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Army Theaterisation: सेना प्रमुख जनरल द्विवेदी ने कहा- थल-वायु-नौसेना की क्षमताओं का एकीकरण होना पक्का; समय...
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: दीपक कुमार शर्मा
Updated Sat, 06 Sep 2025 02:01 AM IST
सार
थिएटराइजेशन पर हाल ही में अलग-अलग विचार सामने आने के बाद जब उनसे इस विषय पर राय पूछी गई तो उन्होंने कहा, 'थिएटराइजेशन आज हो या कल, यह होकर रहेगा। इसमें कितना समय लगेगा, यह देखना होगा। इसके लिए हमें कई चरणों से गुजरना पड़ेगा, जिसमें एकजुटता और एकीकरण शामिल है। इस पर काफी चर्चा की जानी है।'
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भारत के थल सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी
- फोटो : ANI
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विस्तार
सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने शुक्रवार को कहा कि थिएटराइजेशन यानी सेना, वायुसेना और नौसेना की क्षमताओं का एकीकरण निश्चित रूप से होगा। बस देखना यह है कि इसे साकार होने में कितना समय लगेगा। उन्होंने कहा कि अगर किसी को कई एजेंसियों से निपटना है, तो 'थिएटराइजेशन ही इसका समाधान है।'
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जनरल द्विवेदी ने यह टिप्पणी नई दिल्ली में मानेकशॉ सेंटर में कितान 'ऑपरेशन सिंदूर: द अनटोल्ड स्टोरी ऑफ इंडियाज डीप स्ट्राइक्स इनसाइड पाकिस्तान' के विमोचन के बाद मीडिया से बातचीत में की।
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#WATCH | Delhi: COAS Gen Upendra Dwivedi launched the book ‘Operation Sindoor: The Untold Story Of India's Deep Strikes Inside Pakistan’, written by Lt Gen KJS (Tiny) Dhillon (Retd.). pic.twitter.com/JGPnucHGRC
— ANI (@ANI) September 5, 2025
थिएटराइजेशन आज हो या कल होकर रहेगा
थिएटराइजेशन पर हाल ही में अलग-अलग विचार सामने आने के बाद जब उनसे इस विषय पर राय पूछी गई तो उन्होंने कहा, 'थिएटराइजेशन आज हो या कल, यह होकर रहेगा। इसमें कितना समय लगेगा, यह देखना होगा। इसके लिए हमें कई चरणों से गुजरना पड़ेगा, जिसमें एकजुटता और एकीकरण शामिल है। इस पर काफी चर्चा की जानी है।'
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द्विवेदी ने बताया थिएटराइजेशन क्यों जरूरी है
उन्होंने यह भी बताया कि थिएटराइजेशन क्यों जरूरी है। उन्होंने कहा, 'जब हम युद्ध लड़ते हैं तो केवल थलसेना ही नहीं लड़ती। हमारे पास सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ), भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) जैसी सेनाएं भी हैं। फिर तीनों सेनाओं के अलावा रक्षा साइबर एजेंसियां, रक्षा अंतरिक्ष एजेंसियां और अब कॉग्निटिव वॉरफेयर एजेंसी भी हैं। इसके अलावा इसरो, नागरिक सुरक्षा, नागरिक उड्डयन, रेलवे, एनसीसी, राज्य व केंद्र प्रशासन जैसी कई एजेंसियां भी हैं।'
उन्होंने जोर देकर कहा कि अगर इतनी सारी एजेंसियों से निपटना है, तो थिएटराइजेशन ही इसका जवाब है। क्योंकि कमान की एकता ज्यादा जरूरी है। कार्यान्वयन में समन्वय स्थापित करने के लिए एक कमांडर की जरूरत होती है। यही कारण है कि थिएटराइजेशन बेहद जरूरी है। सेना प्रमुख की यह टिप्पणी उस समय आई है, जब करीब दो सप्ताह पहले वायुसेना और नौसेना प्रमुखों ने थिएटराइजेशन पर अलग-अलग राय जताई थी।
रण संवाद में थिएटराइजेशन पर वायुसेना प्रमुख और नौसेना प्रमुख ने रखे थे अपने विचार
पिछले महीने महू स्थित आर्मी वॉर कॉलेज में आयोजित दो दिवसीय त्रि-सेवा संगोष्ठी 'रण संवाद' में वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह और नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के. त्रिपाठी ने थिएटराइजेशन पर अपने विचार रखे थे। इससे यह स्पष्ट हो गया कि इस योजना पर दोनों सेनाओं के विचार अलग-अलग हैं।
सीडीएस चौहान ने कहा था- तीनों सेनाओं के बीच मतभेदों को दूर किया जाएगा
वायुसेना प्रमुख ने कहा था कि सशस्त्र बलों को थिएटर कमांड स्थापित करने के लिए किसी भी दबाव में नहीं आना चाहिए। संगोष्ठी के समापन सत्र में, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल अनिल चौहान ने कहा था कि तीनों सेनाओं के बीच मतभेदों को दूर किया जाएगा और राष्ट्रहित को ध्यान में रखकर ही आगे बढ़ा जाएगा।
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जीएसटी दर कम होने पर कहा- डिफेंस कॉरिडोर को मिलेगा बड़ा प्रोत्साहन
शुक्रवार को मीडियाकर्मियों से बातचीत के दौरान जब सेना प्रमुख से विभिन्न सैन्य उपकरणों पर जीएसटी दर कम होने पर राय पूछी गई, तो उन्होंने सरकार का धन्यवाद करते हुए कहा, 'इससे हमारे डिफेंस कॉरिडोर को बड़ा प्रोत्साहन मिलेगा, क्योंकि ज्यादा निवेश आएगा। एमएसएमई और स्टार्टअप्स के पास कम पूंजी होती है, उन्हें इससे बहुत सहूलियत होगी। जीएसटी में कटौती से उन्हें बढ़ावा मिलेगा।'
जीएसटी दर घटने से आधुनिकीकरण और उन्नयन कार्य में मिलेगी मदद
जनरल द्विवेदी ने कहा कि सेना मुख्य रूप से तीन चीजों पर ध्यान देती है- अनुसंधान एवं विकास, प्रशिक्षण और आधुनिकीकरण, और जीएसटी में कटौती से तीनों क्षेत्रों को लाभ मिलेगा। भारी उपकरणों पर जीएसटी 18 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी कर दिया गया है। उन्होंने कहा, 'इससे हमारे आधुनिकीकरण और उन्नयन कार्य में मदद मिलेगी।'