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Banglore Stampede: कैट ने 11 लोगों की मौत के लिए आरसीबी को ठहराया जिम्मेदार, प्रथम दृष्टया में पाया दोषी
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, बंगलूरू
Published by: राहुल कुमार
Updated Tue, 01 Jul 2025 07:31 PM IST
सार
चार जून को आरसीबी की पहली आईपीएल खिताबी जीत के बाद टीम द्वारा विधानसौधा से विजय परेड और स्टेडियम में प्रशंसकों के साथ जश्न के कार्यक्रम की घोषणा के बाद स्टेडियम के पास एमजी रोड और कुब्बोन रोड इलाकों में लगभग ढाई लाख प्रशंसक उमड़ पड़े थे । इस दौरान हुई भगदड़ में 11 लोगों की मौत हो गई थी।
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आईपीएल 2025
- फोटो : PTI
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विस्तार
केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण (कैट) ने मंगलवार को कहा कि 4 जून को चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर हुई भगदड़ के लिए प्रारंभिक तौर पर रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (आरसीबी) जिम्मेदार है। बता दें कि इस भगदड़ में 11 लोगों की मौत हो गई थी। केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण का कहना है कि आरसीबी ने पुलिस से उचित अनुमति या सहमति नहीं ली।
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आरसीबी की पहली आईपीएल खिताबी जीत के बाद टीम द्वारा विधानसौधा से विजय परेड और स्टेडियम में प्रशंसकों के साथ जश्न के कार्यक्रम की घोषणा के बाद स्टेडियम के पास एमजी रोड और कुब्बोन रोड इलाकों में लगभग ढाई लाख प्रशंसक उमड़ पड़े थे ।
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आरसीबी ने पुलिस से उचित अनुमति या सहमति नहीं ली- कैट
कैट ने कहा, इसलिए प्रथम दृष्टया ऐसा प्रतीत होता है कि लगभग तीन से पांच लाख लोगों के एकत्र होने के लिए आरसीबी जिम्मेदार है। आरसीबी ने पुलिस से उचित अनुमति या सहमति नहीं ली। कैट ने अपने अवलोकन में कहा, अचानक उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर पोस्ट किया जिसके परिणामस्वरूप लोग एकत्र हो गए। आरसीबी ने चार जून की सुबह की परेड और प्रशंसकों के कार्यक्रम के बारे में अपने सोशल मीडिया हैंडल पर पोस्ट किया था और न्यायाधिकरण ने पाया कि पुलिस विभाग के पास इतने कम समय में इतनी बड़ी भीड़ को संभालने के लिए पर्याप्त समय नहीं था।
कैट ने कहा , चार जून को समय की कमी के कारण, पुलिस उचित व्यवस्था करने में असमर्थ थी। पुलिस को पर्याप्त समय नहीं दिया गया। अचानक आरसीबी ने बिना किसी पूर्व अनुमति के उपरोक्त प्रकार का बखेड़ा किया। पुलिस कर्मी भी इंसान हैं। वे न तो भगवान हैं और न ही जादूगर और न ही उनके पास ‘अलाद्दीन का चिराग’ जैसी जादुई शक्तियां हैं जो केवल उंगली रगड़ने से किसी भी इच्छा को पूरा कर सकती हैं।
आरसीबी प्रबंधन इस घटनाक्रम पर टिप्पणी करने के लिए उपलब्ध नहीं था। इससे पहले इस घटना के संबंध में आरसीबी और कर्नाटक राज्य क्रिकेट संघ के खिलाफ आरोप लगाए गए थे जिसके कारण केएससीए सचिव ए. शंकर और कोषाध्यक्ष जयराम ने इस्तीफा दे दिया था।
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आईपीएस अधिकारी विकास कुमार का निलंबन रद्द
चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर मची भगदड़ के बाद चौतरफा घिरी सरकार ने बाद में कई अधिकारियों को निलंबित कर दिया था। आईपीएस अधिकारी विकास ने सरकार के पांच जून के निलंबन आदेश को न्यायाधिकरण के समक्ष चुनौती दी थी, जिसमें तत्कालीन बंगलूरू पुलिस आयुक्त बी दयानंद और पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) शेखर एच टेक्कन्नावर के नाम भी शामिल थे। प्राधिकारण ने वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी विकास कुमार का निलंबन आदेश रद्द कर दिया है।
न्यायाधिकरण की बंगलूरू पीठ में न्यायमूर्ति बीके श्रीवास्तव और प्रशासनिक सदस्य संतोष मेहरा शामिल थे। पीठ ने 24 जून को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। मंगलवार को इसने विकास के निलंबन को रद्द करते हुए कहा, पुलिसकर्मी भी इंसान हैं। वे न तो भगवान हैं, न ही जादूगर और न ही उनके पास अलाद्दीन के चिराग जैसी जादुई शक्तियां हैं, जो केवल अंगुली रगड़ने से कोई भी इच्छा पूरी कर सकती हैं। कैट ने यह भी कहा कि उसके निष्कर्षों को दयानंद और टेक्कन्नावर के मामलों में भी लागू किया जा सकता है, जिससे उनकी संभावित बहाली का रास्ता खुल सकता है।