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EC: 'तीन महीने में सुलझाएंगे दशकों पुरानी समस्या', नकली मतदाता पहचान पत्र को लेकर चुनाव आयोग का बड़ा दावा
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: पवन पांडेय
Updated Fri, 07 Mar 2025 06:13 PM IST
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सार
Election Commission of India: भारतीय चुनाव आयोग ने नकली मतदाता पहचान पत्र को लेकर तमाम आरोपों को लेकर बड़ा दावा किया है। चुनाव आयोग ने कहा है कि वो इस दशकों पुरानी समस्या को मात्र तीन महीने में सुलझा लेंगे।

सांकेतिक तस्वीर
- फोटो : ANI
विस्तार
चुनाव आयोग (ईसी) ने शुक्रवार को कहा कि वह दशकों पुरानी डुप्लिकेट मतदाता पहचान पत्र (ईपीआईसी) नंबरों की समस्या को अगले तीन महीने में हल कर लेगा। चुनाव आयोग ने एक बयान में कहा कि भारत के चुनावी रजिस्टर दुनिया का सबसे बड़ा मतदाता डेटाबेस है, जिसमें 99 करोड़ से अधिक मतदाता पंजीकृत हैं।
ईपीआईसी नंबर के मामले का आयोग ने लिया संज्ञान
चुनाव आयोग ने एक बयान में कहा, 'डुप्लिकेट ईपीआईसी नंबरों के मामले में आयोग ने पहले ही संज्ञान लिया है। ईपीआईसी नंबर चाहे जैसा भी हो, एक मतदाता जो एक विशेष मतदान केंद्र के चुनावी रजिस्टर से जुड़ा हुआ है, केवल उसी मतदान केंद्र पर मतदान कर सकता है, और कहीं नहीं।'
लंबित मुद्दे को तीन महीने में हल करेंगे- चुनाव आयोग
आयोग ने आगे कहा कि उसने इस लंबित मुद्दे को अगले तीन महीने में तकनीकी टीमों और संबंधित राज्य मुख्य चुनाव अधिकारियों के साथ विस्तृत चर्चा के बाद हल करने का निर्णय लिया है। इस प्रक्रिया के तहत डुप्लिकेट ईपीआईसी नंबर वाले मतदाताओं को एक विशेष राष्ट्रीय ईपीआईसी नंबर प्रदान किया जाएगा। नया सिस्टम भविष्य के मतदाताओं के लिए भी लागू होगा।
टीएमसी ने समान ईपीआईसी नंबर को लेकर दर्ज कराई थी शिकायत
पश्चिम बंगाल में सत्ताधारी दल तृणमूल कांग्रेस ने कई राज्यों में डुप्लिकेट मतदाता पहचान पत्र नंबरों का मुद्दा उठाया और चुनाव आयोग पर कवर-अप का आरोप भी लगाया है। टीएमसी के एक प्रतिनिधिमंडल ने गुरुवार को कोलकाता में चुनाव आयोग के अधिकारियों से मुलाकात की और एक ही मतदाता फोटो पहचान पत्र (ईपीआईसी) नंबर के बारे में अपनी शिकायतें दर्ज कराईं। चुनाव आयोग के अधिकारियों के साथ बैठक के बाद पश्चिम बंगाल के मंत्री और कोलकाता मेयर फिरहाद हकीम ने पत्रकारों से कहा कि प्रत्येक मतदाता के पास एक विशिष्ट पहचान पत्र संख्या होनी चाहिए और उन्होंने इसे सुनिश्चित करने के लिए भौतिक सत्यापन की मांग की।
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ईपीआईसी नंबर के मामले का आयोग ने लिया संज्ञान
चुनाव आयोग ने एक बयान में कहा, 'डुप्लिकेट ईपीआईसी नंबरों के मामले में आयोग ने पहले ही संज्ञान लिया है। ईपीआईसी नंबर चाहे जैसा भी हो, एक मतदाता जो एक विशेष मतदान केंद्र के चुनावी रजिस्टर से जुड़ा हुआ है, केवल उसी मतदान केंद्र पर मतदान कर सकता है, और कहीं नहीं।'
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लंबित मुद्दे को तीन महीने में हल करेंगे- चुनाव आयोग
आयोग ने आगे कहा कि उसने इस लंबित मुद्दे को अगले तीन महीने में तकनीकी टीमों और संबंधित राज्य मुख्य चुनाव अधिकारियों के साथ विस्तृत चर्चा के बाद हल करने का निर्णय लिया है। इस प्रक्रिया के तहत डुप्लिकेट ईपीआईसी नंबर वाले मतदाताओं को एक विशेष राष्ट्रीय ईपीआईसी नंबर प्रदान किया जाएगा। नया सिस्टम भविष्य के मतदाताओं के लिए भी लागू होगा।
टीएमसी ने समान ईपीआईसी नंबर को लेकर दर्ज कराई थी शिकायत
पश्चिम बंगाल में सत्ताधारी दल तृणमूल कांग्रेस ने कई राज्यों में डुप्लिकेट मतदाता पहचान पत्र नंबरों का मुद्दा उठाया और चुनाव आयोग पर कवर-अप का आरोप भी लगाया है। टीएमसी के एक प्रतिनिधिमंडल ने गुरुवार को कोलकाता में चुनाव आयोग के अधिकारियों से मुलाकात की और एक ही मतदाता फोटो पहचान पत्र (ईपीआईसी) नंबर के बारे में अपनी शिकायतें दर्ज कराईं। चुनाव आयोग के अधिकारियों के साथ बैठक के बाद पश्चिम बंगाल के मंत्री और कोलकाता मेयर फिरहाद हकीम ने पत्रकारों से कहा कि प्रत्येक मतदाता के पास एक विशिष्ट पहचान पत्र संख्या होनी चाहिए और उन्होंने इसे सुनिश्चित करने के लिए भौतिक सत्यापन की मांग की।
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