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Gujarat: जासूसी नेटवर्क का ATS ने किया भंडाफोड़, पूर्व सैनिक और महिला गिरफ्तार; पाकिस्तान कनेक्शन का भी खुलासा

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, अहमदाबाद। Published by: राहुल कुमार Updated Thu, 04 Dec 2025 05:39 PM IST
सार

गुजरात एंटी टेररिस्ट स्क्वॉड (एटीएस) ने एक पूर्व सैनिक और एक महिला को भारतीय सेना से जुड़ी संवेदनशील जानकारी पाकिस्तानी खुफिया एजेंटों तक पहुंचाने के आरोप में गिरफ्तार किया है। दोनों अलग-अलग तरीके से पाकिस्तानी जासूसों के संपर्क में थे।

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Gujarat ats held Ex-Army man, woman for sharing sensitive info with Pakistani spies
सांकेतिक तस्वीर - फोटो : AI
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विस्तार
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गुजरात आतंकवाद विरोधी दस्ता(एटीएस) ने एक सेवानिवृत्त सैन्यकर्मी और एक महिला को सैन्य प्रतिष्ठानों और कर्मियों से जुड़ी संवेदनशील जानकारी पाकिस्तानी एजेंटों के साथ साझा करने के आरोप में गिरफ्तार किया है। एटीएस के एक अधिकारी ने बताया कि आरोपी अजय कुमार सिंह को एक पाकिस्तानी खुफिया अधिकारी ने भारतीय सेना की रेजिमेंट की गतिविधियों और खास मिलिट्री अधिकारियों के ट्रांसफर के बारे में जानकारी देने के लिए लालच दिया था, जबकि दूसरे आरोपी रश्मि पाल को कुछ लोगों को हनीट्रैप में फंसाने के लिए कहा गया था। 

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एक को गोवा से तो दूसरे को दमन से किया गिरफ्तार
एटीएस ने बताया कि गिरफ्तार किया गया अजय कुमार सिंह बिहार का रहने वाला है, उसे गोवा से गिरफ्तार किया गया है। जहां वह 2022 में सेवानिवृत्ति के बाद एक डिस्टिलरी में काम कर रहा था। एटीएस ने कहा कि मूल रूप से उत्तर प्रदेश की रहने वाली रश्मि पाल (35) को दमन से गिरफ्तार किया गया, जहां वह निजी ट्यूशन लेती थी।
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जांच एजेंसी ने दावा किया है कि अजय सिंह एक पाकिस्तानी खुफिया अधिकारी के संपर्क में था। यह पाकिस्तानी जासूस खुद को अंकिता शर्मा बताता था। एटीएस के पुलिस प्रमुख के सिद्धार्थ  ने कहा कि रश्मि पाल....प्रिया ठाकुर की नकली पहचान बनाकर काम कर रही थी।  कथित तौर पर वह पाकिस्तानी हैंडलर्स के कहने पर सेना के लोगों से दोस्ती करके उनसे जानकारी निकालती थी।

ऐसे पाकिस्तान जासूस के जाल में फंसा अजय सिंह
जानकारी के मुताबिक, अजय सिंह अंकिता शर्मा के संपर्क में 2022 में आया था। उस समय अजय सिंह नगालैंड के दीमापुर में सेना में सूबेदार के पद पर तैनात था। सिंह ने रिटायरमेंट के बाद गोवा में सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी कर ली। उससे दोस्ती करने और विश्वास जीतने के बाद उसने उनसे सेना की रेजिमेंटों की मूवमेंट और वरिष्ठ अधिकारियों के तबादलों जैसी गोपनीय सूचनाएं मांगीं। आरोप है कि सिंह ने टेक्स्ट, फोटो और वीडियो के रूप में जानकारी साझा की। पाकिस्तानी एजेंट ने उनके फोन में ट्रोजन मैलवेयर भी इंस्टॉल करवाया, जिससे वह उनके मोबाइल को दूर से एक्सेस कर सकती थी।

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रश्मि पाल ने प्रिया ठाकुर के नाम से फर्जी आईडी बना रखी थी
दूसरी ओर, रश्मि पाल ‘प्रिया ठाकुर’ की फर्जी पहचान बनाकर पाकिस्तानी हैंडलरों ‘अब्दुल सत्तार’ और ‘खालिद’ के निर्देश पर सेना के जवानों से दोस्ती कर गोपनीय जानकारी निकालने का काम करती थी। पूछताछ में उसने स्वीकार किया कि उसे मोबाइल नंबरों की सूची पाकिस्तानी हैंडलरों से मिलती थी और वह युद्धाभ्यास, यूनिट की गतिविधियों और मूवमेंट से जुड़ी जानकारियां हासिल करने की कोशिश कर रही थी। इसके लिए उसने एक नया पेमेंट बैंक अकाउंट भी खोला था।

दोनों आरोपियों के फोन से वित्तीय लेन-देन के सबूत मिले
एटीएस ने बताया कि दोनों आरोपियों के फोन से अंतरराष्ट्रीय नंबरों से हुई व्हॉट्सएप कॉल, दस्तावेज और वित्तीय लेन-देन सहित कई अहम सबूत बरामद किए गए हैं। जांच में सामने आया कि ‘अंकिता शर्मा’ मुल्तान और सरगोधा से संचालित होती थी, जबकि ‘अब्दुल सत्तार’ लाहौर से और ‘खालिद’ वीपीएन के जरिये वर्चुअल मलयेशियाई नंबरों से संपर्क करता था।

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