सब्सक्राइब करें
Hindi News ›   India News ›   Center attacked: Congress now engulfing government on inflation with epidemic

केंद्र पर हमला: महामारी के साथ अब महंगाई पर भी सरकार को घेरने में जुटी कांग्रेस

डिजिटल ब्यूरो, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: सुरेंद्र जोशी Updated Tue, 11 May 2021 05:19 PM IST
सार

सुरजेवाला ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार पेट्रोल और डीजल की कीमतों को बढ़ाने के लिए कच्चे तेल की अंतरराष्ट्रीय कीमतों के बढ़ने की झूठी बहानेबाजी करती है। 

विज्ञापन
Center attacked: Congress now engulfing government on inflation with epidemic
रणदीप सिंह सुरजेवाला, महासचिव, कांग्रेस - फोटो : ANI
विज्ञापन

विस्तार
Follow Us

कांग्रेस ने केंद्र पर हमले तेज कर दिए हैं। पिछले कई दिनों से वह कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में हो रही मौतों को लेकर केंद्र सरकार को घेर रही थी। मंगलवार को वह महंगाई के मुद्दे पर भी मोदी सरकार को घेरते हुए दिखी। 

Trending Videos


कांग्रेस महासचिव रणदीप सुरजेवाला ने कहा, 'भारत के 130 करोड़ लोग आज कोरोना महामारी से लड़ रहे हैं लेकिन 'भारतीय जनलूट पार्टी' (भाजपा) की लूट जारी है।  पांच राज्यों में विधानसभाओं के चुनाव खत्म होते ही भाजपा सरकार का तेल की लूट का खेल दोबारा से शुरू हो गया है। मोदी सरकार ने पिछले आठ दिन में पेट्रोल 1.40 रुपए और डीजल को 1.63 रुपए प्रति लीटर महंगा कर दिया है।
विज्ञापन
विज्ञापन


सुरजेवाला ने ने आरोप लगाया कि सस्ता पेट्रोल-डीजल देने के वायदे पर सत्ता में आई मोदी सरकार पेट्रोल और डीजल की कीमतों को बढ़ाने के लिए कच्चे तेल की अंतरराष्ट्रीय कीमतों के बढ़ने की झूठी बहानेबाजी करती है। 

सच्चाई यह है कि कच्चे तेल की अंतरराष्ट्रीय कीमतें कांग्रेस के समय से एक चौथाई कम हैं। इसके बाद भी मोदी सरकार ने पेट्रोल-डीजल पर उत्पाद शुल्क को बार-बार बढ़ा कर जनता का तेल निकाल दिया है। सरकार जानबूझ कर लोगों को परेशान कर रही है। 

2014 में दाम 71 रुपये व आज 92 रुपये लीटर
रिकॉर्ड की बात है कि 26 मई 2014 को जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सत्ता संभाली थी, तब भारत की तेल कंपनियों को कच्चा तेल 108 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल मिल रहा था, जो तत्कालीन डॉलर-रुपया के अंतरराष्ट्रीय भाव के अनुसार 6,330 रुपए प्रति बैरल बनता है, जिसका अर्थ है तेल लगभग 40 रुपए प्रति लीटर के भाव पर पड़ रहा था। उस समय पेट्रोल व डीजल क्रमशः 71.41 और 55.49 रुपए प्रति लीटर में उपलब्ध था, जो आज मोदी सरकार में क्रमशः 91.80 और 82.36 रुपए प्रति लीटर बेचा जा रहा है। 

उत्पाद शुल्क तब 9.20 रुपये था, अब 23.78 रुपये
सुरजेवाला के मुताबिक, जब मई 2014 में मोदी ने सत्ता संभाली तो पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क केवल 9.20 रुपये प्रति लीटर और 3.46 रुपये प्रति लीटर पर था, जिसमें भाजपा सरकार द्वारा पेट्रोल पर 23.78 प्रति लीटर और डीजल पर 28.37 रुपए प्रति लीटर की बढ़ोतरी की गई है। यह यूपीए की तुलना में क्रमशः 258 और 820 प्रतिशत ज्यादा है। 

वर्ष 2014-15 से वर्ष 2020-21 तक 6.5 वर्षों की अवधि के बीच, केंद्रीय भाजपा सरकार ने 12 बार पेट्रोल और डीजल पर करों में वृद्धि की और जनता से साढ़े छह साल में 21.50 लाख करोड़ रुपए वसूले हैं। मोदी सरकार ने कोरोना काल में तो पेट्रोल-डीजल कीमतों में बार-बार बढ़ोतरी कर मुनाफाखोरी व शोषण के सभी हदों को पार कर दिया है। कोरोना काल में ही पेट्रोल पर 13 रुपए और डीजल में 16 रुपए प्रति लीटर एक्साइज ड्यूटी बढ़ाई गई है। 

कांग्रेस ने की यह मांगें
1.  घटे हुए अंतर्राष्ट्रीय कच्चे तेल की कीमतों का लाभ आम लोगों को मिलना चाहिए, पेट्रोल-डीजल की कीमतों में कमी की जाए।
2.  पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के अंतर्गत लाया जाना चाहिए।
3.  पेट्रोलियम उत्पादों को जीएसटी के अंतर्गत लाए जाने तक मोदी सरकार द्वारा पेट्रोल और डीजल पर बढ़ाई गई 23.78 प्रति लीटर व 28.37 रुपए प्रति लीटर की उत्पाद शुल्क वृद्धि को तुरंत वापस लिया जाए।

विज्ञापन
विज्ञापन

रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News apps, iOS Hindi News apps और Amarujala Hindi News apps अपने मोबाइल पे|
Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

विज्ञापन
विज्ञापन

एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें

Next Article

Election
एप में पढ़ें

Followed