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Army: 'तीनों सेनाओं में एकीकरण स्थापित करना चुनौती', सीडीएस अनिल चौहान बोले- राष्ट्रीय स्तर पर तालमेल जरूरी

वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: हिमांशु चंदेल Updated Wed, 22 Oct 2025 07:59 PM IST
सार

दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में सीडीएस जनरल अनिल चौहान ने कहा कि तीनों सेनाओं के बीच जॉइंटनेस और इंटीग्रेशन लाना उनकी प्राथमिक जिम्मेदारी है। उन्होंने सिविल-मिलिट्री फ्यूजन को राष्ट्रीय शक्ति और सुरक्षा का महत्वपूर्ण स्तंभ बताया।

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CDS Anil Chauhan say challenge bring about integration three service coordination national level essential
सीडीएस जनरल अनिल चौहान। - फोटो : ANI
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दिल्ली में बुधवार को आयोजित एक कार्यक्रम में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान ने कहा कि सरकार द्वारा उन्हें नियुक्त किए जाने के बाद उनकी प्राथमिक जिम्मेदारियों में से एक तीनों सेनाओं थल, जल और वायु सेना में जॉइंटनेस और इंटीग्रेशन यानी एकता और समन्वय को बढ़ाना है। 
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उन्होंने इसे एक कठिन लेकिन अत्यंत आवश्यक कार्य बताया। चौहान दिल्ली में आयोजित उस कार्यक्रम में बोल रहे थे, जहां रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने दो किताबों का अनावरण किया। जनरल चौहान ने कहा कि सिविल-मिलिट्री फ्यूजन (नागरिक और सैन्य समन्वय) केवल रक्षा के दायरे तक सीमित नहीं, बल्कि यह राष्ट्रीय स्तर पर समग्र शक्ति और सुरक्षा का मापदंड है। उन्होंने कहा कि यह काम बेहद कठिन है, लेकिन इससे भी ज्यादा जरूरी है। 
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देश की शक्ति तभी मजबूत होगी जब नीतिगत और सैन्य ढांचे में तालमेल स्थापित हो। सीडीएस ने बताया कि हाल ही में आयोजित कंबाइंड कमांडर्स कॉन्फ्रेंस में राजनीतिक नेतृत्व ने सेना को कई अहम दिशा-निर्देश दिए, जिनमें यह भी कहा गया कि कुछ ऐसे क्षेत्रों में सेना को नेतृत्व करना चाहिए जहां एकीकरण और सहयोग बढ़ाया जा सके।

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राज शुक्ला की किताब से प्रेरणा की बात
जनरल चौहान ने कहा कि लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) राज शुक्ला की किताब ने इस विषय को गहराई से समझाया है। उन्होंने कहा कि भारत ने सिविल-मिलिट्री फ्यूजन की दिशा में कई प्रयास किए हैं, लेकिन अभी इस पर और काम करने की जरूरत है। उन्होंने आगे कहा राज शुक्ला ने अपनी किताब में जो विचार रखे हैं, वे न सिर्फ वर्तमान सुरक्षा परिदृश्य बल्कि भविष्य की रणनीतिक दिशा तय करने में मदद करेंगे।

सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने साझा किया अनुभव
इस मौके पर थल सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने भी अपने अनुभव साझा किए। उन्होंने कहा कि उन्होंने लेफ्टिनेंट जनरल राज शुक्ला (सेवानिवृत्त) से अपने करियर में बहुत कुछ सीखा है। हायर कमांड कोर्स हमेशा ‘क्यों’ पर केंद्रित रहता है। उनसे मैंने तीन महत्वपूर्ण बातें सीखी थीं, जिनमें से एक थी ऑपरेशन सिंदूर की नींव।

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जनरल द्विवेदी ने बताया कि जब 2016 में उरी हमला हुआ था, तब राज शुक्ला ने संभावित जवाबी रणनीति और भविष्य की तैयारी पर विस्तृत चर्चा की थी। आगे उन्होंने कि जब मेरे सामने ऐसी स्थिति आई, तो मुझे यह सब पहले से ही सामान्य और परिचित लगा, क्योंकि मैंने यह परिप्रेक्ष्य पहले देख लिया था।

राजनाथ सिंह ने किया दोनों पुस्तकों का विमोचन
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस अवसर पर दोनों पुस्तकों का विमोचन किया। पहली किताब 'सिविल मिलिट्री फ्यूजन एज अ मेट्रिक ऑफ नेशनल पावर एंड कॉम्प्रेहेंसिव सिक्योरिटी' भारत की रणनीतिक सोच और नीतिगत समन्वय पर केंद्रित है, जबकि दूसरी किताब 'पोर्टरेट्स ऑफ वेलर: टाइमलेस मिलिट्री आर्ट' भारतीय सैन्य इतिहास और कला पर आधारित कॉफी टेबल बुक है। 



 
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