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Delhi Blast: कई गाड़ियों को विस्फोटकों से लैस करने की थी साजिश, कई शहर थे निशाने पर; जांच में खुलासा
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: नितिन गौतम
Updated Thu, 13 Nov 2025 10:28 AM IST
सार
आरोपियों की साजिश दो-दो के समूहों में चार शहरों में जाने की थी। प्रत्येक समूह अपने साथ कई आईईडी ले जाने वाला था। जांच में खुलासा हुआ है कि डॉक्टर उमर छह दिसंबर को बाबरी विध्वंस की बरसी पर दिल्ली में मुंबई के 2008 के 26/11 जैसे हमले को अंजाम देने की फिराक में था।
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दिल्ली बम धमाके में कई अहम खुलासे
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
दिल्ली विस्फोट और फरीदाबाद आतंकी मॉड्यूल की जांच कर रही एजेंसियों को डॉ. उमर और डॉ. मुजम्मिल की डायरियां मिली हैं। ये डायरियां अल-फलाह यूनिवर्सिटी कैंपस से कमरा नंबर चार और कमरा नंबर 13 से मिली हैं, जहां उमर और मुजम्मिल रहते थे। इन डायरियों में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। इनसे पता चला है कि आतंकी बीते दो वर्षों से विभिन्न जगहों पर धमाके की साजिश बना रहे थे। डायरियों में कई बातें कोड भाषा में लिखी गई हैं, जिनका खुलासा करने में जांच एजेंसियां जुटी हैं।
कहां से जुटाया गया इतना अमोनियम नाइट्रेट?
जांच में पता चला है कि मेवात के नूंह से अमोनियम नाइट्रेट बनाने के लिए फर्टिलाइजर खरीदा गया था। स्पेशल सेल की टीम ने नूंह में छापा मारा है। वहां कई फर्टिलाइजर की दुकानों की वीडियो बनाकर जम्मू कश्मीर पुलिस को भेजा है, ताकि मुजम्मिल उस दुकान की पहचान कर सके जहां से उसने और उमर ने फर्टिलाइजर के तौर पर केमिकल लिया था। यह जानकारी भी सामने आई है कि लाल किला विस्फोट के आरोपी डॉ. मुजम्मिल, डॉ. आदिल, उमर और शाहीन ने मिलकर लगभग 20 लाख रुपये नकद जुटाए, ये रुपये उमर को सौंपे गए थे। बाद में इन्होंने गुरुग्राम, नूंह और आसपास के इलाकों से आईईडी तैयार करने के लिए तीन लाख रुपये का 20 क्विंटल से ज्यादा नाइट्रोजन, फॉस्फोरस और पोटैशियम उर्वरक खरीदा था।
कितनी कारों को विस्फोटक से लैस करने की थी साजिश?
जांच से जुड़े सूत्रों के अनुसार, संदिग्धों ने कई जगहों पर हमले करने के लिए लगभग 32 पुराने वाहनों को विस्फोटक से लैस करने की साजिश बनाई थी। यह खुलासा राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए एक गंभीर खतरे की ओर इशारा करता है। एक खुफिया सूत्र ने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया कि i20 और इकोस्पोर्ट कार के बाद ये आतंकी 32 अन्य पुरानी गाड़ियों को विस्फोटक से लैस करने की साजिश रच रहे थे, जिससे बड़े पैमाने पर तबाही मचाई जा सके।
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कहां से जुटाया गया इतना अमोनियम नाइट्रेट?
जांच में पता चला है कि मेवात के नूंह से अमोनियम नाइट्रेट बनाने के लिए फर्टिलाइजर खरीदा गया था। स्पेशल सेल की टीम ने नूंह में छापा मारा है। वहां कई फर्टिलाइजर की दुकानों की वीडियो बनाकर जम्मू कश्मीर पुलिस को भेजा है, ताकि मुजम्मिल उस दुकान की पहचान कर सके जहां से उसने और उमर ने फर्टिलाइजर के तौर पर केमिकल लिया था। यह जानकारी भी सामने आई है कि लाल किला विस्फोट के आरोपी डॉ. मुजम्मिल, डॉ. आदिल, उमर और शाहीन ने मिलकर लगभग 20 लाख रुपये नकद जुटाए, ये रुपये उमर को सौंपे गए थे। बाद में इन्होंने गुरुग्राम, नूंह और आसपास के इलाकों से आईईडी तैयार करने के लिए तीन लाख रुपये का 20 क्विंटल से ज्यादा नाइट्रोजन, फॉस्फोरस और पोटैशियम उर्वरक खरीदा था।
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कितनी कारों को विस्फोटक से लैस करने की थी साजिश?
