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Bombay High Court: अदालत बोली- वायु प्रदूषण पर आंखें मूंदे है BMC, कटघरे में है 125+ परियोजनाओं को मिली मंजूरी

अमर उजाला नेटवर्क, नई दिल्ली Published by: अमन तिवारी Updated Wed, 24 Dec 2025 06:10 PM IST
सार

बॉम्बे हाई कोर्ट ने मुंबई में बढ़ते प्रदूषण को लेकर बीएमसी को फटकार लगाई है। कोर्ट ने एक साथ 125 से अधिक बड़े निर्माण प्रोजेक्ट्स को मंजूरी देने पर सवाल उठाते हुए चेतावनी दी कि यदि हालात नहीं सुधरे, तो नए कंस्ट्रक्शन की अनुमति पर रोक लगा दी जाएगी।
 

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Bombay High Court Chief Justice Shree Chandrashekhar BMC blind eyes to air pollution questions on 125 projects
अमर उजाला ग्राफिक्स - फोटो : अमर उजाला ग्राफिक्स
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विस्तार
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बॉम्बे हाई कोर्ट ने बुधवार को मुंबई में बढ़ते वायु प्रदूषण के मुद्दे पर बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) को शहर में वायु प्रदूषण के मुद्दे पर आंखें मूंदने और समस्या को कम करने के लिए कुछ भी नहीं करने के लिए फटकार लगाई। चीफ जस्टिस श्री चंद्रशेखर और जस्टिस गौतम अंखड की बेंच ने सवाल किया कि मुंबई जैसे सीमित भौगोलिक क्षेत्र वाले शहर में बीएमसी ने 1,000 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाले 125 से ज्यादा बड़े कंस्ट्रक्शन प्रोजेक्ट्स को एक साथ मंजूरी कैसे दे दी।
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अदालत ने दी चेतावनी
अदालत ने बीएमसी को चेतावनी दी थी कि अगर शहर में वायु प्रदूषण की स्थिति बनी रहती है, तो वह कंस्ट्रक्शन के लिए और कोई परमिशन देने से रोकने के आदेश जारी करेगा। अदालत ने कहा 'इतने छोटे शहर (मुंबई) में 1000 करोड़ से अधिक की 125 परियोजनाएं कैसे स्वीकृत की जा सकती हैं? यह बहुत ज्यादा है। स्थिति आपके (बीएमसी) नियंत्रण से बाहर हो चुकी है। अब आप चीजों को संभाल नहीं पा रहे हैं।'

सिस्टम की विफलता और चुनाव ड्यूटी का बहाना
सुनवाई के दौरान कोर्ट इस बात से नाराज दिखा कि बीएमसी के 91 विशेष दस्ते (Squads) निर्माण स्थलों का निरीक्षण नहीं कर रहे थे। बीएमसी के वकील ने दलील दी कि अधिकारी चुनाव ड्यूटी में व्यस्त हैं, जिसे कोर्ट ने सिरे से खारिज कर दिया। बेंच ने कहा कि चुनाव ड्यूटी कोई बहाना नहीं हो सकता और निकाय इसके लिए चुनाव आयोग से छूट मांग सकता था।

रोकथाम ही एकमात्र समाधान
कोर्ट ने बीएमसी से आग्रह किया कि वह अपने सिस्टम को इस तरह मजबूत करे कि उठाए गए कदम 'रोकथाम वाले' (Preventive) हों, न कि 'उपचार वाले' (Curative)। बेंच ने कहा कि बीएमसी के पास व्यापक शक्तियां होने के बावजूद कोई ठोस 'कार्यान्वयन योजना' नहीं है और न्यूनतम जरूरतें भी पूरी नहीं की जा रही हैं। 

कामदार ने बेंच को बताया कि बुधवार को AQI 88 था जिसे संतोषजनक माना जाता है। उन्होंने कहा कि पिछले साल स्थिति ज्यादा खराब थी। हालांकि, बेंच ने कहा कि सिर्फ यह कहने से कि प्रदूषण कम हो गया है, इसका मतलब यह नहीं है कि BMC काम कर रही थी।

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अगली सुनवाई 20 जनवरी को होगी
जब कोर्ट ने पूछा कि कॉर्पोरेशन अगले दो हफ्तो में क्या करने वाला है, तो कोर्ट में मौजूद BMC कमिश्नर भूषण गागरानी ने कहा कि स्क्वॉड हर दिन कम से कम दो कंस्ट्रक्शन साइट्स का इंस्पेक्शन करेंगे और जरूरी कार्रवाई करेंगे। इस पर अदालत ने सुझाव दिया कि पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए निरीक्षण दस्तों को बटन कैमरे और जीपीएस डिवाइस दिए जाने चाहिए। बतादें कि कोर्ट शहर में बिगड़ती हवा की गुणवत्ता को लेकर दायर जनहित याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा था। इस मामले की अगली सुनवाई अब 20 जनवरी को होगी।

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