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EVM के साथ छेड़छाड़ हो सकती है?

बीबीसी/ मानसी दाश Updated Tue, 09 May 2017 03:47 PM IST
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after UP assembly elections question is raising of teasing happened with electronic voting machiene?
- फोटो : Getty Images
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उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों में करारी हार झेल चुकी बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने इसके लिए इलेक्ट्रोनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) को जिम्मेदार ठहराया है और इसके जरिए धोखाधड़ी का आरोप लगाया है।

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मायावती ने प्रधानमंत्री मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह को चुनौती दी कि यदि वो 'ईमानदार' हैं तो चुनाव आयोग से तुरंत वोटिंग की गिनती रोकने के लिए कहें और पारंपरिक मतपत्रों के जरिए दोबारा चुनाव कराने की घोषणा करने के लिए कहें। इससे पहले 2009 में बीजेपी नेता लालकृष्ण आडवाणी ने भी ईवीएम को लेकर संदेह जताया था और परम्परागत मतपत्रों की वापसी की मांग की थी।
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सवाल ये है कि क्या ईवीएम से छेड़छाड़ की जा सकती है? मई 2010 में अमरीका के मिशिगन विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने दावा किया था कि उनके पास भारत की ईवीएम को हैक करने की तकनीक है।शोधकर्ताओं का दावा था कि ऐसी एक मशीन से होम मेड उपकरण को जोड़ने के बाद पाया गया कि मोबाइल से टेक्स्ट मैसेज के जरिए परिणामों में बदलाव किया जा सकता है। हालांकि पूर्व चुनाव आयुक्त टीएस कृष्णमूर्ति की अलग राय है।

पहले भी कई बार लगे ईवीएम मशीनों से छेड़छाड़ के आरोप

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उन्होंने बीबीसी से कहा, "जो मशीन भारत में इस्तेमाल की जाती है, वो मजबूत मशीनें हैं और मुझे नहीं लगता कि उन्हें हैक किया जा सकता है।" उन्होंने कहा, "ऐसा हो सकता है कि पोलिंग बूथ पर मशीन चलाने वाले ठीक से इसे चला ना पाएं लेकिन मतदान से पहले इन मशीनों को कड़ी जांच से गुजरना पड़ता है।"

कृष्णमूर्ति बताते हैं, "इससे पहले भी कई लोगों ने ईवीएम मशीनों से छेड़छाड़ के आरोप लगाए थे, लेकिन अदालत में ये आरोप साबित नहीं किए जा सके और सुप्रीम कोर्ट ने मामले को खारिज कर दिया था।" वो बताते हैं कि कुछ लोगों को इसमें पेपर ट्रेल की मांग की थी और इसे बाद में जोड़ दिया गया।

शारदा यूनिवर्सिटी में शोध और तकनीकी विकास विभाग में प्रोफेसर अरुण मेहता कहते हैं, "ईवीएम में कंप्यूटर की ही प्रोग्रामिंग है और उसे बदला भी जा सकता है। आप इसे बेहतर बनाने की कोशिश कर सकते हैं, लेकिन ये भी देखें कि हैकर्स भी बेहतर होते जा रहे हैं।" प्रोफेसर अरुण मेहता बताते हैं, ''दो तरह की ईवीएम होती हैं, एक वो जिसमें आप दोबारा वोटों की गिनती नहीं कर सकते और एक वो जिनमें वोटों की गिनती दोबारा की जा सकती है।''
 

खुद चुनाव आयोग ने एक आरटीआई में इस बात को स्वीकार किया

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वे कहते हैं, "पुरानी मशीनों का विरोध किया गया था जिसके बाद उनका इस्तेमाल बंद हो गया है। अभी जो मशीनें इस्तेमाल होती हैं उनमें पेपर ट्रेल लगा दिया गया है ताकि वोटों की फिर से गिनती की जा सके लेकिन इनमें वोटरों की पहचान पता चलने का खतरा है।"

प्रोफेसर अरुण मेहता कहते हैं, "खुद चुनाव आयोग ने एक आरटीआई में इस बात को स्वीकार किया है।" हालांकि प्रोफेसर अरुण मेहता मानते हैं कि अदालत में ये कहना काफी नहीं है कि ईवीएम हैक हो सकती है। इसके लिए सबूत पेश करने होते हैं और ऐसा करना काफी मुश्किल है।

मशीनों को हैक करना कोई बड़ी बात नहीं है

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ईवीएम की सिक्योरिटी पर नजर रखने वाले तकनीकी विशेषज्ञ भी मानते हैं कि मशीनों को हैक करना कोई बड़ी बात नहीं है और ऐसा साबित भी किया जा चुका है। दूसरी ओर समाजवादी पार्टी के अखिलेश यादव ने हार स्वीकार करते हुए कहा कि यदि ईवीएम के साथ छेड़छाड़ के आरोप लगे हैं तो उनकी जांच जरूर होनी चाहिए। वहीं मायावती के आरोप पर अमित शाह ने कहा, "मैं इनकी मन:स्थिति समझ सकता हूं लेकिन इस पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहता।"

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