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AI Plane Crash: एएआईबी ने ठुकराया ALPA इंडिया का प्रस्ताव, जानें पायलट संगठन ने जांच को लेकर क्या की थी मांग
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, मुंबई / नई दिल्ली
Published by: पवन पांडेय
Updated Fri, 03 Oct 2025 09:31 PM IST
सार
AI Plane Crash: AAIB ने एएलपीए की मांग को फिलहाल ठुकरा दिया है, लेकिन तिमाही बैठकों में शामिल करने का आश्वासन दिया है। एएलपीए इंडिया को उम्मीद है कि आने वाले समय में उन्हें जांच प्रक्रिया में औपचारिक रूप से जगह मिल सकेगी, जिससे भविष्य में आसमान और सुरक्षित हो सके।
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एअर इंडिया विमान हादसे की तस्वीर
- फोटो : PTI
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विस्तार
एअर इंडिया के विमान हादसे की जांच में पायलटों के संगठन एएलपीए इंडिया को शामिल करने की मांग पर विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (एएआईबी) ने साफ इनकार कर दिया है। एएआईबी ने कहा कि सरकारी नियमों के चलते किसी भी संगठन के प्रतिनिधि को जांच टीम का हिस्सा नहीं बनाया जा सकता। शुक्रवार को एएलपीए इंडिया के प्रतिनिधियों ने दिल्ली में एएआईबी के महानिदेशक जीवीजी युगंधर से मुलाकात की। इस बैठक में मुख्य तौर पर विमान हादसों की जांच में विषय विशेषज्ञों को शामिल करने पर चर्चा हुई। हालांकि, एअर इंडिया हादसे पर ज्यादा बात नहीं हुई क्योंकि उसकी जांच फिलहाल जारी है।
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एएआईबी ने सरकारी नियमों का दिया हवाला
एएलपीए इंडिया के अध्यक्ष सैम थॉमस ने बैठक के बाद कहा, 'एएआईबी ने सरकारी नियमों का हवाला देते हुए हमें जांच टीम का हिस्सा बनाने से इनकार कर दिया। हालांकि, उन्होंने आश्वासन दिया है कि हमें आगे होने वाली तिमाही बैठकों में बुलाया जाएगा।'
अहमदाबाद विमान हादसा
12 जून को अहमदाबाद से लंदन गैटविक के लिए उड़ान भरने वाला एअर इंडिया का बोइंग 787-8 विमान (AI-171) टेकऑफ के तुरंत बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। इस हादसे में 260 लोगों की मौत हुई थी, जिनमें 241 यात्री शामिल थे। यह भारत के सबसे बड़े विमान हादसों में गिना जा रहा है।
पायलट संगठन ने जांच को लेकर क्या की मांग
एएलपीए इंडिया, जो वैश्विक पायलट संगठन आईएफएएलपीए का सहयोगी सदस्य है, लगातार मांग कर रहा है कि उसके प्रतिनिधियों को जांच दल में शामिल किया जाए ताकि पायलटों का दृष्टिकोण भी सामने आए और जांच अधिक व्यापक हो। संगठन का कहना है कि इससे जांच प्रक्रिया और विमानन सुरक्षा दोनों मजबूत होंगी। इस बैठक से पहले एएलपीए इंडिया ने बयान जारी कर कहा था कि वे जांच में 'सब्जेक्ट मैटर एक्सपर्ट' की भूमिका निभाना चाहते हैं। उनका मानना है कि पायलटों की समझ और अनुभव से जांच में नई गहराई जुड़ सकती है।
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AAIB की शुरुआती रिपोर्ट और विवाद
एएआईबी की प्रारंभिक रिपोर्ट12 जुलाई को जारी हुई थी। उसमें बताया गया कि टेकऑफ के कुछ ही सेकंड बाद विमान के दोनों इंजनों को जाने वाली ईंधन आपूर्ति लगभग एक साथ बंद हो गई। कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर में एक पायलट को यह कहते सुना गया कि 'तुमने कटऑफ क्यों किया?', जिस पर दूसरे पायलट ने जवाब दिया कि उसने ऐसा कुछ नहीं किया। 22 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट ने इस रिपोर्ट के कुछ हिस्सों को सार्वजनिक करने पर नाराजगी जताई थी। कोर्ट ने कहा था कि इस तरह की 'चयनात्मक रिपोर्टिंग दुर्भाग्यपूर्ण और गैर-जिम्मेदाराना' है, क्योंकि इससे मीडिया में गलत नैरेटिव बन सकता है।
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एएआईबी ने सरकारी नियमों का दिया हवाला
एएलपीए इंडिया के अध्यक्ष सैम थॉमस ने बैठक के बाद कहा, 'एएआईबी ने सरकारी नियमों का हवाला देते हुए हमें जांच टीम का हिस्सा बनाने से इनकार कर दिया। हालांकि, उन्होंने आश्वासन दिया है कि हमें आगे होने वाली तिमाही बैठकों में बुलाया जाएगा।'
अहमदाबाद विमान हादसा
12 जून को अहमदाबाद से लंदन गैटविक के लिए उड़ान भरने वाला एअर इंडिया का बोइंग 787-8 विमान (AI-171) टेकऑफ के तुरंत बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। इस हादसे में 260 लोगों की मौत हुई थी, जिनमें 241 यात्री शामिल थे। यह भारत के सबसे बड़े विमान हादसों में गिना जा रहा है।
पायलट संगठन ने जांच को लेकर क्या की मांग
एएलपीए इंडिया, जो वैश्विक पायलट संगठन आईएफएएलपीए का सहयोगी सदस्य है, लगातार मांग कर रहा है कि उसके प्रतिनिधियों को जांच दल में शामिल किया जाए ताकि पायलटों का दृष्टिकोण भी सामने आए और जांच अधिक व्यापक हो। संगठन का कहना है कि इससे जांच प्रक्रिया और विमानन सुरक्षा दोनों मजबूत होंगी। इस बैठक से पहले एएलपीए इंडिया ने बयान जारी कर कहा था कि वे जांच में 'सब्जेक्ट मैटर एक्सपर्ट' की भूमिका निभाना चाहते हैं। उनका मानना है कि पायलटों की समझ और अनुभव से जांच में नई गहराई जुड़ सकती है।
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AAIB की शुरुआती रिपोर्ट और विवाद
एएआईबी की प्रारंभिक रिपोर्ट12 जुलाई को जारी हुई थी। उसमें बताया गया कि टेकऑफ के कुछ ही सेकंड बाद विमान के दोनों इंजनों को जाने वाली ईंधन आपूर्ति लगभग एक साथ बंद हो गई। कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर में एक पायलट को यह कहते सुना गया कि 'तुमने कटऑफ क्यों किया?', जिस पर दूसरे पायलट ने जवाब दिया कि उसने ऐसा कुछ नहीं किया। 22 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट ने इस रिपोर्ट के कुछ हिस्सों को सार्वजनिक करने पर नाराजगी जताई थी। कोर्ट ने कहा था कि इस तरह की 'चयनात्मक रिपोर्टिंग दुर्भाग्यपूर्ण और गैर-जिम्मेदाराना' है, क्योंकि इससे मीडिया में गलत नैरेटिव बन सकता है।