Arunachal Pradesh: कोमकर गांव ने SUMP पीएफआर का किया समर्थन, 95% परिवारों की सहमति; जानें क्या है पूरा समझौता
अरुणाचल प्रदेश के कोमकर गांव ने सियांग अपर मल्टीपर्पज प्रोजेक्ट के लिए प्री-फिजिबिलिटी रिपोर्ट का समर्थन किया। 257 में से 245 परिवारों ने इस समझौते पर हस्ताक्षर किया है। इस समझौते को लेकर मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने कहा कि MoU केवल अध्ययन तक सीमित है और परियोजना का निर्माण सभी प्रभावित परिवारों की सहमति से होगा।
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अरुणाचल प्रदेश के अपर सियांग जिले के कोमकर गांव ने सियांग अपर मल्टीपर्पज प्रोजेक्ट (एसयूएमपी) के लिए प्री-फिजिबिलिटी रिपोर्ट (पीएफआर) तैयार करने हेतु राज्य सरकार के साथ समझौता किया। इस समझौते में गांव की 257 में से 245 परिवारों ने अपनी सहमति दी, जो करीब 95 प्रतिशत है, जो कि यह दर्शाता है कि पूरा गांव इस अध्ययन का पूरी तरह समर्थन करता है। बता दें कि यह समझौता मंगलवार को हुआ, जिसमें मुख्यमंत्री पेमा खांडू (वर्चुअली), राज्य ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री ओजिंग तासिंग, मरियांग-गेकू विधायक ओनी पनयांग, मुख्य सचिव मनीष कुमार गुप्ता और अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
इस समझौते को लेकर गांव के लोगों का कहना है कि यह कदम राष्ट्रीय हित और सियांग क्षेत्र तथा आदिवासी समुदाय की लंबी अवधि की सुरक्षा और समृद्धि के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। उन्होंने राज्य सरकार की लगातार जागरूकता कार्यक्रमों और परियोजना के रणनीतिक, पारिस्थितिक और जल-सुरक्षा पहलुओं पर संवाद की सराहना की।
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सीएम खांडू ने लोगों का किया धन्यवाद
मुख्यमंत्री खांडू ने भी लोगों का धन्यवाद किया। उन्होंने कहा कि कोमकर अपर सियांग जिले का पहला गांव है, जिसने पीएफआर प्रक्रिया का औपचारिक समर्थन किया। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह MoU केवल पीएफआर तैयार करने तक सीमित है और किसी भी निर्माण का निर्णय सभी प्रभावित परिवारों की सहमति और विस्तृत परामर्श के बाद ही लिया जाएगा। खांडू ने सियांग नदी में जल प्रवाह घटने या बदलने की संभावनाओं जैसी जल विज्ञान संबंधी चिंताओं पर भी ध्यान दिलाया। साथ ही कहा कि यह परियोजना क्षेत्र में पारिस्थितिक संतुलन और लंबी अवधि की जल सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण है।
सीएम खांडू ने केंद्र की विशेष विकास पैकज की भी सराहना की
इस दौरान सीएम खांडू ने केंद्र सरकार के 350 करोड़ रुपये के विशेष विकास पैकेज की भी सराहना की, जो सियांग और अपर सियांग जिलों में शिक्षा, स्वास्थ्य, आजीविका और अवसंरचना को मजबूत करने के लिए दिया गया है। उन्होंने कोमकर गांव से अनुरोध किया कि वह विकास समिति बनाए और पैकेज के तहत प्राथमिकता वाले कामों की पहचान करे।
वहीं इस समझौते को लेकर मंत्री तासिंग ने कहा कि यह MoU एक साल से अधिक चल रही चर्चाओं के बाद हुआ है और यह परियोजना के रणनीतिक महत्व और अरुणाचल प्रदेश व असम में लंबी अवधि की सुरक्षा सुनिश्चित करने में योगदान को दर्शाता है। दूसरी ओर मुख्य सचिव ने गांव की एकजुटता की प्रशंसा की और इसे राष्ट्रीय निर्माण और क्षेत्रीय विकास में महत्वपूर्ण योगदान बताया।
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चार और गांवों ने भी पीएफआर अध्यन का किया समर्थन
जानकारी के अनुसार, पड़ोसी सियांग जिले के चार गांवों ने भी PFR अध्ययन के समर्थन में इसी तरह के MoU किए हैं। इन समझौतों से जिले भर में संवाद और जागरूक भागीदारी के जरिए सहमति बनाने की प्रक्रिया को मजबूती मिल रही है। साथ ही आने वाले महीनों में अपर सियांग के और गांवों को भी इस प्रक्रिया में शामिल किया जाएगा। गौरतलब है कि एसयूएमपी परियोजना का उद्देश्य विद्युत उत्पादन, बाढ़ नियंत्रण और पारिस्थितिक संतुलन बनाए रखना है। भविष्य में परियोजना के किसी भी कदम को विस्तृत अध्ययन, पारदर्शिता और समुदाय की सहमति के आधार पर ही आगे बढ़ाया जाएगा।
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