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Tribal: कांग्रेस ने भाजपा पर लगाया आरक्षण खत्म करने का आरोप, कहा- आदिवासी संकट पैदा करने योजना बना रही BJP

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: राहुल कुमार Updated Fri, 21 Nov 2025 04:06 PM IST
सार

आदिवासी कांग्रेस के चेयरमैन विक्रांत भूरिया ने भाजपा पर उनकी जमीन छीनकर और न्याय से वंचित रखकर देश में आदिवासी संकट पैदा करने का आरोप लगाया। उन्होंने आदिवासियों के लिए एक माइग्रेंट पॉलिसी बनाने की मांग की। कांग्रेस ने कहा कि भाजपा सरकार पूरे देश में ग्रेट इंडियन ट्राइबल क्राइसिस को बढ़ावा दे रही है।

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Congress says BJP orchestrating plan to end reservation, create tribal crisis:
विक्रांत भूरिया - फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
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कांग्रेस ने शुक्रवार को भाजपा पर रिजर्वेशन खत्म करने और "आदिवासी संकट" पैदा करने के लिए एक सिस्टमैटिक प्लान पर काम करने का आरोप लगाया। कांग्रेस ने इस बात की उच्च स्तरीय जांच की मांग की कि कोटा होने के बावजूद मध्य प्रदेश सिविल जज परीक्षा 2022 में किसी भी आदिवासी का सिलेक्शन क्यों नहीं हुआ? पार्टी ने यह भी मांग की कि 2022 सिविल जज परीक्षा को रद्द किया जाए। 

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आदिवासी कांग्रेस के चेयरमैन विक्रांत भूरिया ने भाजपा पर उनकी जमीन छीनकर और न्याय से वंचित रखकर देश में आदिवासी संकट पैदा करने का आरोप लगाया। उन्होंने आदिवासियों के लिए एक माइग्रेंट पॉलिसी बनाने की मांग की। कांग्रेस ने कहा कि भाजपा सरकार पूरे देश में ग्रेट इंडियन ट्राइबल क्राइसिस को बढ़ावा दे रही है। भाजपा के राज में आदिवासी समुदाय तबाह हो रहे हैं। आदिवासी लोगों को न्याय नहीं मिल रहा है और वे अपनी पहचान बचाने के लिए भी संघर्ष कर रहे हैं। आदिवासी समुदायों की जमीनें जब्त की जा रही हैं। भूरिया ने कहा, हम ऐसा इसलिए कह रहे हैं क्योंकि मध्य प्रदेश में 2022 सिविल जज एग्जाम के नतीजों में रिजर्वेशन के बावजूद आदिवासी कैंडिडेट का सिलेक्शन जीरो है। 
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जज की परीक्षा रद्द करने की मांग
कांग्रेस नेता ने कहा कि मध्य प्रदेश में करीब 2 करोड़ आदिवासी हैं, लेकिन सिविल जज परीक्षा 2022 के नतीजे दिखाते हैं कि भाजापा और उसके सिस्टम को इस पोस्ट के लायक एक भी आदिवासी नहीं मिला। उन्होंने कहा कि इस परीक्षा में आदिवासियों के लिए 121 सीटें रिजर्व थीं, लेकिन एक भी चुना नहीं गया।उन्होंने कहा, 2021 से अब तक एक भी आदिवासी चुना नहीं गया है। नियमों के मुताबिक, जो सीटें कई वर्षों तक खाली रहती हैं, उन्हें ओपन कैटेगरी में ले लिया जाता है। दूसरे शब्दों में यह आरक्षण खत्म करने का एक सिस्टमैटिक तरीका है। हमारी मांग है कि 2022 सिविल जज परीक्षा रद्द की जाए और उच्च स्तरीय जांच की जाए।

एसआईआर से आदिवासियों को नुकसान
भूरिया ने मांग की कि आदिवासियों के लिए एक माइग्रेंट पॉलिसी बनाई जानी चाहिए। वोटर लिस्ट के स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन को जल्दबाजी में लागू करने से आदिवासियों को सबसे अधिक नुकसान हुआ है। ऐसा इसलिए है क्योंकि अधिकतर राज्यों में आदिवासी पलायन कर रहे हैं। हालात ऐसे हैं कि 70 फीसदी से ज़्यादा गांव खाली पड़े हैं और यह सरकार आदिवासियों को रोजगार नहीं दे पाई है।

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