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Calcutta High Court: कलकत्ता हाईकोर्ट ने खारिज की एसएससी की याचिकाएं, 'दागी उम्मीदवारों' की सूची पर रोक नहीं

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, कोलकाता Published by: पवन पांडेय Updated Tue, 02 Sep 2025 03:35 PM IST
सार

कलकत्ता हाईकोर्ट ने साफ कर दिया कि यह मामला सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत है और जब तक सर्वोच्च न्यायालय में याचिकाएं लंबित हैं, तब तक सूची पर कोई रोक नहीं लगेगी। इसका मतलब है कि दागी उम्मीदवारों की सूची अब सार्वजनिक डोमेन में बनी रहेगी और उस पर कोई सवाल फिलहाल नहीं उठाया जा सकता।

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Cal HC dismisses petitions challenging publication of list of tainted school job candidates by SSC
कलकत्ता हाई कोर्ट - फोटो : ANI
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विस्तार
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कलकत्ता हाईकोर्ट ने मंगलवार को उन याचिकाओं को खारिज कर दिया जिनमें पश्चिम बंगाल सेंट्रल स्कूल सर्विस कमीशन (एसएससी) की तरफ से जारी 'दागी उम्मीदवारों' की सूची को चुनौती दी गई थी।
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सुप्रीम कोर्ट का आदेश
मामले की सुनवाई के दौरान जस्टिस सौगत भट्टाचार्य ने अपने फैसले में कहा कि चूंकि इस मामले से जुड़ी स्पेशल लीव पेटिशन (एसएलपी) सुप्रीम कोर्ट में पहले से ही लंबित है और 28 अगस्त को सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के तहत यह सूची प्रकाशित हुई है, इसलिए हाईकोर्ट इसमें हस्तक्षेप नहीं करेगा। 28 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा था कि जिन उम्मीदवारों की नियुक्तियां रद्द की गई हैं, उनकी सूची सात दिनों के भीतर सार्वजनिक की जाए। उसी आदेश के आधार पर एसएससी ने 30 अगस्त को यह सूची अपनी वेबसाइट पर डाली।
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क्या है याचिकाकर्ताओं की दलील?
जिन उम्मीदवारों के नाम इस सूची में शामिल किए गए, उन्होंने हाईकोर्ट में दलील दी थी कि वे निर्दोष हैं और उन्हें 'दागी' बताना गलत है। लेकिन अदालत ने इसे मानने से इनकार कर दिया और याचिकाएं खारिज कर दीं।

सूची में कितने नाम शामिल हैं?
30 अगस्त को जारी सूची में 1,804 उम्मीदवारों के नाम हैं। ये सभी उम्मीदवार 2016 में हुई पहली राज्य स्तरीय चयन परीक्षा (एसएलएसटी) में शामिल थे। अदालत ने इन्हें दागी घोषित कर दिया है।

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अदालत के फैसले का असर
सिर्फ 1804 नहीं, बल्कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद कुल 25,000 से अधिक शिक्षक और गैर-शिक्षण कर्मचारी पश्चिम बंगाल के सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों से अपनी नौकरियां खो चुके हैं। अदालत ने कहा था कि पूरी भर्ती प्रक्रिया ही भ्रष्टाचार और अनियमितताओं से दागदार थी, इसलिए इसे रद्द किया गया।
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