Politics: 'राहुल गांधी का बयान गैर-जिम्मेदाराना', विदेशी मेहमानों से न मिलने देने वाले आरोपों पर BJP का पलटवार
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के केंद्र सरकार पर विदेशी मेहमानों को नेता विपक्ष से नहीं मिलने देने के आरोपों पर पलटवार किया है। भाजपा ने उनके बयान को तथ्यहीन और गैर-जिम्मेदाराना बताया है। इस मामले पर विस्तार से पढ़ें भाजपा की प्रतिक्रिया...
विस्तार
राष्ट्रपति पुतिन के भारत दौरे से पहले कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर विदेशी मेहमानों को विपक्षी नेता से न मिलने देने का आरोप लगाया है। राहुल गांधी के इस आरोप पर अब भाजपा ने निशाना साधा है। भाजपा सांसद संबित पात्रा ने कहा है कि राहुल गांधी ने नेता विपक्ष के तौर पर जो बयान दिए हैं। वह गैर-जिम्मेदाराना हैं। उनका दावा तथ्यों पर आधारित नहीं हैं।
'राहुल गांधी द्वारा दिए गया बयान गैर-जिम्मेदाराना'
गुरुवार को ससंद सत्र के बाद मीडिया से बात करते हुए भाजपा सांसद संबित पात्रा ने कहा कि लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष के रूप में राहुल गांधी द्वारा दिए गया बयान गैर-जिम्मेदाराना हैं और तथ्यों पर आधारित नहीं हैं। पहला उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय विशिष्ट व्यक्तियों को नेता प्रतिपक्ष से मिलने की अनुमति नहीं दी जाती क्योंकि भारत सरकार असुरक्षित महसूस करती है। भारत सरकार राहुल गांधी से क्यों असुरक्षित महसूस करेगी? आज भारत वैश्विक अर्थव्यवस्था का एक स्तंभ बन चुका है। दूसरा उन्होंने कहा कि जब भी वह विदेश जाते हैं, हमारी सरकार उन देशों के नेताओं से अनुरोध करती है कि वे उनसे न मिलें। ऐसे बयान देना गैर-जिम्मेदाराना है।
राहुल गांधी के इस आरोप पर भाजपा सांसद अपराजिता सारंगी ने कहा, इससे अधिक मजाकिया बात और कुछ नहीं हो सकती। उन्हें आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति से ऊपर उठकर लोगों के लिए काम करना चाहिए... रूस के राष्ट्रपति भारत आ रहे हैं, ऐसे में विपक्ष के नेता को उनका स्वागत करना चाहिएऔर इस समय ऐसी नेगेटिव सोच के साथ सबके सामने नहीं आना चाहिए। हमारी सरकार में सभी के लिए सम्मान और बराबरी की भावना है... विपक्ष के नेता को इज्जत से पेश आना चाहिए।
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वह विदेश जाते हैं और भारत की बुराई कैसे कर सकते हैं?: नरहरि अमीन
वहीं भाजपा सासंद नरहरि अमीन ने कहा, राहुल गांधी को खुद सोचना चाहिए कि वह विदेश जाते हैं और भारत की बुराई कैसे कर सकते हैं? राजनीतिक मुद्दों पर भारत में चर्चा होनी चाहिए, लेकिन जब वह विदेश जाते हैं, तो वह भारत सरकार और देश की बुराई करते हैं। सरकार उन्हें या किसी विपक्षी पार्टी के सदस्य को उनके व्यवहार की वजह से क्यों रोकती है? अगर वे अपना व्यवहार सुधार लें, तो कोई सवाल ही नहीं उठता। कांग्रेस के जमाने में विपक्षी सदस्य थे जो सरकार का पक्ष लेते थे।
राहुल गांधी के बयान पर कांग्रेस सांसद अखिलेश प्रसाद सिंह ने कहा, अगर उन्होंने ऐसा कहा है, तो सच कहा है। पहले जब भी विदेश से बड़े लोग आते थे, तो वे प्रधानमंत्री से तो मिलते ही थे, लेकिन वे विपक्ष के नेता से भी मिलते थे। जिस तरह से संविधान के खिलाफ काम किया जा रहा है, किसी को मिलने नहीं दिया जा रहा, किसी को बात करने नहीं दिया जा रहा, यह ठीक नहीं है।
राहुल गांधी ने क्या कहा था?
राहुल गांधी ने संसद परिसर में पत्रकारों से गुरुवार को कहा था, आम तौर पर परंपरा है कि विदेश से आने वाले नेता विपक्ष के नेता से भी मिलते हैं। यह वाजपेयी जी के समय होता था, मनमोहन सिंह जी के समय भी। लेकिन इन दिनों सरकार विदेशियों से कहती है कि वे मुझसे न मिलें। विदेश जाते समय भी यही होता है। हमें संदेश मिलता है कि सरकार ने कहा है कि 'आपसे न मिलें'।
उन्होंने कहा कि विपक्ष का नेता भी भारत का प्रतिनिधित्व करता है और इन बैठकों से विदेशी नेताओं को एक अलग नजरिया मिलता है। लेकिन सरकार नहीं चाहती कि विदेशी नेता विपक्ष से मिलें। उन्होंने कहा, यह परंपरा है, लेकिन मोदी जी और विदेश मंत्रालय इस परंपरा का पालन नहीं करते। जब पूछा गया कि सरकार ऐसा क्यों करती है, तो उन्होंने कहा, यह उनकी असुरक्षा के कारण है।
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