Seat Ka Samikaran: चार बार मां, दो बार बेटी, दो-दो बार समधी-समधन यहां से जीते, ऐसा है बाराचट्टी का इतिहास
बिहार की विधानसभा सीटों से जुड़ी खास सीरीज ‘सीट का समीकरण’ में आज बात बाराचट्टी सीट की करेंगे। इस सीट पर 2020 के चुनाव में जीतनराम मांझी की पार्टी 'हम' की ज्योति देवी को जीत मिली थी।

विस्तार
बिहार में जल्द ही विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। तारीखों का एलान कभी भी हो सकता है। चुनाव तारीखों के एलान से पहले ही सियासी पारा चढ़ा हुआ है। सीट बंटवारे को लेकर दोनों बड़े गठबंधनों में खींचतान जारी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी एक बार फिर सोमवार को बिहार दौरे पर पहुंचे। इस सियासी हलचल के बीच अमर उजाला की खास सीरीज ‘सीट का समीकरण’ में आज गया जिले की बाराचट्टी विधानसभा सीट की बात करेंगे। इस सीट मौजूदा समय में हम की ज्योति देवी विधायक हैं। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी भी यहां से दो बार विधायक रह चुके हैं। मौजूदा विधायक ज्योति देवी पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी की समधन हैं। जीतन राम मांझी की बेटी की शादी ज्योति देवी के बेटे से हुई है। इन दोनों के साथ ही बाराचट्टी सीट से मां-बेटी की जोड़ी भी जीत दर्ज कर चुकी है। बाराचट्टी की चार बार की विधायक भगवती देवी के निधन के बाद उनकी बेटी समता देवी देवी भी दो बार बाराचट्टी से जीतकर विधानसभा पहुंची।

बिहार के 38 जिलें में से एक जिला गया भी है। गया जिला चार अनुमंडल और 24 ब्लॉक में बंटा है। जिले में दस विधानसभा सीट हैं। इनमें गरुआ, शेरघाटी, इमामगंज (एससी), बाराचट्टी (एससी), बोधगया (एससी) ,गया टाउन, टिकारी, बेलागंज, अतरी, वजीरगंज शामिल हैं। आज सीट का समीकरण में बाराचट्टी सीट की बात करेंगे। यह सीट पहली बार 1957 में अस्तित्व में आई।
1957: प्रजा सोशलिस्ट पार्टी को मिली जीत
1957 के विधानसभा चुनाव में बाराचट्टी विधानसभ सीट से प्रजा सोशलिस्ट पार्टी के श्रीधर नारायण को जीत मिली थी। इस चुनाव में उन्होंने कांग्रेस उम्मीदवार राधा कृष्ण प्रसाद सिन्हा को 2,973 वोट से हराया था। श्रीधर नारायण को 7,160 वोट मिले। वहीं, राधा कृष्ण प्रसाद को 4,187 वोट मिले।
1962: स्वतंत्र पार्टी को मिली जीत
1962 के चुनाव में यहां से स्वतंत्र पार्टी के मुस्ताक अली खान को जीत मिली। उन्होंने कांग्रेस के उम्मीदवार और तत्कालीन विधायक श्रीधर नारायण को 1,016 वोट से हराया। इस चुनाव में मुस्ताक अली खान को 8,546 वोट मिले। वहीं, श्रीधर नारायण को 7,530 वोट मिले।
1967: कांग्रेस को पहली जीत मिली
1967 के चुनाव में कांग्रेस के वीष्णु चरण भारती को जीत मिली। इस चुनाव में उन्होंने प्रजा सोशलिस्ट पार्टी के पी. दुसाध को 4,106 वोट से हराया। वीसी भारती को कुल 10,016 वोट मिले। वहीं, पी, दुसाध को 5,910 वोट मिले।
1969: संसोपा को मिली जीत
1969 के चुनाव में बाराचट्टी सीट से संसोपा को जीत मिली। संसोपा को जीत दिलाने वाली भगवती देवी थीं। उन्होंने कांग्रेस के विष्णु चरण भारती को 5,494 वोट हराया। भगवती देवी को 11,927 वोट मिले। वहीं, विष्णु चरण भारती को 6,433 वोट मिले।
1972: कांग्रेस को मिली जीत
1972 के चुनाव में कांग्रेस के मोहन राम को 3,545 वोट से जीत मिली। वहीं बाराचट्टी की तत्कालीन विधायक भगवती देवी दूसरे नंबर पर रहीं। मोहन राम को 12,011 वोट मिले। वहीं, भगवती देवी को 8,466 वोट मिले।
1977: जनता पार्टी को मिली जीत
