Diwali: यूनेस्को की अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर की सूची में दीपावली शामिल, PM मोदी बोले- यह हमारी सभ्यता की आत्मा
Diwali: दीपावली को यूनेस्को की मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की प्रतिनिधि सूची में शामिल किया गया है। यह निर्णय दिल्ली के लाल किले में आयोजित बैठक के दौरान लिया गया। भारत की15 सांस्कृतिक विरासत इस सूची में शामिल है, जिनमें कुम्भ मेला, दुर्गा पूजा, गरबा नृत्य, योग और रामलीला शामिल हैं।
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यह पहली बार है जब भारत इसकी अंतरसरकारी समिति के सत्र की मेजबानी कर रहा है। यह समिति अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर की सुरक्षा के लिए कार्य करती है। इस समिति का 20वां सत्र आठ दिसंबर से 13 दिसंबर तक लाल किले में चल रहा है।
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New inscription on the #IntangibleHeritage List: Deepavali, #India🇮🇳.
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जब यूनेस्को ने घोषणा की कि दीपावली को यूनेस्को के त्योहारों की सूची में शामिल कर दिया गया है, तब वहां मौजूद लोग 'वंदे मातरम' और 'भारत माता की जय' के नारे लगाने लगे।
वर्तमान में भारत के 15 तत्व यूनेस्को की मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर की प्रतिनिधि सूची में दर्ज हैं। इनमें कुम्भ मेला, कोलकाता की दुर्गा पूजा, गुजरात का गरबा नृत्य, योग, वैदिक मंत्रपाठ की परंपरा और रामलीला (महाकाव्य 'रामायण' का पारंपरिक प्रदर्शन) शामिल हैं।
पीएम मोदी ने यूनेस्को के निर्णय पर क्या कहा?
यूनेस्को के निर्णय पर पीएम मोदी ने कहा, भारत और दुनियाभर के लोग उत्साहित हैं। हमारे लिए दीपावली हमारी संस्कृति और लोकाचार से बहुत गहराई से जुड़ी हुई है। यह हमारी सभ्यता की आत्मा है। यह प्रकाश और धार्मिकता का प्रतीक है। यूनेस्को की अमूर्त विरासत सूची में दीपावली के शामिल होने से इस त्यौहार की वैश्विक लोकप्रियता और भी बढ़ जाएगी। प्रभु श्री राम के आदर्श हमें अनंत काल तक मार्गदर्शन करते रहें।
भारत के लिए ऐतिहासिक दिन: केंद्रीय संस्कृति मंत्री गजेंद्र शेखावत
केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने एक्स पर लिखा, भारत के लिए एक ऐतिहासिक दिन। दीपावली को आधिकारिक तौर पर यूनेस्कों की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की सूची में शामिल कर लिया गया है। माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में भारती की सांस्कृतिक विरासत को अभूतपूर्व वैश्विक मान्यता मिल रही है और यह उपलब्धि इस यात्रा को और मजबूत करती है। उन्होंने कहा, यह सम्मान हमारे प्रकाश पर्व के सार्वभौमिक संदेश 'निराशा पर आशा की विजय', 'विभाजन पर सद्भाव की विजय' और 'सभी के लिए प्रकाश' का प्रतीक है। यूनेस्को और हमारी चिरस्थायी परंपराओं के सभी संरक्षकों के प्रति मैं कृतज्ञता व्यक्त करता हूं। जय हिंद।