{"_id":"693150eafd400c198701aff6","slug":"child-marriages-cause-early-maternity-suffering-says-union-minister-at-100-day-campaign-launch-2025-12-04","type":"story","status":"publish","title_hn":"Child Marriage: 'बाल विवाह, बेटियों का बचपन छीन उन्हें मातृत्व की ओर धकेल रहा', सरकार का विशेष जागरूकता अभियान","category":{"title":"India News","title_hn":"देश","slug":"india-news"}}
Child Marriage: 'बाल विवाह, बेटियों का बचपन छीन उन्हें मातृत्व की ओर धकेल रहा', सरकार का विशेष जागरूकता अभियान
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: नितिन गौतम
Updated Thu, 04 Dec 2025 02:44 PM IST
सार
केंद्र सरकार ने बाल विवाह के खिलाफ एक विशेष अभियान शुरू किया है। इस अभियान के तहत नागरिक समाज संगठनों से जुड़े लोगों, धार्मिक नेताओं को भी जोड़ा जा रहा है। साथ ही ग्राम पंचायत और नगर निगम स्तर पर इसे लेकर कार्यक्रम आयोजित कर लोगों को बाल विवाह के खतरों के प्रति जागरूक किया जाएगा।
विज्ञापन
बाल विवाह (प्रतीकात्मक)
- फोटो : अमर उजाला
विज्ञापन
विस्तार
केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने गुरुवार को एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि बाल विवाह बेटियों का बचपन छीन लेता है और उन्हें समय से पहले मातृत्व की ओर धकेल देता है, जिससे उन्हें अकल्पनीय परेशानियों का सामना करना पड़ता है। केंद्रीय मंत्री ने सरकार के 100 दिन के विशेष 'बाल विवाह मुक्त भारत अभियान' की शुरुआत करते हुए ये बात कही। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि देश को बाल विवाह के खिलाफ जीरो टोलेरेंस की नीति अपनानी चाहिए।
नागरिक समाज संगठनों को बाल विवाह के खिलाफ अभियान में जोड़ने की कोशिश
केंद्रीय मंत्री ने नागरिक समाज संगठनों और समुदाय के नेताओं से एकजुट होकर बाल विवाह की समस्या को खत्म करने की अपील की। उन्होंने कहा कि देश ने इस दिशा में ऐतिहासिक प्रगति की है, लेकिन अभी और काम किए जाने की जरूरत भी बताई। अन्नपूर्णा देवी ने कहा, 'हमारे लिए एक बाल विवाह भी अस्वीकार्य है।' केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री ने कहा कि साल 1929 में शारदा एक्ट से बाल विवाह के खिलाफ लड़ाई शुरू हुई थी और 2006 के बाल विवाह कानून तक कानूनी ढांचे को लगातार मजबूत किया गया है। केंद्रीय मंत्री ने कहा, 'बाल विवाह न सिर्फ कानून का उल्लंघन है बल्कि इसके चलते एक बेटी का बचपन छिन जाता है और समय से पहले ही उसे मातृत्व की ओर धकेल दिया जाता है, इससे उसे अकल्पनीय पीड़ा झेलनी पड़ती है।'
ये भी पढ़ें- SC: 'बीएलओ के काम के घंटे घटाने के लिए अतिरिक्त स्टाफ तैनात करें', सुप्रीम कोर्ट का राज्य सरकारों को निर्देश
'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ जैसे अभियानों का दिख रहा असर'
केंद्रीय मंत्री ने माना कि बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ जैसी पहल का सकारात्मक असर दिख रहा है और लिंगानुपात बेहतर हुआ है और उच्च शिक्षा में भी बेटियां के एडमिशन बढ़े हैं। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के सचिव अनिल मलिक ने कार्यक्रम के दौरान कहा कि सिर्फ कानून बनाकर ही समाज की इस बुराई को दूर नहीं किया जा सकता। बाल विवाह के खिलाफ सरकार का विशेष अभियान 27 नवंबर से लेकर 8 मार्च तक चलेगा। इसके तहत स्कूलों में कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे, समाज में जागरूकता लाने के लिए अभियान चलाए जाएंगे और धार्मिक नेताओं को भी इन जागरूकता अभियानों में शामिल किया जाएगा। ग्राम पंचायत और नगर निगम के स्तर पर भी कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
अन्य वीडियो
Trending Videos
नागरिक समाज संगठनों को बाल विवाह के खिलाफ अभियान में जोड़ने की कोशिश
केंद्रीय मंत्री ने नागरिक समाज संगठनों और समुदाय के नेताओं से एकजुट होकर बाल विवाह की समस्या को खत्म करने की अपील की। उन्होंने कहा कि देश ने इस दिशा में ऐतिहासिक प्रगति की है, लेकिन अभी और काम किए जाने की जरूरत भी बताई। अन्नपूर्णा देवी ने कहा, 'हमारे लिए एक बाल विवाह भी अस्वीकार्य है।' केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री ने कहा कि साल 1929 में शारदा एक्ट से बाल विवाह के खिलाफ लड़ाई शुरू हुई थी और 2006 के बाल विवाह कानून तक कानूनी ढांचे को लगातार मजबूत किया गया है। केंद्रीय मंत्री ने कहा, 'बाल विवाह न सिर्फ कानून का उल्लंघन है बल्कि इसके चलते एक बेटी का बचपन छिन जाता है और समय से पहले ही उसे मातृत्व की ओर धकेल दिया जाता है, इससे उसे अकल्पनीय पीड़ा झेलनी पड़ती है।'
विज्ञापन
विज्ञापन
ये भी पढ़ें- SC: 'बीएलओ के काम के घंटे घटाने के लिए अतिरिक्त स्टाफ तैनात करें', सुप्रीम कोर्ट का राज्य सरकारों को निर्देश
'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ जैसे अभियानों का दिख रहा असर'
केंद्रीय मंत्री ने माना कि बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ जैसी पहल का सकारात्मक असर दिख रहा है और लिंगानुपात बेहतर हुआ है और उच्च शिक्षा में भी बेटियां के एडमिशन बढ़े हैं। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के सचिव अनिल मलिक ने कार्यक्रम के दौरान कहा कि सिर्फ कानून बनाकर ही समाज की इस बुराई को दूर नहीं किया जा सकता। बाल विवाह के खिलाफ सरकार का विशेष अभियान 27 नवंबर से लेकर 8 मार्च तक चलेगा। इसके तहत स्कूलों में कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे, समाज में जागरूकता लाने के लिए अभियान चलाए जाएंगे और धार्मिक नेताओं को भी इन जागरूकता अभियानों में शामिल किया जाएगा। ग्राम पंचायत और नगर निगम के स्तर पर भी कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
अन्य वीडियो