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Rajya Sabha: सोशल मीडिया अकाउंट खंगालकर कर अमेरिका दे रहा वीजा, सख्त नियमों पर जयशंकर बोले- ये उनका अधिकार

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: हिमांशु चंदेल Updated Thu, 04 Dec 2025 06:04 PM IST
सार

Jaishankar on US Visa Rules: अमेरिका द्वारा वीजा नियमों को राष्ट्रीय सुरक्षा से जोड़कर कड़ा करने पर भारत ने कहा कि वीजा जारी करना हर देश का संप्रभु अधिकार है। जयशंकर ने राज्यसभा में बताया कि अब एच-1B, एच-4 और छात्रों को अपने सोशल मीडिया अकाउंट पब्लिक रखने होंगे, जिससे जांच आसान हो सके। 

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america granting visas after scanning social media Jaishankar said on strict rules this is sovereign right
डॉ. एस. जयशंकर, विदेश मंत्री - फोटो : पीटीआई
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अमेरिका द्वारा वीजा नियमों को और कड़ा किए जाने पर भारत ने स्पष्ट किया है कि वीजा जारी करना किसी भी देश का संप्रभु अधिकार होता है। विदेश मंत्री जयशंकर ने राज्यसभा में कहा कि अमेरिका हर वीज़ा आवेदन को अब राष्ट्रीय सुरक्षा के नजरिए से देख रहा है और यह उसका अधिकार है कि वह अपनी सुरक्षा के आधार पर निर्णय ले। अमेरिकी कदमों से भारतीय छात्रों और पेशेवरों की बढ़ती चिंताओं के बीच भारत सरकार ने यह प्रतिक्रिया दी है।

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जयशंकर ने बताया कि अमेरिका ने हाल में किए गए बदलावों के तहत वीज़ा जांच को पूरी तरह राष्ट्रीय सुरक्षा से जोड़ दिया है। अब छात्र वीजा ही नहीं, बल्कि एच-1B और एच-4 आवेदकों के सोशल मीडिया अकाउंट भी पूरी तरह सार्वजनिक रखने होंगे ताकि उनकी ऑनलाइन गतिविधियों की गहन जांच की जा सके। उन्होंने कहा कि अमेरिका की यह नई नीति भारतीय छात्रों, पेशेवरों और वीजा आवेदकों को सीधे प्रभावित कर रही है।
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सोशल मीडिया जांच अनिवार्य
अमेरिका ने निर्देश दिया है कि 15 दिसंबर से सभी H-1B और H-4 आवेदकों के सोशल मीडिया अकाउंट पब्लिक होने चाहिए ताकि वीज़ा अधिकारी उनका पूरा ऑनलाइन इतिहास देख सकें। इससे पहले यह नियम छात्रों और एक्सचेंज विजिटर्स पर लागू था, जिसे अब और व्यापक कर दिया गया है। अमेरिका का कहना है कि वीज़ा कोई अधिकार नहीं बल्कि एक प्रिविलेज है और देश की सुरक्षा के लिए सभी डिजिटल गतिविधियों की जांच जरूरी है।

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छात्रों की समस्याओं पर भारत की चिंता
विदेश मंत्री ने बताया कि अप्रैल 2025 में अमेरिका की नई नीति लागू होने के बाद कई छात्रों के वीज़े मामूली कारणों से रद्द कर दिए गए। कई मामलों में छात्रों पर स्वयं देश छोड़ने का दबाव भी बनाया गया। जयशंकर ने कहा कि भारत सरकार ऐसे हर मामले में दूतावास और वाणिज्य दूतावास के जरिए दखल दे रही है और अमेरिका को बताया गया है कि छोटे अपराधों या तकनीकी गलतियों पर सख़्त कार्रवाई उचित नहीं है।

वीजा प्रक्रिया में सख्ती बढ़ाने का तर्क
अमेरिका ने कहा है कि उसके लिए हर वीजा निर्णय राष्ट्रीय सुरक्षा का हिस्सा है। ट्रंप प्रशासन लगातार वीज़ा और इमिग्रेशन नियमों को कड़ा कर रहा है। उनका दावा है कि किसी भी ऐसे व्यक्ति को प्रवेश नहीं दिया जाएगा जो सार्वजनिक सुरक्षा के लिए जोखिम पैदा कर सकता है। अमेरिकी विदेश विभाग के मुताबिक, सभी आवेदकों को अपनी पात्रता साबित करनी होगी और यह भरोसा देना होगा कि वे वीजा नियमों का पालन करेंगे।

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भारत की स्थिति और आगे की कार्रवाई
जयशंकर ने कहा कि भारत कई मामलों में अमेरिका से बात कर चुका है और आगे भी भारतीय छात्रों व पेशेवरों के हितों की रक्षा की जाएगी। उन्होंने बताया कि हर शिकायत को गंभीरता से लिया जा रहा है और जहां संभव हो, अमेरिका से राहत दिलाने की कोशिश की गई है। उन्होंने दोहराया कि वीजा जारी करना अमेरिकी सरकार का अधिकार है, लेकिन भारत यह सुनिश्चित करेगा कि भारतीय नागरिकों के साथ किसी तरह का अनुचित व्यवहार न हो।

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