सब्सक्राइब करें
Hindi News ›   India News ›   Calcutta High Court upholds life sentence; says non-recovery of murder weapon doesn’t weaken case

Kolkata: हत्या में हथियार न मिलना केस को झूठा नहीं बनाता, उम्रकैद की सजा बरकरार; कलकत्ता हाईकोर्ट का अहम फैसला

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, कोलकाता Published by: शिवम गर्ग Updated Sat, 08 Nov 2025 12:15 PM IST
सार

Calcutta High Court: कलकत्ता हाईकोर्ट ने वर्ष 1999 की हत्या के मामले में तीन दोषियों की उम्रकैद की सजा को बरकरार रखते हुए कहा कि हत्या में इस्तेमाल हथियार बरामद न होने से केस अविश्वसनीय नहीं हो जाता। 

विज्ञापन
Calcutta High Court upholds life sentence; says non-recovery of murder weapon doesn’t weaken case
कलकत्ता हाईकोर्ट - फोटो : ANI
विज्ञापन

विस्तार
Follow Us

कलकत्ता हाईकोर्ट ने एक अहम टिप्पणी करते हुए कहा है कि किसी हत्या के मामले में हथियार की बरामदगी न होना मुकदमे को झूठा या कमजोर नहीं बनाता, अगर सबूतों से यह साबित हो जाए कि हत्या हुई है। यह टिप्पणी अदालत ने 1999 के एक हत्या के मामले में तीन दोषियों की उम्रकैद की सजा को बरकरार रखते हुए दी।

Trending Videos


न्यायमूर्ति देबांगसु घोष और मोहम्मद शब्बर राशिदी की खंडपीठ ने शुक्रवार को दिए अपने फैसले में कहा जब यह साबित हो चुका है कि पीड़ित की हत्या हुई है, तो हथियार की बरामदगी न होना या आर्म्स एक्ट की धारा के तहत आरोप न लगना केस को अविश्वसनीय नहीं बनाता। अदालत ने कहा कि अभियोजन पक्ष ने पुख्ता सबूतों के आधार पर आरोप साबित किए हैं, इसलिए ट्रायल कोर्ट के फैसले में हस्तक्षेप की कोई गुंजाइश नहीं है।
विज्ञापन
विज्ञापन


ये भी पढ़ें:- Pune Land Deal: पार्थ पवार से जुड़ी 300 करोड़ की डील रद्द, कार्यकर्ता ने उठाए थे सवाल; जानें अब तक क्या हुआ

क्या था मामला
गौरतलब है कि 19 जून 1999 को पूर्व बर्दवान जिले के केतुग्राम में एक नाव पर यात्रा कर रहे श्रीराम घोष की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। शिकायत के मुताबिक, आरोपी धनु घोष ने पाइप गन से श्रीराम के गले में गोली मारी थी, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई। शिकायतकर्ता और मृतक के बड़े भाई गोपीनाथ घोष ने बताया कि हत्या पुरानी दुश्मनी के चलते की गई थी। अदालत ने कहा कि हत्या के मामले में तीन चश्मदीद गवाह मौजूद हैं, इसलिए हत्या का मकसद साबित करना जरूरी नहीं रह जाता।

अभियोजन और बचाव पक्ष के तर्क
दोषियों के वकील ने दलील दी कि अभियोजन पक्ष अपराध साबित नहीं कर सका क्योंकि हत्या में इस्तेमाल पाइप गन या गोली कभी बरामद नहीं हुई। वहीं, राज्य सरकार के वकील ने कहा कि चश्मदीद गवाहों के बयान पूरी तरह सुसंगत और विश्वसनीय हैं, जिससे यह स्पष्ट होता है कि दोषी वही थे जिन्होंने हत्या की।

ये भी पढ़ें:- Andhra Pradesh: आर्सेलर मित्तल निप्पॉन स्टील के प्लांट को पर्यावरण मंजूरी पर फैसला टला, जानें क्या है वजह

निष्कर्ष में अदालत ने कहा
अदालत ने कहा कि बचाव पक्ष द्वारा यह कहना कि उन्हें झूठा फंसाया गया, 'दो धार वाली तलवार' साबित हो सकता है क्योंकि यह बयान ही हत्या के पीछे की दुश्मनी का कारण दर्शाता है। हम इस बचाव पर भरोसा नहीं कर सकते। पिछली रंजिश के कारण हत्या की गई, यह तथ्य ही अभियोजन के दावे को मजबूत करता है। इस तरह, अदालत ने ट्रायल कोर्ट द्वारा सुनाई गई उम्रकैद की सजा को बरकरार रखा।

विज्ञापन
विज्ञापन

रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News apps, iOS Hindi News apps और Amarujala Hindi News apps अपने मोबाइल पे|
Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

विज्ञापन
विज्ञापन

एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें

Next Article

Election
एप में पढ़ें

Followed