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Congress On RSS: कांग्रेस का आरएसएस पर करारा हमला, कहा- केसरी में प्रकाशित लेख ने उजागर की 'ईसाई विरोधी सोच'
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, तिरुवनंतपुरम
Published by: पवन पांडेय
Updated Sun, 14 Sep 2025 01:24 PM IST
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सार
Congress Targets RSS: आरएसएस की मलयालम पत्रिका केसरी में प्रकाशित हालिया लेख को लेकर कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल ने संगठन पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि आरएसएस के लेख से उनकी की 'ईसाई विरोधी सोच' उजागर हुई है।

केसी वेणुगोपाल, आईसीसी महासचिव
- फोटो : ANI
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विस्तार
कांग्रेस ने रविवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) पर अल्पसंख्यक समुदायों, खासकर ईसाइयों के खिलाफ नफरत फैलाने का आरोप लगाया। पार्टी का कहना है कि आरएसएस की मलयालम पत्रिका केसरी में प्रकाशित हालिया लेख संगठन की 'ईसाई विरोधी सोच' को उजागर करता है।
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कांग्रेस का आरोप- नफरत फैलाने की साजिश
एआईसीसी के महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा कि आरएसएस का मकसद समाज में नफरत फैलाना और ईसाई समुदाय को धर्मांतरण के नाम पर देश का दुश्मन दिखाना है। उन्होंने सवाल किया कि क्या भाजपा इस लेख में व्यक्त विचारों को खारिज करने के लिए तैयार है। केसी वेणुगोपाल ने कहा, 'संघ परिवार का ईसाइयों के प्रति प्यार उतना ही नकली है, जितना रंगा हुआ लोमड़ी, जो चाहे जितना भी रंगा जाए, अपनी असल आवाज छुपा नहीं सकता।'
दो ननों की गिरफ्तारी का जिक्र
कांग्रेस नेता ने हाल ही में छत्तीसगढ़ में केरल की दो कैथोलिक ननों की गिरफ्तारी और रिहाई का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि इस घटना के बाद जिन नेताओं ने ननों के साथ तस्वीरें खिंचवाईं, उनकी असलियत इस लेख से सामने आ गई है। कांग्रेस नेता ने जनता से अपील की कि वे 'अंधे अल्पसंख्यक विरोधी भावनाओं' के खिलाफ सतर्क रहें।
विवादित लेख में क्या लिखा गया
यह विवाद केसरी में छपे उस लेख के बाद शुरू हुआ, जिसे हिंदू ऐक्यवेदि के राज्य उपाध्यक्ष ई.एस. बीजू ने लिखा है। लेख का शीर्षक था- 'आगोला मतपरिवर्तनथिंटे नालवझिकल' (वैश्विक धर्मांतरण की समयरेखा)। लेख में आरोप लगाया गया कि, देश में वर्षों से ईसाई धर्मांतरण करवा रहे हैं। छत्तीसगढ़ में ननों की गिरफ्तारी के मुद्दे को राजनीतिक और धार्मिक नेताओं ने एक एजेंडे के तहत भड़काया। संविधान में बदलाव की जरूरत है, क्योंकि 'वर्तमान हालात अजीब और असंतुलित' हो गए हैं। धर्मांतरण पर कानूनन प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए ताकि देश की पूरी आबादी की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।
यह भी पढ़ें - Tamil Nadu: सीतारमण ने जीएसटी के सकारात्मक प्रभावों पर दिया जोर, कहा- सुबह से रात तक, हर चीज में मिलेगा फायदा
आरएसएस की सोच पर सीधा वार
कांग्रेस का कहना है कि यह लेख साबित करता है कि आरएसएस अल्पसंख्यकों के खिलाफ अपनी विचारधारा को लगातार आगे बढ़ा रहा है। केसी वेणुगोपाल ने आरोप लगाया कि संगठन 'अंतिम सांस तक जहर उगलता रहेगा' और उसका असली चेहरा इस लेख से साफ हो गया है।

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कांग्रेस का आरोप- नफरत फैलाने की साजिश
एआईसीसी के महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा कि आरएसएस का मकसद समाज में नफरत फैलाना और ईसाई समुदाय को धर्मांतरण के नाम पर देश का दुश्मन दिखाना है। उन्होंने सवाल किया कि क्या भाजपा इस लेख में व्यक्त विचारों को खारिज करने के लिए तैयार है। केसी वेणुगोपाल ने कहा, 'संघ परिवार का ईसाइयों के प्रति प्यार उतना ही नकली है, जितना रंगा हुआ लोमड़ी, जो चाहे जितना भी रंगा जाए, अपनी असल आवाज छुपा नहीं सकता।'
दो ननों की गिरफ्तारी का जिक्र
कांग्रेस नेता ने हाल ही में छत्तीसगढ़ में केरल की दो कैथोलिक ननों की गिरफ्तारी और रिहाई का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि इस घटना के बाद जिन नेताओं ने ननों के साथ तस्वीरें खिंचवाईं, उनकी असलियत इस लेख से सामने आ गई है। कांग्रेस नेता ने जनता से अपील की कि वे 'अंधे अल्पसंख्यक विरोधी भावनाओं' के खिलाफ सतर्क रहें।
विवादित लेख में क्या लिखा गया
यह विवाद केसरी में छपे उस लेख के बाद शुरू हुआ, जिसे हिंदू ऐक्यवेदि के राज्य उपाध्यक्ष ई.एस. बीजू ने लिखा है। लेख का शीर्षक था- 'आगोला मतपरिवर्तनथिंटे नालवझिकल' (वैश्विक धर्मांतरण की समयरेखा)। लेख में आरोप लगाया गया कि, देश में वर्षों से ईसाई धर्मांतरण करवा रहे हैं। छत्तीसगढ़ में ननों की गिरफ्तारी के मुद्दे को राजनीतिक और धार्मिक नेताओं ने एक एजेंडे के तहत भड़काया। संविधान में बदलाव की जरूरत है, क्योंकि 'वर्तमान हालात अजीब और असंतुलित' हो गए हैं। धर्मांतरण पर कानूनन प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए ताकि देश की पूरी आबादी की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।
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आरएसएस की सोच पर सीधा वार
कांग्रेस का कहना है कि यह लेख साबित करता है कि आरएसएस अल्पसंख्यकों के खिलाफ अपनी विचारधारा को लगातार आगे बढ़ा रहा है। केसी वेणुगोपाल ने आरोप लगाया कि संगठन 'अंतिम सांस तक जहर उगलता रहेगा' और उसका असली चेहरा इस लेख से साफ हो गया है।