Assam: 'यूपी-बिहार के लोगों के नाम मतदाता सूची में....', कांग्रेस नेता गोगोई ने CM सरमा पर लगाया बड़ा आरोप
अगले साल होने वाले असम विधानसभा चुनाव से पहले राजनीतिक तापमान बढ़ गया है। कांग्रेस नेता गौरव गोगोई ने आरोप लगाया कि सीएम हिमंत बिस्वा सरमा अपनी कुर्सी बचाने के लिए यूपी-बिहार के लोगों के नाम मतदाता सूची में जोड़ने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि असम के लोग सरमा से नाराज हैं।
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असम में अगले साल विधानसभा के चुनाव होने है। इसके लिए राज्यभर की राजनीति में सियासी गर्माहट भी अपने चरम पर है। इसी बीच असम प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गौरव गोगोई ने असम की भाजपा सरकार और सीएम हिमंत बिस्वा सरमा पर तीखा हमला बोला है। गोगोई ने बुधवार को आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा अपनी कुर्सी बचाने के लिए उत्तर प्रदेश और बिहार के लोगों के नाम असम की मतदाता सूची में शामिल कराने की कोशिश कर रहे हैं।
दुबरी में एक कार्यक्रम में गोगोई ने कहा कि असम के लोग सरमा को पसंद नहीं करते। वह भाजपा के लिए सबसे बड़ी परेशानी बन चुके हैं। इसलिए वह दूसरे राज्यों के लोगों के नाम वोटर लिस्ट में जोड़ने की कोशिश कर रहे हैं। बता दें कि गोगोई का बयान ऐसे समय में आया है जब बीते दिनों चुनाव आयोग ने मतदाता सूची का विशेष पुनरीक्षण (एसआईआर) का आदेश दिया है, जिसमें 1 जनवरी 2026 को आधार तिथि माना जाएगा। यह प्रक्रिया मतदाता सूची को साफ, अद्यतन और सही बनाने के लिए की जा रही है।
गोगोई ने इन लोगों को दी ये सलाह
इस दौरान गोगोई ने कहा कि राजनीतिक दलों, मीडिया और असमहित से जुड़े संगठनों को सतर्क रहना चाहिए ताकि बाहरी राज्यों के लोग असम विधानसभा चुनावों में वोट न डाल सकें। उन्होंने कहा कि हम केवल सीटें बढ़ाने के लिए नहीं, बल्कि सत्ता में आकर असम के लोगों के हितों की रक्षा करने के लिए चुनाव लड़ रहे हैं।
इसके साथ ही गोगोई ने यह भी दावा किया कि मुख्यमंत्री सरमा इस समय गहरी परेशानी में हैं और उन्होंने AIUDF प्रमुख बदरुद्दीन अजमल से भी संपर्क किया है। उन्होंने कहा कि संभव है कि जल्द ही असदुद्दीन ओवैसी भी उन्हें बचाने के लिए असम आएं।
असम में भाजपा के खिलाफ विपक्ष की एकजुटता
गोगोई के अनुसार, विपक्षी दल चुनाव तैयारी और गठबंधन के मामले में भाजपा से काफी आगे हैं। गौरतलब है कि असम में आठ विपक्षी दल कांग्रेस, माकपा, राइजोर दल, असम जातीय परिषद, सीपीआई, सीपीआई(एमएल), जातीय दल-असम (जेडीए) और कार्बी आंगलोंग आधारित APHLC ने अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में संयुक्त रूप से लड़ने का फैसला किया है।