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Nepal Unrest Updates: दक्षिणी नेपाल के बारा जिले में हटा कर्फ्यू; NSC का आदेश- 'आम चुनाव में तैनात हो सेना'
वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, काठमांडू
Published by: देवेश त्रिपाठी
Updated Fri, 21 Nov 2025 03:43 PM IST
सार
योजना के तहत हर जिला अपनी सुरक्षा रणनीति तैयार करेगा और प्रत्येक मतदान केंद्र पर नेपाल सेना, नेपाल पुलिस, सशस्त्र पुलिस बल, राष्ट्रीय जांच विभाग और अस्थायी पुलिस के जवानों को तैनात करेगा।
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नेपाल आम चुनाव में तैनात होगी सेना
- फोटो : ANI
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विस्तार
नेपाल में जेन-जी (Gen-Z) के हिंसक प्रदर्शन से हुए ओली सरकार के तख्तापलट के बाद हालात में सुधार हुआ था। लेकिन बीते दिनों दक्षिणी नेपाल के बारा जिले में फिर तनाव फैल गया था। हालांकि, शुक्रवार को बारा जिले के कुछ हिस्सों में कर्फ्यू हटा लिया गया और सामान्य स्थिति लौट आई।
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दक्षिणी नेपाल के इस जिले में बुधवार को तनाव तब पैदा हो गया था, जब सीपीएन-यूएमएल के तीन कार्यकर्ताओं ने सिमारा हवाई अड्डे पर शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन कर रहे जेनरेशन जी के युवाओं की कथित तौर पर पिटाई कर दी थी। इस घटना में कम से कम 10 लोग घायल हो गए थे।
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इस घटना के बाद जिले में जेनरेशन जी युवाओं और अपदस्थ प्रधानमंत्री के. पी. शर्मा ओली की पार्टी के सदस्यों के बीच हिंसक झड़पें हुई थीं। फिलहाल जिले में रोजमर्रा की गतिविधियां शुरू होने के साथ ही बाजार खुल गए, स्कूलों में कक्षाएं फिर से शुरू हो गईं और परिवहन सेवाएं भी चालू हो गई हैं।
बारा के मुख्य जिला अधिकारी धर्मेंद्र कुमार मिश्रा ने बताया, "बारा में स्थिति अब सामान्य हो गई है और पिछले दो दिनों से लगा कर्फ्यू शुक्रवार को हटा लिया गया है।" पुलिस ने अब तक शिकायत में नामित छह लोगों में से तीन को गिरफ्तार कर लिया है, जिनमें यूएमएल के दो निर्वाचित वार्ड अध्यक्ष, धन बहादुर श्रेष्ठ और कैमुद्दीन अंसारी शामिल हैं।
अपदस्थ ओली की सीपीएन-यूएमएल, प्रतिनिधि सभा को बहाल करने की मांग को लेकर पूरे नेपाल में विरोध प्रदर्शन कर रही है। इस बीच नेपाल की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद ने पांच मार्च, 2026 को होने वाले आम चुनाव के दौरान सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सैन्यकर्मियों को तैनात करने की सिफारिश की है।
राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद (एनएससी) ने गुरुवार को देश की सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की और कैबिनेट को नेपाल के संविधान के प्रावधानों के तहत सेना तैनात करने की सलाह दी। रक्षा सचिव सुमन राज आर्यलने कहा कि आगामी चुनाव को स्वतंत्र, निष्पक्ष और निर्भीक तरीके से संपन्न कराने के उद्देश्य से ये सिफारिशें की गई हैं।
गृह मंत्रालय ने चुनावों के लिए एक एकीकृत सुरक्षा योजना को पहले ही मंजूरी दे दी है और इसे कार्यान्वयन के लिए सभी 77 जिला प्रशासन कार्यालयों को भेज दिया है। योजना के तहत हर जिला अपनी सुरक्षा रणनीति तैयार करेगा और प्रत्येक मतदान केंद्र पर नेपाल सेना, नेपाल पुलिस, सशस्त्र पुलिस बल, राष्ट्रीय जांच विभाग और अस्थायी पुलिस के जवानों को तैनात करेगा।