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Indian Army: देश की सुरक्षा के लिए बड़ा कदम, सीआईएसएफ और सेना ने एक साथ किया प्रशिक्षण; जानें क्या है उद्देश्य
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: पवन पांडेय
Updated Thu, 24 Jul 2025 06:03 PM IST
सार
जैसे-जैसे देश के सामने खतरों का स्वरूप बदल रहा है, वैसे-वैसे सुरक्षा बलों को भी नई रणनीतियों और तकनीकी क्षमता से लैस करना जरूरी हो गया है। सीआईएसएफ और भारतीय सेना के इस संयुक्त प्रयास ने यह स्पष्ट कर दिया है कि अब देश की सुरक्षा केवल सतर्कता तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि एक लड़ाकू-तैयार बल के रूप में आगे बढ़ेगी।
देश की महत्वपूर्ण परिसंपत्तियों की सुरक्षा को और मजबूत करने के लिए केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) ने भारतीय सेना के साथ मिलकर एक बड़ा संयुक्त प्रशिक्षण अभियान पूरा किया है। इस पहल का उद्देश्य सीआईएसएफ को तेजी से बदलते सुरक्षा खतरों का सामना करने के लिए तैयार बनाना है। यह पहली बार है जब कश्मीर घाटी में तैनात सेना की विशिष्ट यूनिट्स में सीआईएसएफ के बड़े बैचों को उन्नत युद्ध प्रशिक्षण दिया गया है। पहले जहां केवल कुछ ही जवानों को ऐसी ट्रेनिंग का मौका मिलता था, अब बड़ी संख्या में कर्मियों को शामिल किया गया है। इससे दोनों बलों के बीच बेहतर तालमेल और देश की सुरक्षा को लेकर सरकार की गंभीरता का संकेत मिलता है।
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देश की सुरक्षा के लिए बड़ा फैसला
- फोटो : ANI
उन्नत प्रशिक्षण में क्या-क्या शामिल था?
सीआईएसएफ के जवानों को ड्रोन हमलों, आतंकी हमलों, अंदरूनी खतरे और तोड़फोड़ जैसे जटिल हालात से निपटने की विशेष ट्रेनिंग दी गई। इसमें रात में ऑपरेशन, जंगल युद्ध कौशल, नजदीकी मुकाबले की तकनीक और लंबी दूरी की थकावट वाली ड्रिल शामिल थीं। यह प्रशिक्षण खासतौर पर सीआईएसएफ की क्विक रिएक्शन टीम (क्यूआरटी) के लिए था, जो देशभर की 369 इकाइयों में तैनात है और किसी भी खतरे पर सबसे पहले प्रतिक्रिया देती है। केवल वे ही जवान इस ट्रेनिंग में शामिल किए गए जो 35 वर्ष से कम उम्र के हैं और नेशनल सिक्योरिटी गार्ड (एनएसजी) के स्तर पर बनाए गए बैटल फिजिकल एफिशिएंसी टेस्ट (बीपीईटी) को पास कर चुके हैं।
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देश की सुरक्षा के लिए बड़ा कदम
- फोटो : ANI
इससे पहले, इन जवानों ने सीआईएसएफ की ओर से छह महीने का कड़ा इन-हाउस प्रशिक्षण भी लिया था ताकि वे वास्तविक खतरों का सामना करने में पूरी तरह सक्षम हो सकें।
भविष्य की योजना क्या है?
सीआईएसएफ अब इस उन्नत प्रशिक्षण को और अधिक यूनिट्स तक फैलाने की योजना बना रही है, खासकर उन इकाइयों तक जो देश की सबसे संवेदनशील और उच्च जोखिम वाली जगहों पर तैनात हैं - जैसे कि हवाई अड्डे, परमाणु संयंत्र, संसद भवन और सरकारी दफ्तर।
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देश की सुरक्षा के लिए बड़ा कदम
- फोटो : ANI
अधिकारियों का कहना है कि इस पहल का मुख्य उद्देश्य बल की शारीरिक क्षमता, रणनीतिक कुशलता और मानसिक मजबूती को बढ़ाना है, ताकि बदलते समय के साथ किसी भी खतरे का सामना आत्मविश्वास और कुशलता से किया जा सके। यह कदम न केवल देश की आंतरिक सुरक्षा को मजबूत करेगा, बल्कि यह सुनिश्चित करेगा कि हमारे हवाई अड्डे, न्यूक्लियर प्लांट्स और अन्य संवेदनशील संस्थान किसी भी खतरे से महफूज रहें।
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