत रक्षा कर्मचारियों के परिवार, जिनमें से कई की मृत्यु कोविड-19, कार्यस्थल दुर्घटनाओं या खतरनाक कार्य परिस्थितियों के कारण हुई, बिना किसी सहारे के रह गए हैं। एआईडीईएफ ने आयुध कारखानों सहित सभी रक्षा मंत्रालय के प्रतिष्ठानों में अनुकंपा नियुक्तियों की तत्काल बहाली की मांग की है।

मांग नहीं मानी तो देशव्यापी आंदोलन होगा तेज
श्रीकुमार ने कहा, कर्मचारी लंबे समय से ओपीएस बहाली की मांग कर रहे हैं, लेकिन सरकार यूपीएस ले आई। इसे कर्मचारियों ने रिजेक्ट किया है। मुद्रास्फीति के रिकॉर्ड स्तर पर होने और वेतन में स्थिरता के कारण, कर्मचारियों और पेंशनभोगियों का कहना है कि सम्मान के साथ जीवनयापन करना एक बड़ी चुनौती बन गया है। एआईडीईएफ ने चेतावनी दी है कि जब तक सरकार आठवें वेतन आयोग की अधिसूचना जारी नहीं करती और पेंशन एवं नियुक्ति संबंधी चिंताओं का समाधान नहीं करती है तो देशव्यापी आंदोलन तेज कर दिया जाएगा।
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