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VHP: बाबरी मस्जिद के निर्माण के बीच दिल्ली में विहिप की बड़ी बैठक, बड़ा फैसला ले सकते हैं शंकराचार्य

Amit Sharma Digital अमित शर्मा
Updated Mon, 08 Dec 2025 06:05 PM IST
सार

पश्चिम बंगाल में बाबरी मस्जिद की नींव रखे जाने से विवाद बढ़ गया है। इसी बीच बाबरी मस्जिद की नींव रखे जाने के बीच विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने देश के शीर्ष संतों ने दिल्ली में आपात बैठक बुलाई है।  यह बैठक9-10 दिसंबर को होने वाली है।

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Amid the construction of the Babri Masjid, a major VHP meeting is being held in Delhi
विहिप - फोटो : फाइल फोटो
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विस्तार
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पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस के एक विधायक हुमायूं कबीर के द्वारा बाबरी मस्जिद की नींव रखे जाने से विवाद बढ़ गया है। बाबरी मस्जिद की नींव रखे जाने के बीच विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने देश के शीर्ष संतों की एक आपात बैठक दिल्ली में बुलाई है। दिल्ली में 9-10 दिसंबर को होने वाली इस दो दिवसीय बैठक में देश के कुछ शंकराचार्यों के साथ लगभग 250 संत हिस्सा ले सकते हैं। बैठक में बाबरी मस्जिद के निर्माण के बाद की परिस्थितियों में बड़ा फैसला लिया जा सकता है। बैठक में सनातन धर्म के सभी शाखाओं-उपशाखाओं के संत हिस्सा लेंगे। इसमें विहिप के राष्ट्रीय अध्यक्ष आलोक कुमार भी शामिल होंगे।  

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बाबरी मस्जिद का निर्माण अब केवल पश्चिम बंगाल का मामला नहीं रह गया है। हैदराबाद में भी एक नेता ने बाबरी के नाम से संग्रहालय बनवाने की बात कही है। कुछ मुस्लिम नेताओं ने देश की दूसरी जगहों पर भी बाबरी के नाम से मस्जिदें बनाने की बात कही है। इससे तनाव और अधिक बढ़ गया है। देश के हिंदू संतों को लगता है कि यह एक सोची-समझी साजिश के तहत किया जा रहा है और इसके कारण उन इलाकों में सांप्रदायिक तनाव बढ़ सकता है जहां मुसलमानों की आबादी ज्यादा है, लेकिन हिंदू अल्पसंख्यक हैं। हिंदू संत ऐसी परिस्थिति के बारे में विचार करते हुए एक प्रस्ताव पास कर सकते हैं जिसे अमल में लाने का प्रयास किया जा सकता है। 
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कौन होगा शामिल
शीर्ष संतों की इस बड़ी बैठक में हिंदू धर्म की सभी शाखाओं-उपशाखाओं के बड़े संत हिस्सा ले सकते हैं। इसमें सनातनी विचारधारा के संत, आर्य समाज के  संत, सिख-जैन समुदाय के संत, रविदासी और बौद्ध धर्म से जुड़े संत और विभिन्न अखाड़ों के संत शामिल होंगे। ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य वासुदेवानंद सरस्वती जी महाराज विशेष तौर पर इस बैठक में शामिल होने दिल्ली पहुंच रहे हैं। इसके अलावा अवधेशानंद गिरी जी महाराज, साध्वी रितंभरा, स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती जी महाराज और स्वामी विवेकानंद जी महाराज भी इस बैठक में शामिल होंगे। इसके अलावा विहिप के राष्ट्रीय अध्यक्ष आलोक कुमार और संगठन के कुछ अन्य शीर्ष पदाधिकारी भी इस बैठक में हिस्सा लेंगे।   

सभी परिस्थितियों को देख विकल्प सुझाएंगे संत- विहिप 
विहिप के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने अमर उजाला से कहा कि यह उनके केंद्रीय मार्गदर्शक मंडल की सामान्य बैठक है। इसमें इस समय देश में चल रही विभिन्न परिस्थितियों के बारे में विचार किया जाएगा। इसमें जनसंख्या असंतुलन के कारण विभिन्न क्षेत्रों में पैदा हो रही समस्या और युवाओं में बढ़ता नशा प्रमुख रहेगा। उन्होंने कहा कि इसके अलावा देश में कुछ अन्य परिस्थितियों के बारे में भी विचार किया जा सकता है।  

बाबरी मस्जिद की नींव रखने के सवाल पर विहिप नेता ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि एक वर्ग देश पर हमला करने वाले विदेशी हमलावर को अपना आदर्श मानता है, लेकिन इस भारत भूमि के भगवान राम को अपना आदर्श नहीं मानता। उन्होंने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर का निर्णय इस देश की सर्वोच्च अदालत ने सभी तथ्यों को देखते हुए दिया था। इस फैसले का पूरे देश को सम्मान करना चाहिए। उन्होंने कहा कि बाबर और बाबरी इस देश को कभी स्वीकार नहीं हो सकता। इसके पहले पश्चिम बंगाल में पांच लाख लोगों के द्वारा भगवत गीता का पाठ कराकर भी बाबरी मस्जिद निर्माण से जुड़े लोगों को एक संदेश देने की कोशिश की गई थी।

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