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डॉक्टरों ने निकाला अब तक का सबसे बड़ा चेस्ट ट्यूमर, मरीज को सांस लेना भी हो रहा था मुश्किल

डिजिटल ब्यूरो, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: Harendra Chaudhary Updated Wed, 18 Dec 2019 08:01 PM IST
सार

  • छाती, फेफड़े और दिल के बीच होने के कारण ऑपरेशन के लिए भी डॉक्टरों को नहीं मिल रही थी जगह

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BLK hospital doctors successfully removed the one of largest chest tumor through robotics surgery
BLK Hospital - फोटो : AmarUjala
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विस्तार
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दिल्ली के बीएलके अस्ताल के डॉक्टरों की एक टीम ने फिजी के एक मरीज की छाती के अब तक के सबसे बड़े ट्यूमर को सफलतापूर्वक निकालने का दावा किया है। डॉक्टरों के मुताबिक 12 X 10 X 6 सेंटीमीटर के आकार का यह ट्यूमर अब तक छाती के ट्यूमर के मामले में सबसे बड़ा है। इस ट्यूमर को निकालने के लिए रोबोटिक सर्जरी का सहारा लिया गया, जिसके कारण मरीज के शरीर से रक्त का स्राव न के बराबर हुआ।

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ट्यूमर के बड़े आकार के कारण मरीज की सांस लेने की नली (Wind Pipe) दब गई थी, जिसके कारण वह सांस भी नहीं ले पा रहा था। लेकिन अब वह सामान्य तरीके से सांस लेने में सक्षम हो गया है। 
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सर्जरी टीम को लीड करने वाले डॉक्टर सुरेंद्र डबास ने बताया कि ओपन हार्ट सर्जरी के मामले में ट्यूमर को निकालने के लिए छाती की हड्डियों को काटना पड़ता है। लेकिन सर्जरी पूरी हो जाने के बाद भी इसमें लगातार दर्द बना रह सकता है। इसके अलावा रक्त स्राव और मरीज को लंबे समय तक आईसीयू में रखने की समस्या से जूझना पड़ता है। जबकि रोबोटिक सर्जरी में ऐसा कुछ भी नहीं करना पड़ता और ट्यूमर को सफलतापूर्वक शरीर के बाहर निकाल दिया गया।
 
तकनीकी रुप से ट्यूमर छाती, फेफड़ों और दिल के बीच की स्थिति में था। ऑपरेशन के लिए भी शरीर के बीच जितनी जगह की आवश्यकता पड़ती है, उतनी जगह भी डॉक्टरों को नहीं मिल पा रही थी। इसलिए ऑपरेशन में बड़ी समस्या था, लेकिन रोबोटिक सर्जरी के माध्यम से इस ऑपरेशन में सफलता मिल सकी।

सिर्फ दो घंटे की सर्जरी

डॉक्टरों ने बताया कि इस बड़े ट्यूमर को निकालने के लिए मरीज की दो पसलियों को आंशिक रुप से फुलाव पैदा किया गया। इसी रास्ते के जरिए एक हल्के ऑपरेशन के जरिए ट्यूमर को सफलतापूर्वक बाहर निकाल लिया गया। इस पूरे ऑपरेशन में दो घंटे एनेस्थेसिया और दो घंटे सर्जरी करने का समय लगा। जबकि ओपेन हार्ट सर्जरी के मामले में मरीज को हफ्तों आईसीयू में ही बिताना पड़ता है।

विदेशी मरीज ने बताया बेहतर है भारत

इस ट्यूमर के साथ जीना फिजी के इकोपो मोलोटी के लिए बेहद मुश्किल हो गया था। लॉन टेनिस कोच इकोपो मोलोटी ने बताया कि वे सांस भी नहीं ले पा रहे थे और खाना-पीना भी छूट गया था। लेकिन अब ट्यूमर निकलने के बाद वे सामान्य जिंदगी जी रहे हैं और अपनी मनपसंद भोजन ले पा रहे हैं।

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