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Ratna Bhandar Row: जगन्नाथ मंदिर के रत्न भंडार को लेकर भाजपा-बीजद में जंग, जानें दोनों दलों की दलीलें
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, भुवनेश्वर
Published by: पवन पांडेय
Updated Sat, 22 Nov 2025 03:36 PM IST
सार
पुरी के प्रसिद्ध श्री जगन्नाथ मंदिर के रत्न भंडार में रखे आभूषणों और बहुमूल्य वस्तुओं की गिनती को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच बड़ा विवाद छिड़ गया है। बता दें कि रत्न भंडार मंदिर के अंदर वह जगह है जहां भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा के कीमती गहने और अन्य मूल्यवान चीजें रखी जाती हैं।
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जगन्नाथ मंदिर
- फोटो : ANI
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विस्तार
ओडिशा के पुरी में स्थित श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन (एसजेटीए) ने शुक्रवार को कहा कि रत्न भंडार की सूची बनाने की प्रक्रिया चरणों में पूरी की जाएगी और यह काम अगली अक्षय तृतीया (19 अप्रैल 2026) तक खत्म होगा। वहीं इस पर राज्य की मुख्य विपक्षी दल बीजू जनता दल (बीजद) ने आरोप लगाया कि राज्य की भाजपा सरकार मामले में देरी और टालमटोल की राजनीति कर रही है। वहीं भाजपा ने जवाब दिया कि बीजद को बोलने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है, क्योंकि 24 साल की अपनी सरकार में उन्होंने कभी रत्न भंडार खोला ही नहीं।
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भाजपा का पक्ष
प्रवक्ता अनिल बिस्वाल ने कहा, 'बीजद सरकार 24 साल तक रत्न भंडार नहीं खोल पाई, जबकि जनता और गजपति महाराज खुद इसकी मरम्मत की मांग कर रहे थे। भाजपा ने सत्ता में आते ही 13 महीने में इसे खोलकर मरम्मत करा दी।' उन्होंने यह भी कहा कि 2025 के नवकलेवर उत्सव में बीजद सरकार ने भारी गड़बड़ी की थी।
बीजद का जवाब
प्रवक्ता लेनिन मोहंती ने कहा, 'भाजपा ने चुनावों के दौरान रत्न भंडार को लेकर झूठ फैलाया और वादा किया था कि सत्ता में आने के बाद गहनों की गिनती तुरंत शुरू होगी। अब वे इसे टाल रहे हैं और अस्पष्ट बयान देकर भ्रम फैला रहे हैं।' उन्होंने मंदिर के 'दर्शन' और 'परिक्रमा परियोजना' में भी अव्यवस्था का आरोप लगाया। बीजद ने कहा, 'एसी टनल हटाने से भक्तों को परेशानी हो रही है, और मंदिर में अक्सर भीड़भाड़ व अव्यवस्था रहती है।'
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प्रबंधन समिति पर भी सवाल
बीजद ने कहा कि जगन्नाथ मंदिर अधिनियम, 1955 की धारा 6 के अनुसार, मंदिर प्रबंध समिति में 18 सदस्य होने चाहिए। लेकिन सरकार ने सिर्फ 10 सदस्यों की नियुक्ति की है। इससे लगता है कि सरकार मंदिर प्रबंधन को गंभीरता से नहीं ले रही और सभी काम सिर्फ औपचारिक रूप से कर रही है।
क्या है जगन्नाथ मंदिर का रत्न भंडार?
रत्न भंडार 14 जुलाई 2024 को 46 साल बाद खोला गया था। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने लगभग एक साल तक इसकी मरम्मत की। बीजद ने यह भी आरोप लगाया कि मंदिर प्रबंध समिति में 18 सदस्यों का प्रावधान है, लेकिन सरकार ने सिर्फ 10 सदस्यों की नियुक्ति की है, जो असंवेदनशीलता दिखाता है।
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भाजपा का पक्ष
प्रवक्ता अनिल बिस्वाल ने कहा, 'बीजद सरकार 24 साल तक रत्न भंडार नहीं खोल पाई, जबकि जनता और गजपति महाराज खुद इसकी मरम्मत की मांग कर रहे थे। भाजपा ने सत्ता में आते ही 13 महीने में इसे खोलकर मरम्मत करा दी।' उन्होंने यह भी कहा कि 2025 के नवकलेवर उत्सव में बीजद सरकार ने भारी गड़बड़ी की थी।
बीजद का जवाब
प्रवक्ता लेनिन मोहंती ने कहा, 'भाजपा ने चुनावों के दौरान रत्न भंडार को लेकर झूठ फैलाया और वादा किया था कि सत्ता में आने के बाद गहनों की गिनती तुरंत शुरू होगी। अब वे इसे टाल रहे हैं और अस्पष्ट बयान देकर भ्रम फैला रहे हैं।' उन्होंने मंदिर के 'दर्शन' और 'परिक्रमा परियोजना' में भी अव्यवस्था का आरोप लगाया। बीजद ने कहा, 'एसी टनल हटाने से भक्तों को परेशानी हो रही है, और मंदिर में अक्सर भीड़भाड़ व अव्यवस्था रहती है।'
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प्रबंधन समिति पर भी सवाल
बीजद ने कहा कि जगन्नाथ मंदिर अधिनियम, 1955 की धारा 6 के अनुसार, मंदिर प्रबंध समिति में 18 सदस्य होने चाहिए। लेकिन सरकार ने सिर्फ 10 सदस्यों की नियुक्ति की है। इससे लगता है कि सरकार मंदिर प्रबंधन को गंभीरता से नहीं ले रही और सभी काम सिर्फ औपचारिक रूप से कर रही है।
क्या है जगन्नाथ मंदिर का रत्न भंडार?
रत्न भंडार 14 जुलाई 2024 को 46 साल बाद खोला गया था। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने लगभग एक साल तक इसकी मरम्मत की। बीजद ने यह भी आरोप लगाया कि मंदिर प्रबंध समिति में 18 सदस्यों का प्रावधान है, लेकिन सरकार ने सिर्फ 10 सदस्यों की नियुक्ति की है, जो असंवेदनशीलता दिखाता है।