1977 के चुनाव मे जनता पार्टी की भगवती देवी को जीत मिली। उन्होंने कांग्रेस के रामजी मांझी को 27,089 वोट से मात दी। भगवती देवी को 35,540 वोट मिले। वहीं, रामजी मांझी को 8,451 वोट से संतोष करना पड़ा।
1980: कांग्रेस को मिली जीत
- 1980 के चुनाव में कांग्रेस (आई) के उम्मीदवार जी. एस रामचंद्रा दास को जीत मिली। उन्होंने कांग्रेस (यू) के मोहन राम को 2,373 वोट से हराया। जी. एस रामचंद्रा को 24,792 वोट मिले। वहीं, मोहन राम को 22,419 वोट मिले।
- 1985 के चुनाव में भी कांग्रेस के जी.एस रामचंद्रा को जीत मिली। इस चुनाव में उन्होंने लोकदल के रामजी मांझी को 34,780 वोट से हराया। जी.एस रामचंद्रा को कुल 44,812 वोट मिले। वहीं, लोकदल के रामजी मांझी को 10,032 वोट मिले।
1990: भारतीय जन मोर्चा को मिली जीत
बाराचट्टी सीट से दो बार के विधायक रहे कांग्रेस उम्मीदवार जी. एस रामचंद्रा दास को 1990 के चुनाव में हार मिली। इस चुनाव में भारतीय जन मोर्चा के उमेश सिंह को 14,658 वोट से जीत मिली। उमेश सिंह को कुल 31,823 और जी. एस रामचंद्रा दास को 17,165 वोट मिले।
1995: भगवती देवी को वापसी
1995 के चुनाव में भगवती देवी ने जनता दल के टिकट पर बाराचट्टी सीट से जीत दर्ज की। इस चुनाव में उन्होंने भाजपा के राम स्वरूप पासवान को 24,999 वोट से हराया। भगवती देवी को 38,610 वोट मिले। वहीं, राम स्वरूप पासवान को 13,611 वोट मिले।
1996: जीतन राम मांझी बने विधायक
1996 में बाराचट्टी में उपचुनाव हुआ। इस चुनाव में राजद के जीतन राम मांझी को 13,629 वोट से जीत मिली। वहीं भाजपा के कृष्णा पासवान दूसरे नंबर पर रहे। जीतन राम मांझी को कुल 41,404 वोट मिले। वहीं, कृष्णा पासवान को 27,775 वोट मिले।
2000: भगवती देवी को मिली चौथी जीत
2000 के चुनाव में बाराचट्टी सीट पर राजद की भगवती देवी को जीत मिली। उन्होंने समता पार्टी के राजेश कुमार को 10,664 वोट से हराया। भगवती देवी को कुल 26,694 वोट मिले। वहीं, राजेश कुमार को 16,030 वोट मिले।
2003: समता देवी को मिली जीत
2003 में भगवती देवी के निधन के बाद बाराचट्टी सीट पर उपचुनाव हुआ। इस चुनाव में उनकी बेटी समता देवी को जीत मिली। उन्होंने जदयू के राजेश कुमार को 7,531 वोट से हराया। समता देवी को 30,827 वोट मिले। वहीं, राजेश कुमार को 23,296 वोट मिले।
फरवरी 2005: विजय कुमार को मिली जीत
2005 के चुनाव में राजद में विजय कुमार को जीत मिली। इस चुनाव में उन्होंने जदयू के विजय पासवान को 29,212 वोट से हराया। विजय कुमार को 53,455 वोट मिले। विजय पासवान को 24,243 वोट मिले।
अक्तूबर 2005: जीतन राम मांझी की वापसी
अक्तूबर 2005 के चुनाव में जीतन राम मांझी को जीत मिली। उन्होंने राजद की समता देवी को 4,142 वोट से हराया। जदयू उम्मीदवारजीतन राम मांझी को कुल 29,298 वोट मिले। वहीं समता देवी को 25,156 वोट मिले।
2010: ज्योति देवी को मिली जीत
2010 के चुनाव में जदयू की ज्योति देवी को जीत मिली। इस चुनाव में उन्होंने राजद की समता देवी को 23,746 वोट से हराया। ज्योति देवी को कुल 57,550 वोट मिले। वहीं, समता देवी को 33,804 वोट मिले।
2015: समता देवी की वापसी
पिछले दो चुनाव में हार का सामना कर चुकीं समता देवी ने 2015 के चुनाव में जीत हासिल की। इस चुनाव में उन्होंने लोजपा की सुधा देवी को 19,126 वोट से हराया। समता देवी को कुल 70,909 वोट मिले। वहीं, सुधा देवी को 51,783 वोट मिले।
2020: ज्योति देवी की वापसी
2020 के चुनाव में हम की ज्योति देवी ने 6,318 वोट से जीत हासिल की। राजद की समता देवी को दूसरे नंबर पर रही। ज्योति देवी को कुल 72,491 वोट मिले। वहीं, समता देवी को 66,173 वोट मिले।
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