जांच से जुड़े सूत्रों के अनुसार, संदिग्धों ने कई जगहों पर हमले करने के लिए लगभग 32 पुराने वाहनों को विस्फोटक से लैस करने की साजिश बनाई थी। यह खुलासा राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए एक गंभीर खतरे की ओर इशारा करता है। एक खुफिया सूत्र ने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया कि i20 और इकोस्पोर्ट कार के बाद ये आतंकी 32 अन्य पुरानी गाड़ियों को विस्फोटक से लैस करने की साजिश रच रहे थे, जिससे बड़े पैमाने पर तबाही मचाई जा सके।
कितनी जगहों पर धमाकों की थी साजिश?
दिल्ली बम धमाके की जांच में पता चला है कि लगभग आठ संदिग्धों ने चार जगहों पर सिलसिलेवार विस्फोट करने की साजिश बनाई थी। आरोपियों की साजिश दो-दो के समूहों में चार शहरों में जाने की थी। प्रत्येक समूह अपने साथ कई आईईडी ले जाने वाला था। जांच में खुलासा हुआ है कि डॉक्टर उमर छह दिसंबर को बाबरी विध्वंस की बरसी पर दिल्ली में मुंबई के 2008 के 26/11 जैसे हमले को अंजाम देने की फिराक में था। इसीलिए बड़ी मात्रा में विस्फोटक जमा किया गया था। एजेंसियों के मुताबिक, लाल किला, इंडिया गेट, कॉन्स्टीट्यूशन क्लब और गौरी शंकर मंदिर उनके निशाने पर थे। देशभर में रेलवे स्टेशनों और शॉपिंग मॉल्स को भी निशाना बनाने की तैयारी थी।
ये भी पढ़ें- NIA: अल कायदा से जुड़े आतंकियों की तलाश में एनआईए की पांच राज्यों में छापेमारी, रडार पर बांग्लादेशी
दिल्ली बम धमाके की जांच में पता चला है कि लगभग आठ संदिग्धों ने चार जगहों पर सिलसिलेवार विस्फोट करने की साजिश बनाई थी। आरोपियों की साजिश दो-दो के समूहों में चार शहरों में जाने की थी। प्रत्येक समूह अपने साथ कई आईईडी ले जाने वाला था। जांच में खुलासा हुआ है कि डॉक्टर उमर छह दिसंबर को बाबरी विध्वंस की बरसी पर दिल्ली में मुंबई के 2008 के 26/11 जैसे हमले को अंजाम देने की फिराक में था। इसीलिए बड़ी मात्रा में विस्फोटक जमा किया गया था। एजेंसियों के मुताबिक, लाल किला, इंडिया गेट, कॉन्स्टीट्यूशन क्लब और गौरी शंकर मंदिर उनके निशाने पर थे। देशभर में रेलवे स्टेशनों और शॉपिंग मॉल्स को भी निशाना बनाने की तैयारी थी।
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कैसे हुआ आतंकी मॉड्यूल की पूरी साजिश का खुलासा?
19 अक्तूबर 2025 को श्रीनगर से कोई 16-17 किलोमीटर दूर बनपोरा नौगाम इलाके में कुछ पोस्टर नजर आए। ये पोस्टर आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद के समर्थन में लगाए गए थे। पुलिस को जब इन पोस्टर्स की सूचना मिली तो एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू की गई। यहीं से सफेदपोश आतंकी मॉडल की परतें खुलनी शुरू हुईं।
इन पोस्टर की कड़ियां जोड़ते हुए पुलिस ने कश्मीर के कुछ स्थानीय लोगों को पकड़ा। इनसे हुई पूछताछ में जम्मू कश्मीर पुलिस फरीदाबाद में रहने वाले कश्मीर के ही डॉ. मुजम्मिल तक पहुंची और फिर सहारनपुर के एक निजी अस्पताल में काम करने वाले डॉ. आदिल तक पहुंची। डॉ. आदिल ने ही जैश के समर्थन में पोस्टर लगाए। संदिग्धों से पूछताछ के बाद पुलिस ने मुजम्मिल के ठिकानों पर छापेमारी की और वहां से भारी मात्रा में विस्फोटक और हथियार बरामद किए। इस बरामदगी के बाद ही 10 नवंबर को लाल किले के पास कार में विस्फोट हुआ। जिसमें इनका साथी डॉ. उमर सवार था। 10 नवंबर को ही पुलिस ने मुजम्मिल की सहयोगी और कथित प्रेमिका डॉ. शाहीन सईद और उसके भाई परवेज को गिरफ्तार किया।