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ED: 659 निवेशकों ने चार परियोजनाओं में लगाए 248 करोड़ रुपये, कोई भी प्रोजेक्ट पूरा नहीं हुआ, लोगों का पैसा भी

डिजिटल ब्यूरो, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: राहुल कुमार Updated Fri, 21 Nov 2025 05:02 PM IST
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ED: 659 investors invested Rs 248 crore in four projects, none of which were completed
ईडी - फोटो : ANI
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निवेशकों ने यह सोचकर रियल एस्टेट के विभिन्न प्रोजेक्ट में पैसा लगाया था कि उन्हें अच्छा रिटर्न मिलेगा। कंपनियों ने भरोसा दिया कि उनका पैसा बहुत कम दिनों में बड़ी ग्रोथ करेगा। इसी भरोसे के चलते 659 निवेशकों ने चार परियोजनाओं में लगभग 248 करोड़ रुपये का निवेश किया था। कई वर्षों के बाद भी ये परियोजनाएं या तो पूरी नहीं हुई हैं या कंपनी द्वारा स्थगित कर दी गई हैं। अभी तक कंपनी द्वारा कोई हस्तांतरण विलेख भी निष्पादित नहीं किया गया है। लोगों को भारी आर्थिक नुकसान हुआ। 

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प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), गुरुग्राम क्षेत्रीय कार्यालय ने मेसर्स वाटिका लिमिटेड से संबंधित एक बिल्डर-निवेशक मामले में धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के प्रावधानों के तहत लगभग 108 करोड़ रुपये मूल्य के 1.35 एकड़ के एक वाणिज्यिक भूखंड को अस्थायी रूप से कुर्क किया है।
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ईडी ने वर्ष 2021 के दौरान आर्थिक अपराध शाखा, दिल्ली द्वारा आईपीसी, 1860 की धारा 120बी और 420 के तहत मेसर्स वाटिका लिमिटेड और प्रमोटरों अनिल भल्ला, गौतम भल्ला और अन्य के खिलाफ आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी और बेईमानी से निर्दोष निवेशकों/खरीदारों को प्रेरित करने के अपराधों से संबंधित कई एफआईआर के आधार पर उक्त मामले की जांच शुरू की थी। मेसर्स वाटिका लिमिटेड कंपनी, भविष्य की परियोजनाओं के लिए निवेशकों को भुगतान करने के लिए लुभाने में शामिल है, जिसमें परियोजना पूरी होने तक सुनिश्चित रिटर्न और परियोजना पूरी होने के बाद लीज़-रेंट रिटर्न जैसे उच्च मूल्य के रिटर्न शामिल हैं। 

जांच में पता चला है कि बीच में ही कंपनी ने सुनिश्चित रिटर्न देना बंद कर दिया। संबंधित इकाइयां तय समय पर निवेशकों को नहीं सौंपीं गई। इससे आपराधिक षड्यंत्र, धोखाधड़ी और बेईमानी से संपत्ति की सुपुर्दगी आदि के अपराध हुए। कंपनी ने समय-समय पर डीटीसीपी से लाइसेंस का नवीनीकरण न कराने और समय-सीमा के भीतर उक्त परियोजनाओं को पूरा करने में चूक जैसी उचित प्रक्रियाओं का पालन नहीं किया है। जांच के निष्कर्षों से पता चलता है कि 659 निवेशकों ने चार परियोजनाओं में लगभग 248 करोड़ रुपये का निवेश किया था। वाटिका इंटेक्स सिटी सेंटर टॉवर डी, ई और एफ, गुरुग्राम, वाटिका माइंडस्केप्स टॉवर-सी, फरीदाबाद, वाटिका टावर्स टॉवर-सी, गुरुग्राम और वाटिका हाई स्ट्रीट (वी'लांटे का हिस्सा), गुरुग्राम। कई वर्षों के बाद भी, ये परियोजनाएं या तो पूरी नहीं हुई हैं या कंपनी द्वारा स्थगित कर दी गई हैं। लोगों का पैसा वापस नहीं लौटाया गया। 

इस मामले में, ईडी ने पहले 68.59 करोड़ रुपये की अचल संपत्तियों को जब्त किया था, जिसकी पुष्टि एलडी एडजुडिकेटिंग अथॉरिटी ने की थी। इस प्रकार, मामले में अब तक कुल अनंतिम कुर्की लगभग 176 करोड़ रुपये है। वाटिका लिमिटेड, इसके प्रमोटरों अनिल भल्ला, गौतम भल्ला और वाटिका समूह की अन्य कंपनियों के खिलाफ धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के प्रावधानों के तहत 21.05.2025 को विशेष पीएमएलए कोर्ट, गुरुग्राम में मामला दर्ज किया गया।

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