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IITE: शाह बोले- अंग्रेजी का विरोध नहीं, लेकिन भारत के बच्चों को मातृभाषा के साथ-साथ हिंदी भी सीखनी चाहिए

पीटीआई, अहमदाबाद। Published by: देव कश्यप Updated Sun, 13 Aug 2023 10:13 PM IST
सार

अमित शाह ने भारतीय अध्यापक शिक्षा संस्थान (आईआईटीई) के दीक्षांत समारोह के दौरान स्नातक छात्रों से संस्कृत भाषा, उपनिषदों और वेदों में उपलब्ध ज्ञान के भंडार का उपयोग करने का भी आग्रह किया।

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Amit Shah Said Not opposed to English, but children in India should learn mother tongue as well as Hindi
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह। - फोटो : PTI
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केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को कहा कि वह अंग्रेजी के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन भारत में बच्चों को अपनी-अपनी मातृभाषाओं के साथ-साथ हिंदी भी सीखनी चाहिए। साथ ही उन्होंने देश की मूल भाषाओं को संरक्षित करने की आवश्यकता पर जोर दिया। वह यहां भारतीय अध्यापक शिक्षा संस्थान (आईआईटीई) के दीक्षांत समारोह के दौरान स्नातक छात्रों को संबोधित कर रहे थे।

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शाह ने स्नातक छात्रों से संस्कृत भाषा, उपनिषदों और वेदों में उपलब्ध ज्ञान के भंडार का उपयोग करने का भी आग्रह किया। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि वह अंग्रेजी के खिलाफ नहीं हैं क्योंकि भारत एक ऐसा देश है जो किसी भी प्रकार के ज्ञान का विरोध नहीं कर सकता। उन्होंने कहा कि सभी भारतीय भाषाओं को संरक्षित और संवर्धित करना आपकी जिम्मेदारी है क्योंकि उनमें हमारी संस्कृति, इतिहास, साहित्य और व्याकरण समाहित है। हमें अपनी भाषा को मजबूत बनाना है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का एक महत्वपूर्ण पहलू बच्चों को उनकी मातृभाषा में पढ़ाना है।
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शाह ने कहा, मेरा मानना है कि बच्चों को अंग्रेजी के साथ-साथ फ्रेंच, जर्मन भी सीखना चाहिए, लेकिन गुजरात के बच्चे को गुजराती और हिंदी दोनों सीखना चाहिए, असम के बच्चों को असमिया और हिंदी दोनों सीखना चाहिए और तमिलनाडु के बच्चों को तमिल और हिंदी दोनों सीखना चाहिए। अगर ऐसा हुआ तो हमारे देश को आगे बढ़ने से कोई नहीं रोक सकता

शाह ने कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान स्थापित इस संस्थान (आईआईटीई) का उद्देश्य पूर्वी और पश्चिमी शैक्षिक दर्शन को एकजुट करना था। उन्होंने आगे कहा, संस्कृत उन चार पेपरों में से एक है जो आपको पढ़ाए जाते हैं... मैं आपसे अनुरोध करूंगा कि आपने यहां संस्कृत का जो भी बुनियादी ज्ञान प्राप्त किया है, उसमें सुधार करें। यदि पूरी दुनिया में कोई एक जगह है जहां ज्ञान का भंडार एकत्र किया गया है, तो  ये हमारे उपनिषद, वेद और संस्कृत हैं। एक बार जब आप इनका अध्ययन कर लेंगे, तो जीवन की कोई भी समस्या आपके लिए समस्या नहीं रहेगी।

उन्होंने कहा कि वेद सिखाते हैं कि ज्ञान कहां से आया है, इस पर ध्यान दिए बिना हमें जहां भी संभव हो, अच्छे विचार एकत्र करने चाहिए। शाह ने कहा, हमें इस बात की परवाह किए बिना देखना चाहिए कि ज्ञान समाज, लोगों, दुनिया और ब्रह्मांड के लाभ के लिए है या नहीं। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हमारे प्राचीन भारतीय शैक्षिक दर्शन को आधुनिक आयाम से जोड़ना महत्वपूर्ण है।

उन्होंने कहा कि ज्ञान और विज्ञान के क्षेत्र में कई बदलाव हुए हैं और हमें बदलावों को समझना चाहिए और दोनों को एकीकृत कर एक संपूर्ण शिक्षा प्रणाली बनानी चाहिए। उन्होंने कहा कि शिक्षा का मतलब बच्चे को सही रास्ता दिखाना और उसका मार्गदर्शक बनना है। संस्थान से कुल 2,927 छात्रों ने स्नातक किया।

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