IAF: 'हमने भुज में मिसाइल...', वायु सेना के पूर्व अधिकारी ने UFO को लेकर बताया 15 साल पुराना किस्सा
भारतीय वायुसेना के पूर्व शीर्ष अधिकारी एयर मार्शल दिलीप कुमार पटनायक ने कारगिल युद्ध, बालाकोट एयरस्ट्राइक और यूएफओ के बारे में कई हैरान करने वाली बातों का खुलासा किया।
विस्तार
भारतीय वायुसेना के पूर्व शीर्ष अधिकारी एयर मार्शल दिलीप कुमार पटनायक ने एएनआई को दिए एक इंटरव्यू में कारगिल युद्ध, बालाकोट एयरस्ट्राइक और यूएफओ (वायु से संबंधित अज्ञात घटनाएं) के बारे में कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। उन्होंने बताया कि यूएफओ जैसा कुछ नहीं होता है।
यूएफओ पर यह बोले पटनायक
इंटरव्यू के दौरान पटनायक से न्यू जर्सी से लेकर कैलिफोर्निया और यूएफओ के बारे में सवाल किया गया। जब उनसे यूएफओ के बारे में पूछा गया कि क्या वे ड्रोन हैं या कुछ और। इस पर उन्होंने जवाब दिया, 'यह एक भ्रांति है जो असल में वास्तविक जैसी दिखती है, यही हमारा अनुभव भुज में रहा है।'
हमने मिसाइल दागी थी...
जब उनसे पूछा गया कि उन्होंने भुज का उल्लेख क्यों किया, तो उन्होंने कहा, '14-15 साल पहले हमने वहां एक मिसाइल दागी थी।'
जब पूर्व वायुसेना अधिकारी से पत्रकार ने कहा कि क्या आपको सच में यकीन हैं कि वह यूएफओ नहीं था? तो उन्होंने कहा, '100 फीसदी, यूएफओ नहीं होते हैं। वातावरणीय, अपवर्तन और विवर्तन के कारण, जो कुछ हजारों मील दूर हो रहा होता है, वह यहां पर प्रतिबिंबित हो जाता है और रडारों पर पकड़ा जाता है।'
'मैंने 42 बम गिराए थे'
कारगिल युद्ध पर चर्चा करते हुए पटनायक ने कहा कि उस समय के प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी से स्पष्ट निर्देश थे कि हम नियंत्रण रेखा को पार नहीं करेंगे। साथ ही उन्होंने खुलासा किया कि भारतीय वायुसेना ने सबसे पहले 35,000 फीट की ऊंचाई से मिसाइलों का इस्तेमाल करना शुरू किया था। उन्होंने बताया, 'मिराज विमानों द्वारा 140 से अधिक बम गिराए गए, जिनमें से मैंने 42 बम गिराए थे।'
EP-250 with Air Marshal Dilip Kumar Patnaik (Retd) premieres today at 5 PM IST
— ANI (@ANI) January 5, 2025
"We actually fired a missile at it..." Former top Air Force officer discloses engagements with Unidentified Aerial Phenomenon over Indian soil.
More on the Kargil War and China's 6th-gen fighter… pic.twitter.com/ecjKZsuoCu
चीन की छठी पीढ़ी पर पूर्व अधिकारी ने कही ये बात
पत्रकार ने पूछा कि कारगिल में मिराज मुख्य हीरो था। बालाकोट एयरस्ट्राइक के दौरान भी मिराज हीरो था। वह अभी भी हीरो है। मगर चीन अब छठी पीढ़ी की बात कर रहा है, हम कहां हैं?
इस पर पटनायक ने कहा, 'एक विमान बनाने में एक देश को 20 से 25 साल लगते हैं। अगले 20 साल में हम एएमसीए और तेजस मार्क-2 बना लेंगे। मगर अभी आपके पास क्या है। जब तक आपके विमान तैयार नहीं हो जाते, तब तक 'मेक इन इंडिया' के बारे में मत सोचिए। बस आगे बढ़िए और खरीदिए, अपनी ताकत का इस्तेमाल कीजिए, क्योंकि अन्यथा बहुत देर हो जाएगी।'