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Maha Kumbh: भारत की विरासत को दिखाने के लिए संस्कृति मंत्रालय की नई पहल, प्रयागराज में बनाया जाएगा 'कलाग्राम'

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, प्रयागराज Published by: काव्या मिश्रा Updated Fri, 13 Dec 2024 09:24 AM IST
सार

महाकुंभ को लेकर दीवारों में भी संस्कृति के रंग भरे जा रहे हैं। भारत की सभ्यता को चित्रों के माध्यम से उकेरा जा रहा है। 12 साल बाद लगने वाले महाकुंभ मेले की शुरुआत 13 जनवरी से हो रही है। यह 26 फरवरी तक चलेगा।

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Culture ministry plans Kalagram in Prayagraj to showcase India's heritage at Maha Kumbh 2025
महाकुंभ 2025 - फोटो : Amar Ujala
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विस्तार
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प्रयागराज देश दुनिया से पधारने वाले श्रद्धालुओं के स्वागत के लिए तैयार है। गली, चौराहों पर महाकुंभ की रौनक दिखने लगी है।वहीं, भारत की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक विरासत को उजागर करने के लिए संस्कृति मंत्रालय प्रयागराज में एक सांस्कृतिक गांव 'कलाग्राम' स्थापित करने जा रहा है। इस पहल की केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने घोषणा की। 

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महाकुंभ को लेकर दीवारों में भी संस्कृति के रंग भरे जा रहे हैं। भारत की सभ्यता को चित्रों के माध्यम से उकेरा जा रहा है।12 साल बाद लगने वाले महाकुंभ मेले की शुरुआत 13 जनवरी से हो रही है। यह 26 फरवरी तक चलेगा। शेखावत ने कहा कि संस्कृति मंत्रालय का उद्देश्य प्रयागराज में एक सांस्कृतिक गांव 'कलाग्राम' स्थापित करने का है। इसके लिए नागवासुकी में 10.24 एकड़ क्षेत्र आवंटित किया गया है। 
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10 हजार की क्षमता वाले पंडाल में होंगे कार्यक्रम
मंत्री ने बताया कि 10 हजार लोगों की क्षमता वाला एक गंगा पंडाल, सेलेब्रिटी प्रदर्शन की मेजबानी करेगा। इसके अलावा, झूंसी, नागवासुकी और अरेल में 4,000 की क्षमता वाले तीन मंच पंडाल स्थापित किए जाएंगे। कलाग्राम में एक एम्फीथिएटर 1,000 दर्शकों को बैठाने की सुविधा प्रदान करेगा। इन स्थलों में संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार विजेताओं और राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के प्रस्तुतियों द्वारा प्रदर्शन दिखाए जाएंगे।

क्या है पहल का उद्देश्य?
बता दें, शहर भर में 20 मंचों को वितरित किया जाएगा, जिन्हें उत्तर प्रदेश सरकार के संस्कृति विभाग और संस्कृति मंत्रालय के बीच समान रूप से विभाजित किया जाएगा। इस पहल का उद्देश्य महाकुंभ के दौरान आगंतुकों और स्थानीय लोगों के लिए सांस्कृतिक अनुभव को समृद्ध करना है।

अबतक कितना रोजगार?
पर्यटन मंत्रालय ने बताया कि 2022-2023 में इस क्षेत्र ने 76.17 मिलियन नौकरियां उत्पन्न कीं, जो 2013-2014 में 69.56 मिलियन से अधिक है। पर्यटन से विदेशी मुद्रा आय 2023 में 28.07 अरब डॉलर तक पहुंच गई, जो 2014 में 19.69 अरब डॉलर से 42.53% की वृद्धि दर्शाती है। 

भारत में विदेशी पर्यटकों का आगमन 2023 में 95 लाख तक पहुंच गया, जो 2014 में 77 लाख था, जो 23.96% की वृद्धि दर्शाता है। घरेलू पर्यटकों की यात्रा 2023 में 250 करोड़ तक पहुंच गई, जो 2014 में 123 करोड़ से 95.64% की उल्लेखनीय वृद्धि है।

वैश्विक रैंकिंग और योगदान
वैश्विक यात्रा और पर्यटन विकास सूचकांक में भारत की स्थिति 2014 में 65वें से सुधार कर 2024 में 39वें स्थान पर आ गई है। राष्ट्रीय जीडीपी में पर्यटन के योगदान के मामले में, भारत 2022 में वैश्विक स्तर पर छठे स्थान पर था। मंत्री शेखावत ने प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में संस्कृति और पर्यटन मंत्रालयों द्वारा विभिन्न उपलब्धियों और पहलों पर प्रकाश डाला। सरकार ने इन क्षेत्रों में सुधारों के माध्यम से सामाजिक-आर्थिक और बौद्धिक लाभों पर ध्यान केंद्रित किया है।

यह पहल सबका साथ, सबका विकास और विकास भी विरासत भी के दृष्टिकोण के अनुरूप है, जिसका उद्देश्य सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करते हुए समावेशी विकास है। ये प्रयास भारत के सांस्कृतिक और पर्यटन परिदृश्य को बढ़ाने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को रेखांकित करते हैं।

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