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Rajya Sabha: 16 साल में 18,822 भारतीय नागरिकों को अमेरिका ने किया डिपोर्ट, जानें 2025 में कितने वापस भेजे गए

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: राहुल कुमार Updated Thu, 04 Dec 2025 03:25 PM IST
सार

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने गुरुवार को राज्यसभा में पिछले 16 वर्षों भारत निर्वासित किए गए भारतीय नागरिकों की संख्या साझा की है। विदेश मंत्री ने बताया कि अमेरिका ने वर्ष 2009 से अब तक कुल 18,822 भारतीय नागरिकों को निर्वासित किया है। उन्होंने इस साल भी निर्वासित भारतीयों की भी जानकारी साझा की है। 

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Jaishankar tells in Rajya Sabha 18822 Indian nationals deported by US since 2009, 3258 in 2025
डॉ. एस. जयशंकर, विदेश मंत्री - फोटो : पीटीआई
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विस्तार
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केंद्र सरकार ने गुरुवार को राज्यसभा को बताया कि 2009 से अब तक अमेरिका ने 18,822 भारतीय नागरिकों को निर्वासित किया है। वहीं जनवरी 2025 से अब तक 3,258 भारतीय नागरिकों को वापस भेजा गया है। यह जानकारी  विदेश मंत्री एस जयशंकर ने राज्यसभा में एक पूरक प्रश्न के जवाब में दी है। राज्यसभा में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बताया कि राज्य सरकारों और नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (एनआईए) ने भी मानव तस्करी के मामलों की जांच की है। सरकार की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक, मानव तस्करी के सबसे अधिक मामले पंजाब से देखने को मिले हैं। विदेश मंत्री ने एक सवाल के लिखित जवाब में राज्यसभा को बताया, 2009 से अब तक कुल 18,822 भारतीय नागरिकों को भारत डिपोर्ट किया गया है। 

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2025 में सबसे अधिक भारतीय किए गए निर्वासित
उन्होंने कहा कि 2023 में 617 भारतीयों को अमेरिका से निर्वासित किया गया था और 2024 में 1,368 लोगों को वापस भेजा गया था। लेकिन 2025 में इस आंकड़े में बड़ा उछाल देखने को मिला। जनवरी 2025 से अभी तक कुल 3,258 भारतीय नागरिकों को अमेरिका ने वापस भेजा है। इनमें से 2032 लोगों (लगभग 62.3 प्रतिशत) को सामान्य उड़ानों के जरिए वापस भारत भेजा, जबकि बाकी 1,226 (37.6 प्रतिशत) अमेरिकी आव्रजन एवं सीमा शुल्क प्रवर्तन (आईसीई) या सीमा शुल्क एवं सीमा सुरक्षा(सीबीपी) द्वारा संचालित चार्टर उड़ानों से लौटे हैं।
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इन मामलों की जांच कर रहा है मानव तस्करी विरोधी प्रकोष्ठ
लिखित सवालों का जवाब देते हुए विदेश मंत्री ने कहा कि एनआईए ने कुछ साल पहले एक मानव तस्करी विरोधी प्रकोष्ठ बनाया था। जिसे मानव तस्करी के मामलों की जांच का प्राधिकार प्राप्त है। राज्यों ने भी इस प्रकार के मामलों में जांच शुरू की है। एनआईए ने मानव तस्करी के 27 मामलों में प्राथमिकी दर्ज कर जांच की है, जिनमें 169 गिरफ्तारियां हुई हैं और 132 व्यक्तियों के खिलाफ आरोपपत्र दायर किए गए हैं। एनआईए ने हरियाणा और पंजाब में सात अगस्त को दो प्रमुख तस्करों को और हिमाचल प्रदेश में दो अक्टूबर को दो अन्य लोगों को गिरफ्तार किया।

पंजाब में तस्करी के सबसे अधिक मामले
विदेश मंत्री ने कहा कि राज्यों में पंजाब में मानव तस्करी के सर्वाधिक मामले हैं। पंजाब सरकार ने एसआईटी और एसआईटी गठित की है। पंजाब सरकार की ओर से मिली जानकारी के अनुसार, 58 अवैध ट्रैवल एजेंटों के खिलाफ 25 प्राथमिकी दर्ज हुई हैं और 16 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। वहीं हरियाणा राज्य में 2,325 मामले और 44 प्राथमिकी दर्ज हुई हैं। इन मामलों में 27 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। गुजरात राज्य ने भी एक महत्वपूर्ण तस्कर को गिरफ्तार किया है। उन्होंने बताया कि विदेश मंत्रालय, अमेरिकी आईसीई/सीबीपी की निर्वासन प्रक्रिया के दौरान भारतीय नागरिकों के साथ मानवीय व्यवहार सुनिश्चित करने हेतु अमेरिकी पक्ष के साथ निरंतर बातचीत कर रहा है।

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हरजीत कौर के मामले पर दी सफाई

उन्होंने कहा कि मंत्रालय ने विशेषकर महिलाओं और बच्चों के लिए हथकड़ी-बेड़ियों के उपयोग को लेकर अपनी कड़ी आपत्ति अमेरिकी अधिकारियों के समक्ष दर्ज कराई है। जयशंकर ने कहा  पांच फरवरी की निर्वासन उड़ान के बाद से महिलाओं और बच्चों को बेड़ियां पहनाने की कोई घटना मंत्रालय के संज्ञान में नहीं आई है। हरजीत कौर के मामले पर उन्होंने कहा, हमारे आव्रजन अधिकारियों ने पुष्टि की है कि उन्हें हथकड़ी नहीं लगाई गई थी, लेकिन हिरासत में उनके साथ दुर्व्यवहार हुआ।

सरकार ने हथकड़ी पहनाने के पीछे की बताई वजह
विदेश मंत्री ने बताया, उड़ान में सभी यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ऐसी नीति अपनाई गई है। अतीत में कुछ घटनाएं हुई हैं, जब निर्वासितों ने अन्य निर्वासितों और चालक दल के सदस्यों पर हमला किया था। महिलाओं और नाबालिगों को सामान्यतः बेड़ियां नहीं पहनाई जाती हैं, लेकिन उड़ान प्रभारी अधिकारी सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए अंतिम निर्णय लेते हैं। इन उड़ानों से ही आतंकवाद, हत्या, हत्या के प्रयास, रंगदारी आदि के आरोपी अपराधियों को भी वापस भेजा जाता है। उन्होंने कहा भारत के मामले में लखविंदर सिंह और अनमोल बिश्नोई जैसे फरार अपराधियों को भी ऐसे निर्वासन अभियानों के तहत वापस लाया गया है।

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