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Politics: 'प्रतिमाओं के स्थानांतरण पर राजनीति करने की जरूरत नहीं'; ओम बिरला बोले- पहले ही हो चुकी थी चर्चा

अमर उजाला, न्यूज डेस्क, नई दिल्ली Published by: विशांत श्रीवास्तव Updated Mon, 17 Jun 2024 05:27 AM IST
सार

संसद परिसर से महापुरुषों की प्रतिमाओं के स्थानांतरण के मामले में कांग्रेस ने विरोध जताया है। जिसको लेकर लोकसभा अध्यक्ष ने कहा है कि चर्चा के बाद ही ऐसा किया गया है। इस पर राजनीति करने की जरूरत नहीं है। 

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Birla said - Transfer of statues after discussion in Parliament, no need to do politics on this
संसद - फोटो : ANI
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विस्तार
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लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने रविवार को कहा कि विभिन्न हितधारकों से चर्चा के बाद ही संसद परिसर में स्थापित स्वतंत्रता सेनानियों और महापुरुषों की प्रतिमाओं को प्रेरणा स्थल में स्थानांतरित किया गया है। प्रतिमाओं को अपने स्थानों से हटाने के बाद विपक्षी दल इसका विरोध कर रहे हैं।

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बिरला ने कहा कि प्रतिमाओं का स्थानांतरण भूमि के उचित इस्तेमाल और सौंदर्यीकरण को ध्यान में रखते हुए किया गया है। उन्होंने कहा, किसी भी मूर्ति को हटाया नहीं गया है, बल्कि स्थानांतरित किया गया है। इस पर राजनीति करने की कोई जरूरत नहीं है। मैं समय-समय पर विभिन्न हितधारकों के साथ इन मुद्दों पर चर्चा करता रहा हूं।  दरअसल, महात्मा गांधी और बीआर आंबेडकर की प्रतिमाएं पहले संसद परिसर में प्रमुख स्थानों पर स्थित थीं, जहां विपक्षी नेता सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने के लिए एकत्र होते थे। लोगों का विचार था कि इन मूर्तियों के एक ही स्थान पर होने से उनके जीवन और उपलब्धियों के बारे में जानकारी बेहतर तरीके से प्रसारित करने में मदद मिलेगी।  

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बिरला ने कहा, चर्चा के दौरान लोगों का विचार था कि इन मूर्तियों के एक ही स्थान पर होने से उनके जीवन और उपलब्धियों के बारे में जानकारी बेहतर तरीके से प्राप्त की जा सकेगी।

कांग्रेस ने रविवार को कहा कि संसद परिसर में स्थित मूर्तियों को स्थानांतरित करने का निर्णय सत्तारूढ़ सरकार का एकतरफा फैसला है। इसका एकमात्र उद्देश्य महात्मा गांधी और बीआर आंबेडकर की प्रतिमाओं को वहां से हटाना है। अभी तक इन प्रतिमा स्थलों पर ही पारंपरिक तौर पर लोकतांत्रिक प्रदर्शन होते रहे हैं। विपक्षी पार्टी का यह हमला उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ के ‘प्रेरणा स्थल’ का उद्घाटन करने से पहले आया है। प्रेरणा स्थल में स्वतंत्रता सेनानियों और अन्य नेताओं की सभी मूर्तियां रखी जाएंगी।

जिन्हें पहले संसद परिसर में विभिन्न स्थानों पर रखा गया था। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, लोकसभा की वेबसाइट के अनुसार, चित्र और प्रतिमाओं पर संसद की समिति की आखिरी बैठक 18 दिसंबर, 2018 को हुई थी। 17वीं लोकसभा (2019-2024) के दौरान इसका पुनर्गठन भी नहीं किया गया, जो पहली बार उपसभापति के सांविधानिक पद के बिना काम कर रही थी।

आगंतुकों के लिए किया गया प्रेरणा स्थल का निर्माण

लोकसभा सचिवालय ने कहा है कि ‘प्रेरणा स्थल’ का निर्माण इसलिए किया गया है, ताकि संसद भवन परिसर में आगंतुक एक ही स्थान पर इन प्रतिमाओं को आसानी से देख सकें और उन पर श्रद्धांजलि अर्पित कर सकें। उसने कहा, इन महान भारतीयों की जीवन गाथाओं और संदेशों को नई प्रौद्योगिकी के माध्यम से आगंतुकों तक पहुंचाने के लिए एक कार्य योजना बनाई गई है।

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