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असम में बहुविवाह पर प्रतिबंध: विधानसभा से विधेयक पारित, CM हिमंत बोले- फिर सरकार बनने पर UCC भी लागू करेंगे
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, गुवाहाटी
Published by: हिमांशु चंदेल
Updated Thu, 27 Nov 2025 05:59 PM IST
सार
Assam Assembly Passes Bill to Ban Polygamy: असम विधानसभा ने गुरुवार को बहुविवाह पर प्रतिबंध लगाने वाला असम बहुविवाह निषेध विधेयक, 2025 पास किया। इसके तहत दोषी को 10 साल तक की सजा हो सकती है। एसटी समुदाय और छठी अनुसूची क्षेत्र को इससे बाहर रखा गया है। उन्होंने दोबारा सीएम बनने पर यूसीसी लागू करने और फरवरी तक लव-जिहाद पर बिल लाने का भी वादा किया।
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असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा
- फोटो : ANI
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विस्तार
असम विधानसभा ने गुरुवार को बहुविवाह पर प्रतिबंध लगाने वाला अहम बिल पास कर राज्य में एक बड़ा कानूनी बदलाव कर दिया। इस बिल के पारित होने के साथ ही बहुविवाह को आपराधिक कृत्य माना जाएगा और दोषी को अधिकतम 10 साल की सजा हो सकेगी। मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने इसे महिलाओं को सशक्त करने की दिशा में ऐतिहासिक कदम बताया और आश्वासन दिया कि अगर वह अगले कार्यकाल में फिर से मुख्यमंत्री बनते हैं तो राज्य में यूनिफॉर्म सिविल कोड (यूसीसी) लागू किया जाएगा।
गुरुवार को पारित इस बिल में साफ किया गया है कि यह कानून सभी समुदायों पर लागू होगा। हालांकि, अनुसूचित जनजाति (एसटी) के लोगों और छठी अनुसूची वाले क्षेत्रों को इसके दायरे से बाहर रखा गया है। मुख्यमंत्री सरमा ने साफ कहा कि बिल किसी धर्म विशेष के खिलाफ नहीं है और इसका उद्देश्य सभी समाजों में समानता और महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करना है।
सीएम बोले- धर्म का विरोध नहीं
बहस के दौरान सरमा ने कहा कि बहुविवाह सिर्फ मुस्लिम समाज तक सीमित नहीं है, हिंदू समाज में भी ऐसे मामले मिलते हैं और कानून सभी पर समान रूप से लागू होगा। उन्होंने कहा कि इसे इस्लाम-विरोधी बिल बताने वाली धारणाएं गलत हैं। सीएम ने विपक्ष से आग्रह किया कि वे संशोधन प्रस्ताव वापस लें ताकि पूरा सदन एकमत होकर महिलाओं की सुरक्षा के लिए मजबूत संदेश दे सके।
ये भी पढ़ें- नए श्रम कानून का विरोध: कांग्रेस की मजदूर इकाई ने दी आंदोलन की चेतावनी; उदित राज बोले- अधिकार खत्म किए जा रहे
विपक्ष के प्रस्ताव हुए खारिज
सरकार की अपील के बावजूद एआईयूडीएफ और सीपीआई(एम) ने अपने संशोधन प्रस्ताव वापस नहीं लिए। वोटिंग के दौरान उनके प्रस्तावों को आवाज मत से खारिज कर दिया गया। सरकार ने इसे महिलाओं के हित में लाया गया सामाजिक सुधार बताया, जबकि विपक्ष ने कुछ प्रावधानों पर सवाल उठाए।
यूसीसी लागू करने का वादा
सरमा ने सदन में घोषणा की कि अगर अगले वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव के बाद वह फिर मुख्यमंत्री बनते हैं तो नए कार्यकाल के पहले सत्र में ही यूसीसी बिल पेश किया जाएगा और उसे लागू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि बहुविवाह पर रोक यूसीसी की दिशा में एक मजबूत कदम है।
लव-जिहाद पर भी कानून लाने की तैयारी
मुख्यमंत्री ने बताया कि फरवरी तक धोखाधड़ी से किए विवाह र भी एक अलग बिल लाया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार पहले ही स्पष्ट कर चुकी है कि राज्य में लव-जिहाद नहीं होने दिया जाएगा और इसी उद्देश्य से नया कानून तैयार किया जा रहा है।
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गुरुवार को पारित इस बिल में साफ किया गया है कि यह कानून सभी समुदायों पर लागू होगा। हालांकि, अनुसूचित जनजाति (एसटी) के लोगों और छठी अनुसूची वाले क्षेत्रों को इसके दायरे से बाहर रखा गया है। मुख्यमंत्री सरमा ने साफ कहा कि बिल किसी धर्म विशेष के खिलाफ नहीं है और इसका उद्देश्य सभी समाजों में समानता और महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करना है।
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सीएम बोले- धर्म का विरोध नहीं
बहस के दौरान सरमा ने कहा कि बहुविवाह सिर्फ मुस्लिम समाज तक सीमित नहीं है, हिंदू समाज में भी ऐसे मामले मिलते हैं और कानून सभी पर समान रूप से लागू होगा। उन्होंने कहा कि इसे इस्लाम-विरोधी बिल बताने वाली धारणाएं गलत हैं। सीएम ने विपक्ष से आग्रह किया कि वे संशोधन प्रस्ताव वापस लें ताकि पूरा सदन एकमत होकर महिलाओं की सुरक्षा के लिए मजबूत संदेश दे सके।
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सरकार की अपील के बावजूद एआईयूडीएफ और सीपीआई(एम) ने अपने संशोधन प्रस्ताव वापस नहीं लिए। वोटिंग के दौरान उनके प्रस्तावों को आवाज मत से खारिज कर दिया गया। सरकार ने इसे महिलाओं के हित में लाया गया सामाजिक सुधार बताया, जबकि विपक्ष ने कुछ प्रावधानों पर सवाल उठाए।
यूसीसी लागू करने का वादा
सरमा ने सदन में घोषणा की कि अगर अगले वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव के बाद वह फिर मुख्यमंत्री बनते हैं तो नए कार्यकाल के पहले सत्र में ही यूसीसी बिल पेश किया जाएगा और उसे लागू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि बहुविवाह पर रोक यूसीसी की दिशा में एक मजबूत कदम है।
लव-जिहाद पर भी कानून लाने की तैयारी
मुख्यमंत्री ने बताया कि फरवरी तक धोखाधड़ी से किए विवाह र भी एक अलग बिल लाया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार पहले ही स्पष्ट कर चुकी है कि राज्य में लव-जिहाद नहीं होने दिया जाएगा और इसी उद्देश्य से नया कानून तैयार किया जा रहा है।
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